“तीखा जीवित कांटा बनू ,शवों पर निर्जीव फूल नहीं “, हमें जीवन इस ढंग से जीना चाहिए कि खुद हम अपने ऊपर गर्व महसूस कर सकें |इसी भावना को सजग करते हुए अनुपम ध्यानी की आवाज में खूबसूरत कविता “राख बनो धूल नहीं”…
Is it always important to think and do? Or is it important to just go ahead and do it? This poem compares to giants of history – Dharmraj- Yudhishthira and Mighty Arjuna.
सुनहरी चिड़िया | Sunehri Chidiya | Hindi Poem | हिंदी कविता | Motivational Poems by Anupam Dhyani
Let India shine in its original Glory! Jai Hindi! The Golden Bird!
30 seconds of positive energy, positive poetry.
This year. 2020.. Has been a testing one! Not all that was dreamt off, materialized. Not all that was thought of came to fruition. But what remained was our lives, our health and our hope. I feel that is enough. Let’s welcome the new year with vigor, vivacity and a vibe of victory! Stay safe, Happy Holidays, Merry Christmas, Happy New Year!
30 seconds of positive energy, positive poetry.
मन और हृदय अलग-अलग संवेदना से क्यों गुजर रहे हैं? अगर मन स्थिर और शांत है फिर क्यों हृदय में संग्राम छिड़ा हुआ है ?बेहद खूबसूरत शब्दों से पिरोया है इस दुविधा को अनुपम ध्यानी जी ने अपनी कविता मन में कोहरा, कोहराम हृदय में अपनी स्वयं की आवाज से
30 seconds of positive energy, positive poetry.
30 seconds of positive energy, positive poetry.
2 साल पहले की बात है आज करमांवाली, डोली वाली लड़की ,एक औरत बन चुकी है| शादी के बाद करमांवाली के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह उसके चेहरे पर साफ -साफ झलक रहा है |आज जब लेखिका की पुनः करमांवाली से मुलाकात होती है तो लेखिका ने करमांवाली के संघर्ष को कहानी का रूप दिया है| करमांवाली के जीवन को अमृता प्रीतम ने किस तरीके से कहानी का रूप दिया है? जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी मेहरा की अवाज़ में कहानी करमांवाली…
सत्य की जीत के इस प्रसंग में द्रौपदी द्युत सभा में कौरवों के छल कपट से खेले जाने वाले द्युत क्रीड़ा का पुरज़ोर विरोध कर रही है समस्त धर्माचार्य भीष्म पितामह द्रोणाचार्य विदुर सहित सभी द्रोपदी का साथ देते हुए कौरवों के छल कपट का विरोध कर रहे हैं । द्वारिका प्रसाद महेश्वरी के द्वारा लिखी गई महाभारत में द्युत सभा का वर्णन नयनी दीक्षित की आवाज़ में
Reviews for: Rakh Banu Dhul Nahi (राख बनु धूल नहीं)
Average Rating
Pragati Sharma