Poetry -Kavita (All Audios)
Him ki tarah pighal (हिम की तरह पिघल)
Him ki tarah pighal (हिम की तरह पिघल)
Him ki tarah pighal (हिम की तरह पिघल)
Narrator
बाधाएं और समस्याएं हर कदम पर हमारी प्रगति को रोकने की कोशिश करती है , किंतु हमें हार ना मानकर निरंतर प्रयास करते हुए अपना कर्म करना है | यह संदेश देते हुए यह कविता की पंक्तियां……
Le lia jag ne mol (ले लिया जग ने मोल)
Le lia jag ne mol (ले लिया जग ने मोल)
Le lia jag ne mol (ले लिया जग ने मोल)
Narrator
दर्द सहने की भी एक सीमा होती है |जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है , तो इसका एहसास भी धीरे-धीरे खत्म हो जाता है |ऐसी स्थिति भी आती है इसकी पीड़ा के कारण हम कठोर हो जाते हैं
Sunami Jwar reh gya hu (सुनामी ज्वार रह गया हूँ)
Sunami Jwar reh gya hu (सुनामी ज्वार रह गया हूँ)
Sunami Jwar reh gya hu (सुनामी ज्वार रह गया हूँ)
Narrator
एक सेवानिवृत्त व्यक्ति के दिनचर्या, उसकी सोच और उसके जीवन में आए बदलाव को आलोकित करती हुई यह गीत भावना तिवारी की आवाज में ….
Mai hu 78 ka ( मैं हूँ 78 का)
Mai hu 78 ka ( मैं हूँ 78 का)
Mai hu 78 ka ( मैं हूँ 78 का)
Narrator
जब ऐसा व्यक्ति जो कहने को अपनी समस्त प|रिवारिक जिम्मेदारियों को पूर्ण कर चुका है, उसका शरीर कमजोर हो गया हो |तब भी क्या वास्तव में इस सांसारिक संवेदना से परे है ? ऐसी स्थिति में उसकी क्या मनोदशा होती है इस गीत के माध्यम से समझते हैं “ मैं हूं 78 का “….
Dar jaisa lagta hai (डर जैसा लगता है)
Dar jaisa lagta hai (डर जैसा लगता है)
Dar jaisa lagta hai (डर जैसा लगता है)
Narrator
हमारी कई बार ऐसी मनोस्थिति हो जाती है कि हमें अपने घर में ही वह प्रेम और शांति नहीं प्राप्त हो पाती है, जो घर के बाहर प्राप्त हो जाती है |कविता के माध्यम से इसी मनोभाव को प्रकट किया गया है…
Chitvan Me Bhar Diye Rang ( चितवन में भर दिए रंग )
Chitvan Me Bhar Diye Rang ( चितवन में भर दिए रंग )
Chitvan Me Bhar Diye Rang ( चितवन में भर दिए रंग )
Narrator
प्रेम में होने पर अक्सर प्रेमी युगल अपनी कल्पना में अपनी प्रेमी अथवा प्रेमिका की तस्वीर बनाते हैं इसी भाव को गीत में प्रस्तुत किया गया है सुनिए भावना तिवारी जी की आवाज में प्रोफेसर रामस्वरूप सिंदूर ji के शब्दों में
Yaad ve Bandhan kar Lena (याद वे बंधन कर लेना )
Yaad ve Bandhan kar Lena (याद वे बंधन कर लेना )
Yaad ve Bandhan kar Lena (याद वे बंधन कर लेना )
Narrator
जब मन अपनी प्रेयसी के बिछड़ने पर शिथिल हो जाता है ,तो पुनः उसे ऊर्जावान बनाने के लिए उन साथ बिताए हुए पलों को याद कर लेना चाहिए | इसी तरह की भावना से ओतप्रोत है, कविता की यह पंक्तियां….
Tod tan ke moh (तोड़ तन के मोह)
Tod tan ke moh (तोड़ तन के मोह)
Tod tan ke moh (तोड़ तन के मोह)
Narrator
ईश्वर से जब हम अपने को पूरी तरीके से जोड़ लेते हैं तब जीवन में किसी भी वाहय शक्ति का भय से पूर्णतया मुक्त हो जाते हैं |
Pinjra Sone ka Swikaar Nahi Mujko (पिंजरा सोने का स्वीकार नहीं मुझको )
Pinjra Sone ka Swikaar Nahi Mujko (पिंजरा सोने का स्वीकार नहीं मुझको )
Pyar tumhara sach lagta hai (प्यार तुम्हारा सच लगता है)
Pyar tumhara sach lagta hai (प्यार तुम्हारा सच लगता है)
Pyar tumhara sach lagta hai (प्यार तुम्हारा सच लगता है)
Narrator
जब कोई व्यक्ति प्रेम में होता है ,तो वास्तव में उसके अलावा हर एक बात मिथ्या लगती है | इसी अहसास को दर्शाता यह मधुर गीत भावना तिवारी जी की आवाज में
Jo Baag lagaya Tha (जो बाग लगाया था)
Jo Baag lagaya Tha (जो बाग लगाया था)
Jo Baag lagaya Tha (जो बाग लगाया था)
Narrator
यह उन महिलाओं को समर्पित कविता है ,जो अपना संपूर्ण जीवन अपने परिवार , अपने बच्चों के लिए अर्पित कर देती है, किंतु उन्हें कभी भी इसका प्रतिफल नहीं प्राप्त होता | भावना तिवारी जी की भावपूर्ण आवाज में कविता “ जो बाग लगाया था “……
Kakahra prem ka (ककहरा प्रेम का)
Kakahra prem ka (ककहरा प्रेम का)
Kakahra prem ka (ककहरा प्रेम का)
Narrator
यह मधुर गीत उस स्थिति को दर्शाता है ,जब हम नए-नए प्रेम में पड़ते हैं | हमारा तन – मन हमारे काबू में नहीं होता | भावना तिवारी जी की मधुर आवाज में….
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Chunauti (चुनौती)
Chunauti (चुनौती)
Chunauti (चुनौती)
Narrator
Genre
दृढ़ संकल्प के साथ यह ठान लेना होगा हर असंभव बात को संभव करके दिखाना ही होगा , चाहे कोई भी विषम परिस्थिति हमारे सामने खड़ी क्यों ना हो ,अनुपम ध्यानी की आवाज में कविता ” चुनौती” …
Parwaz (परवाज़)
Parwaz (परवाज़)
Parwaz (परवाज़)
Narrator
उन माता-पिता की स्थिति , जिनके बच्चे विदेशों में जा बसे हैं | वृद्ध माता पिता सिर्फ अपने बच्चों के आने का इंतजार करते -करते थक जाते हैं ,किंतु यह इंतजार उनका खत्म नहीं होता | दिल को छू लेने वाली इस मार्मिक कविता में इस एहसास को समझ सकते हैं| भावना तिवारी जी की मधुर आवाज में …
Yudh (युद्ध)
Yudh (युद्ध)
Yudh (युद्ध)
Narrator
Genre
जीवन की किसी भी परिस्थिति से हार न मानना और डटकर उसका सामना करना इस बात को जीवंत करती हुई अनुपम ध्यानी की आवाज में यह कविता युद्ध।
Sthir or sthai (स्थिर और स्थाई)
Sthir or sthai (स्थिर और स्थाई)
Sthir or sthai (स्थिर और स्थाई)
Narrator
Genre
स्थिरता और स्थायित्व सुनने और समझने में एक जैसे लगते हैं किंतु स्थिरता हम यह कह सकते हैं जैसे उसने कभी हार ना मानी हो स्थायित्व जिसने कभी लड़ा ही ना हो….. , इसके मूल रूप को समझने के लिए सुनते हैं अनुपम ध्यानी की आवाज में यह कविता….
Aham Brahmaismi (अहम् ब्रह्मास्मि)
Aham Brahmaismi (अहम् ब्रह्मास्मि)
Aham Brahmaismi (अहम् ब्रह्मास्मि)
Narrator
Genre
हमारे अंदर ईश्वर होता है अतः अपनी शक्ति पर पूर्ण विश्वास कर हम किसी भी परिस्थिति से निपट सकते हैं इस सत्य भावना को सजग करती हुई अनुपम ध्यानी की यह पंक्तियां…
Ban, na Ban (बन , न बन)
Ban, na Ban (बन , न बन)
Ban, na Ban (बन , न बन)
Narrator
रणभूमि का शव tu बन जा, पर रंगमंच की प्रीत ना बन” वास्तविकता में जीवन इसी भांति जीना चाहिए | कविता के शब्दों मे रूप से स्पष्ट रूप से प्रकट किया गया है |अनुपम ध्यानी की आवाज में कविता” Ban, na Ban “…
Jaan kar chalo maan kar nahi (जान कर चलो, मान कर नहीं)
Jaan kar chalo maan kar nahi (जान कर चलो, मान कर नहीं)
Jaan kar chalo maan kar nahi (जान कर चलो, मान कर नहीं)
Narrator
Genre
क्या गलत है, क्या सही |बिना जाने -समझे किसी भी बात की रूपरेखा खींच लेना कितना उचित है ?क्या यह उचित नहीं होगा कि जब तक हम किसी भी बात को पूर्ण रूप से ना समझ ले, तब तक किसी भी बात पर अपना निर्णय नहीं बनाना चाहिए | इसी बात को उजागर करती हुई अनुपम ध्यानी की आवाज में कविता जानकर चलो मान कर नहीं..
Mujhe mashalain raas ati hai (मुझे मशालें रास आती हैं)
Mujhe mashalain raas ati hai (मुझे मशालें रास आती हैं)
Mujhe mashalain raas ati hai (मुझे मशालें रास आती हैं)
Narrator
“मुरझाई दिए की बाती पवन का वेग नहीं सहन कर पाती ,मशाल हवा के संग अनूठा नृत्य निर्वाण है “ , हमें अपने को इतना कठोर बना लेना चाहिए कि बड़े से बड़े अवसाद को भी सरलता से झेल सकें ,ना कि जरा से अवसाद में हम बिखर जाएं | कविता “मुझे मशाल रास आती है” के मूल रूप में इसी संदेश को दिया गया है…
Banooga aur banaunga (बनुंगा और बनाउंगा)
Banooga aur banaunga (बनुंगा और बनाउंगा)
Banooga aur banaunga (बनुंगा और बनाउंगा)
Narrator
Genre
“बना बनाया कौन आया , सब यही बनते हैं “ ..यह हमारे ऊपर ही निर्भर करता है कि जीवन को हम किस दृष्टि से देखते हैं |
Rakh Banu Dhul Nahi (राख बनु धूल नहीं)
Rakh Banu Dhul Nahi (राख बनु धूल नहीं)
Rakh Banu Dhul Nahi (राख बनु धूल नहीं)
Narrator
“तीखा जीवित कांटा बनू ,शवों पर निर्जीव फूल नहीं “, हमें जीवन इस ढंग से जीना चाहिए कि खुद हम अपने ऊपर गर्व महसूस कर सकें |इसी भावना को सजग करते हुए अनुपम ध्यानी की आवाज में खूबसूरत कविता “राख बनो धूल नहीं”…
Kavi kavva hai (कवि कव्वा है)
Kavi kavva hai (कवि कव्वा है)
Kavi kavva hai (कवि कव्वा है)
Narrator
Genre
कवि हमेशा सत्य का परिचय कराता है ,हो सकता है वह सत्य कटु लगे ऐसी स्थिति में हमेशा कवि की उपेक्षा की जा जाती है |
Dohe (दोहे)
Dohe (दोहे)
Muktak (मुक्तक)
Muktak (मुक्तक)
Muktak (मुक्तक)
Narrator
Genre
हिंदी साहित्य की विधा मुक्तक जिसमें कम शब्दों में बहुत बड़ी बात बयान की जाती हैहिंदी साहित्य की विधा मुक्तक जिसमें कम शब्दों में बहुत बड़ी बात बयान की जाती है
Ghazal (ग़ज़लें )
Ghazal (ग़ज़लें )
Yaad aae phele phele pyar ki (याद आए पहले पहले प्यार की )
Yaad aae phele phele pyar ki (याद आए पहले पहले प्यार की )
Phir Kabir Gayega (फिर कबीर गायेगा )
Phir Kabir Gayega (फिर कबीर गायेगा )
Phir Kabir Gayega (फिर कबीर गायेगा )
Narrator
किसी भी कवि की यह नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह समाज को अपने गीतों के माध्यम से समाज को मानवता का संदेश दे | इसी तरह की भावनाओं से ओतप्रोत है राजीव राज के द्वारा लिखा हुआ यह गीत
Oos Hoon (ओस हूँ )
Oos Hoon (ओस हूँ )
Jo Lautna Ho Tumko (जो लौटना हो तुमको )
Jo Lautna Ho Tumko (जो लौटना हो तुमको )
Main Hindustan Hoon (मैं हिंदुस्तान हूँ)
Main Hindustan Hoon (मैं हिंदुस्तान हूँ)
Pallu (पल्लू )
Pallu (पल्लू )
Pallu (पल्लू )
Narrator
Genre
Maa ही जगत की निर्माता होती है उसका आशीष हमें सभी संकटों से दूर करता है कविता में इसका उल्लेख किया गया
Ratnawali (रत्नावली )
Ratnawali (रत्नावली )
Ratnawali (रत्नावली )
Narrator
Genre
तुलसीदास के जीवन में रत्नावली की भूमिका को बयान करती हुई है कविता
Janki (जानकी )
Janki (जानकी )
Janki (जानकी )
Narrator
Genre
आत्मरक्षा आत्मनिर्भरता पर संदेश बेटियों को इस कविता के द्वारा दिया गया है
Bhrun Parikshan (भ्रूण परिक्षण)
Bhrun Parikshan (भ्रूण परिक्षण)
Shaheed ka Parivar (शहीद का परिवार )
Shaheed ka Parivar (शहीद का परिवार )
Samay Badalna Hoga (समय बदलना होगा )
Samay Badalna Hoga (समय बदलना होगा )
Samay Badalna Hoga (समय बदलना होगा )
Narrator
देश प्रेम की हुंकार तो हम सब भरते हैं, किंतु हम धर्म, जाति मैं इतना बटे हुए हैं कि वास्तव में देश के प्रति अपने फर्ज़ नहीं निभाते | इसी बात पर कटाक्ष करते हुए प्रमोद तिवारी जी की यह कविता “समय बदलना होगा”, सोचने पर मजबूर कर देगी कि वास्तव में देश के प्रति हमारा क्या फर्ज़ है और हम देश के प्रति क्या कर सकते हैं
Deep Tumhare Naino Ke (दीप तुम्हारे नैनों के)
Deep Tumhare Naino Ke (दीप तुम्हारे नैनों के)
Diary Ke Panne (डायरी के पन्ने)
Diary Ke Panne (डायरी के पन्ने)
Do Naina Hai (दो नैना है )
Do Naina Hai (दो नैना है )
Do Naina Hai (दो नैना है )
Narrator
यह एक ऐसा प्रेम गीत है जिसमें कवि अपनी प्रेमिका को औरउसके प्रेम को हर पल महसूस कर सकता है |कैसे ?जानते हैं डॉ राजीव राज के द्वारा लिखी गई एक खूबसूरत प्रेम गीत उन्हीं की आवाज में….
Ghar Ko Ghar Banati Ho (घर को घर बनाती हो )
Ghar Ko Ghar Banati Ho (घर को घर बनाती हो )
Ghar Ko Ghar Banati Ho (घर को घर बनाती हो )
Narrator
नारी ईश्वर की की सबसे सुंदर कृति है, किंतु समाज में नारी को क्या वह स्थान मिला है, जो उसे मिलना चाहिए |जब एक घर बनाने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने वाली नारी से यह कहा जाता है कि तुम क्या करती हो? यह भाव कितना असहनीय होता है | इसी संदर्भ में डॉक्टर राजीव राय की यह गीत इस हकीकत को उजागर करता है
Yaad Aae Tum Ghadhi Ghadhi (याद आए तुम घड़ी घड़ी )
Yaad Aae Tum Ghadhi Ghadhi (याद आए तुम घड़ी घड़ी )
Yaad Aae Tum Ghadhi Ghadhi (याद आए तुम घड़ी घड़ी )
Narrator
अतीत की यादों की ओर ले जाने वाला यह गीत, जिसमें कवि जब एकांत बैठकर अपने बीते हुए कल को याद करता है और उसका चित्र उसके शब्दों में समाहित हो जाता है
Yaadein Jheeni Re (यादें झीनी रे )
Yaadein Jheeni Re (यादें झीनी रे )
Yaad aa gya mujko guzra zamana (याद आ गया मुझको गुज़रा ज़माना )
Yaad aa gya mujko guzra zamana (याद आ गया मुझको गुज़रा ज़माना )
Yaad aa gya mujko guzra zamana (याद आ गया मुझको गुज़रा ज़माना )
Narrator
अक्सर हमारा वक्त बीती -बातों को याद करने में चला जाता है| आप कुछ ऐसा ही पल्लवी के द्वारा लिखी गई कविताyad aa gya mujko gujra zamana(याद आ गया मुझको गुज़रा ज़माना) को सुनकर निश्चित तौर पर सब अपने बचपन में जरूर लौट जाएंगे, उन पलों को याद करेंगे, जो हमारे- आपके जीवन का एक खूबसूरत हिस्सा है |
Ab usko jana hoga (अब उसको जाना होगा)
Ab usko jana hoga (अब उसको जाना होगा)
Ab usko jana hoga (अब उसको जाना होगा)
Narrator
Genre
अगर अपने प्रेमी से मिलन संसार की सबसे सुखद अनुभूति है उसी प्रकार अपने प्रेमी से हमेशा का विछोह सबसे दुखद अनुभूति होती है। राधा-कृष्ण के विछोह के प्रसंग से संबंधित ये पंक्तियां उसी पीड़ा का अनुभव कराती हैं। *कृष्ण- राधा के विछोह से संबंधित कोई चित्र
Sai (साईं )
Sai (साईं )
Maun (मौन)
Maun (मौन)
Dahaad (दहाड़)
Dahaad (दहाड़)
Aawaz (आवाज़)
Aawaz (आवाज़)
Nirmaan (निर्माण)
Nirmaan (निर्माण)
Chaand tumhe dekha hai (चांद तुम्हें देखा है)
Chaand tumhe dekha hai (चांद तुम्हें देखा है)
Chaand tumhe dekha hai (चांद तुम्हें देखा है)
Narrator
बादल के घूँघट से बाहर जब भी तू निकला है मैं क्या मेरे साथ समन्दर तक मीलों उछला है आसन पर बैठे जोगी को जोग लगे बेकार|| चांद को देखकर कवि की मन में क्या-क्या भावनाएं आ रही है?अपनी खूबसूरत आवाज में प्रमोद तिवारी जी की प्रस्तुति |चांद तुम्हें देखा है”…
Nadi (नदी)
Nadi (नदी)
Badal (बादल)
Badal (बादल)
Yaad bahut aate hain (याद बहुत आते हैं)
Yaad bahut aate hain (याद बहुत आते हैं)
Bargad (बरगद)
Bargad (बरगद)
Mazhab (मज़हब)
Mazhab (मज़हब)
Maa ki Shrishti Pooja (माँ की सृष्टि पूजा)
Maa ki Shrishti Pooja (माँ की सृष्टि पूजा)
Akele nahi ho tum (अकेले नही हो तुम)
Akele nahi ho tum (अकेले नही हो तुम)
Akele nahi ho tum (अकेले नही हो तुम)
Narrator
हमारे जांबाज सैनिक सीमा पर डट कर ,दिन -रात मेहनत कर दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं ,|उन्हीं के लिए कमल मुसद्दी की रचना तुम अकेले नहीं हो”, जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया है कि आप हमें हमारे साथ हैं, तो हर हालात में हम भी आपके साथ हैं|सुनते हैं इस खूबसूरत रचना को कमल मुसद्दी की आवाज में..
Deep mere jal akampit (दीप मेरे जल अकम्पित)
Deep mere jal akampit (दीप मेरे जल अकम्पित)
Deep mere jal akampit (दीप मेरे जल अकम्पित)
Narrator
“दीपशिखा”,महादेवी वर्मा का पाँचवाँ कविता-संग्रह है। इस संग्रह के गीतों का मुख्य प्रतिपाद्य स्वयं मिटकर दूसरे को सुखी बनाना है। दीपशिखा के संग्रह से लिया गया गीत “दीप मेरे जल अकम्पित” सीमा अग्रवाल की आवाज में
Kahta jag dukh ko pyar na kr (कहता जग दुख को प्यार न कर)
Kahta jag dukh ko pyar na kr (कहता जग दुख को प्यार न कर)
Panth hone do aprichit pran hone do akela (पंथ होने दो अपरिचित प्राण रहने दो अकेला)
Panth hone do aprichit pran hone do akela (पंथ होने दो अपरिचित प्राण रहने दो अकेला)
Thulakte aanshu se sukumar (ढुलकते आंसू से सुकुमार)
Thulakte aanshu se sukumar (ढुलकते आंसू से सुकुमार)
Parashuram ki Prateeksha Part-1 (परशुराम की प्रतीक्षा खण्ड 1)
Parashuram ki Prateeksha Part-1 (परशुराम की प्रतीक्षा खण्ड 1)
Sakaratmak Soch Ka Jaadu (सकारात्मक सोच का जादू)
Sakaratmak Soch Ka Jaadu (सकारात्मक सोच का जादू)
Ve muskate ful nahi (वे मुस्काते फूल नहीं)
Ve muskate ful nahi (वे मुस्काते फूल नहीं)
Priya sandhi gagan mera jevan (प्रिया सान्ध्य गगन मेरा जीवन)
Priya sandhi gagan mera jevan (प्रिया सान्ध्य गगन मेरा जीवन)
Nisha ki dho deta Rakesh (निशा की धो देता राकेश)
Nisha ki dho deta Rakesh (निशा की धो देता राकेश)
Lahrati aati Madhu Vyar (लहराती आती मधु व्यर)
Lahrati aati Madhu Vyar (लहराती आती मधु व्यर)
Fir Vikal hai Pran tere (फिर विकल है प्राण तेरे)
Fir Vikal hai Pran tere (फिर विकल है प्राण तेरे)
Kavita (कविता)
Kavita (कविता)
Lal Kila Kavi Sammelan (लाल किला कवि सम्मेलन )
Lal Kila Kavi Sammelan (लाल किला कवि सम्मेलन )
Rahon mein Bhi (राहो में भी)
Rahon mein Bhi (राहो में भी)
Das paison me do churan ki pudiyon wale din (दस पैसे में चूरन की दो पुड़ियों वाले दिन)
Das paison me do churan ki pudiyon wale din (दस पैसे में चूरन की दो पुड़ियों वाले दिन)
Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
Narrator
कविता के अंश में सिंदूरी शाम की सुंदरता का वर्णन किया गया है
Vayu Bahti Sheet Nishthur (वायु बहती शीत-निष्ठुर)
Vayu Bahti Sheet Nishthur (वायु बहती शीत-निष्ठुर)
Vayu Bahti Sheet Nishthur (वायु बहती शीत-निष्ठुर)
Narrator
Genre
ठंडी वायु के चलने से प्रकृति और समस्त जीव धारियों में उसका कैसा प्रभाव पड़ रहा है इस बात को दर्शाती यह कविता
Udit Sandhya Ka Sitara (उदित संध्या का सितारा)
Udit Sandhya Ka Sitara (उदित संध्या का सितारा)
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