आत्मरक्षा आत्मनिर्भरता पर संदेश बेटियों को इस कविता के द्वारा दिया गया है
तुलसीदास के जीवन में रत्नावली की भूमिका को बयान करती हुई है कविता
Maa ही जगत की निर्माता होती है उसका आशीष हमें सभी संकटों से दूर करता है कविता में इसका उल्लेख किया गया
Maa ही जगत की निर्माता होती है उसका आशीष हमें सभी संकटों से दूर करता है कविता में इसका उल्लेख किया गया
तुलसीदास के जीवन में रत्नावली की भूमिका को बयान करती हुई है कविता
एक सेवानिवृत्त व्यक्ति के दिनचर्या, उसकी सोच और उसके जीवन में आए बदलाव को आलोकित करती हुई यह गीत भावना तिवारी की आवाज में ….
Sometimes life moves as slow as a tortoise ( or 2020) or speeds like a tracer bullet, but it moves, it always does. So should we.So do what you must in this life as well as you can and as soon as you can. Life is not going to wait for you.
पूर्वराग – भाग -1
Dr. Dharmveer भर्ती जी द्वारा रचित कृति कनुप्रिया का ये प्रथम खंड है
पूर्वराग के पांचों गीत राधा के निश्चल मन की सम्वेदना को प्रकट करते हैं.
भोली राधा, प्रतीक्षा में खड़े छायादार अशोक वृक्ष से असमंजस्य से पूछती है कि वह क्यों उसकी, यानी कनुप्रिया की प्रतीक्षा में कई जन्मों से पुष्पहीन खड़े हैं? राधा के सौन्दर्य, नारी सुलभ लज्जा एवं पुलक का खूबसूरत चित्रण है.
कनु अर्थात कृष्ण का प्रेम आत्मा का प्रेम है, समर्पण का प्रेम है.
इन गीतों में राधा के प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति है. राधा के प्रेम में निश्छल भावनाओं की स्थिति है. प्रकृति के कण कण में कनु की छवि देखना, यमुना में नहाते समय कृष्ण को निहारना, गृहकार्य से अलसाकर कदम्ब की छांह में शिथिल अनमनी पड़ी रहना- जैसे अनेक भाव प्रेषण चित्रण इन गीतों में झिलमिलाए हैं.
चलिए गाथा पर सुनते हैं कनुप्रिया का पहला खंड पूर्वराग, पल्लवी की आवाज़ में
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