Fiction
Apharan
Apharan
Apharan
Narrator
Genre
अपहरण – Malti Joshi (मालती जोशी) – Arti Srivastava
हमारे समाज में लड़की देखने दिखाने का चलन काफी पुराना है ।जब कोई लड़का देखने आने वाला होता है तो पूरा घर उसके स्वागत में बिछ-बिछ जाता है।एक अलग ही माहौल होता है।लड़की डरी – सहमी होती है लेकिन मन में अनेक विचार भी जन्म ले रहे होते है। एेसे में अगर लड़के को कोई और लड़की पसंद आ जाए तो उस लड़की पर क्या बीतती है जो अपने मनमंदिर में आपको जगह देती है। उसे हीनता का एहसास होने लगता है।उसका अपने ऊपर से विश्वास उठ जाता है। लेकिन कब ,क्या होगा ? कोई नही जानता।
Chunavi Ran
Chunavi Ran
Chunavi Ran
Narrator
चुनावी-रण – Alka saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
आयशा वैसे तो 5 वर्ष से राजनैतिक क्षेत्र से जुड़ी हुयी थी किन्तु चुनावी रण में आने वाली सि्थतियों से वो समझ गयी चुनाव लड़ना कोई आसान काम नहीं।आयशा को यह एहसास किस प्रकार हुआ जानते चुनावी रण में शिवानी आंनद की आवाज़ में…
Mithyaabhimaan
Mithyaabhimaan
Mithyaabhimaan
Narrator
मिथ्याभिमान – Alka Saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
सभी अनामिका की योग्यता से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते। किंतु उसका पति जयंत उसकी योग्यता की उड़ान को क्यों पिंजरे में बंद रखना चाहता है ?अनामिका क्यों ऐसा महसूस कर रही है कि जैसे उसके पति ने उसकी उड़ान को रोकने के लिए उसके पंख काट दिए हैं और फिर से वह आसमान से ज़मीन पर आ गिरी हो । जानिए इसके पीछे की कहानी अलका सैनी के द्वारा लिखी गई कहानी मिथ्याभिमान शिवानी आनंद की आवाज़ में..
Shunya ka gadit (शून्य का गणित)
Shunya ka gadit (शून्य का गणित)
Shunya ka gadit (शून्य का गणित)
Narrator
Genre
गौतम के एक गलत फैसले ने पूरे घर को बिखेर कर रख दिया । जीवन में कुछ फसले बहुत सोच-समझ कर लेने चाहिए। उसके फैसले ने न सिर्फ उसके जीवन को नरक बनाया बल्कि उसके परिवार को भी भुगतना पड़ा। अ|खिर क्या था वो फैसला ?
Parakh (परख) – Part-2
Parakh (परख) – Part-2
Parakh (परख) – Part-2
Narrator
Genre
शादी एक जुआ है।सही दाव लग गया तो पौ बारह, लेकिन अगर दाव उल्टा पड़ गया तो जिंदगी जहन्नुम बन जाती है।इस फ़न में हर कोई माहिर नही होता।वो विरले ही होते है जो इस फ़न में माहिर होते हैं ।
Parakh (परख) – Part-1
Parakh (परख) – Part-1
Parakh (परख) – Part-1
Narrator
Genre
शादी एक जुआ है।सही दाव लग गया तो पौ बारह, लेकिन अगर दाव उल्टा पड़ गया तो जिंदगी जहन्नुम बन जाती है।इस फ़न में हर कोई माहिर नही होता।वो विरले ही होते है जो इस फ़न में माहिर होते हैं ।
Bahut duriya hai mere aaspass (बहुत दूरिया है मेरे आसपास)
Bahut duriya hai mere aaspass (बहुत दूरिया है मेरे आसपास)
Bahut duriya hai mere aaspass (बहुत दूरिया है मेरे आसपास)
Narrator
पुनर्विवाह का दूसरा नाम है समझौता । हर परिस्थिति से , हर हालात से समझौता करना ही पुनर्विवाह है। हालात से तो समझौता किया जा सकता है लेकिन प्यार में समझौता ? कभी नहीं । फिर ऐसा समझौता क्यों करना पड़ा ? क्या मजबूरी थी ?
Geet purane yaad na ana (गीत पुराने याद न आना)
Geet purane yaad na ana (गीत पुराने याद न आना)
Geet purane yaad na ana (गीत पुराने याद न आना)
Narrator
Genre
कभी-कभी हमारा अतीत हमारे वर्तमान में दखलअंदाजी करने लगता है। हम अतीत और वर्तमान के बीच उलझ कर रह जाते हैं। ऐसे में अगर हमें कोई सही रास्ता दिखाए तो हमारा अतीत हमारे वर्तमान पर प्रभाव नहीं डाल पाता । हम अपने वर्तमान में लौट आते हैं। वर्तमान में जीने लगते हैं।
Apdasth (अपदस्थ)
Apdasth (अपदस्थ)
Apdasth (अपदस्थ)
Narrator
नारी अपना पूरा जीवन घर बनाने में लगा देती है ।फिर भी उस घर में निर्णय लेने का अधिकार उसे क्यों नहीं दिया जाता ? क्यों हमेशा घर का आदमी ही निर्णय लेने का अधिकारी होता है ? लेकिन छाया को यह बात अब गवारा नहीं है। इसलिए उसने निर्णय लिया और पति को जता भी दिया कि जितना अधिकार उसका है घर पर, उतना ही अधिकार छाया का भी है।
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Atithi (अतिथि )
Atithi (अतिथि )
Atithi (अतिथि )
Narrator
कहानी में एक युवती अपनी दोनों बेटियों के साथ अकेली है |ठंड की एक रात अचानक उसके यहां 60…65 साल का आदमी चादर लपेटे एक वृद्ध व्यक्ति आ जाता है ,जो अपने को उनका रिश्तेदार बतलाता है| अब युवती बेहद असमंजस की स्थिति में है, अतिथि को अपने घर आने दे अथवा नहीं| अब आगे क्या होता है जानने के लिए सुनते हैं सिनीवाली द्वारा लिखी गई कहानी अतिथि, निधि मिश्रा की आवाज में….
Dahej ( दहेज़)
Dahej ( दहेज़)
Dahej ( दहेज़)
Narrator
कहानी की नायिका निरुपमा पांच भाइयों में इकलौती बहन है। पिता रामसुन्दर ने उसका विवाह एक बड़े खानदान में तय किया किंतु ससुराल पक्ष के द्वारा जो दहेज़ की मांग की गई थी वह राम सुंदर जी पूरी नहीं कर पाए ।ऐसे में क्या निरुपमा का विवाह हो पाता है? क्या निरुपमा भी दहेज़ की भेंट चढ़ जाती है? या निरुपमा इस संदर्भ में कोई ठोस कदम उठाती है? बेहद भावुक कर देने वाली रविंद्र नाथ टैगोर जी की कहानी दहेज़ में जानते हैं उतने ही भावुक अंदाज में शिवानी आनंद के द्वारा..
Meri ma kanha hai (मेरी माँ कहाँ है)
Meri ma kanha hai (मेरी माँ कहाँ है)
Meri ma kanha hai (मेरी माँ कहाँ है)
Narrator
यूनुस खान एक क्रांतिकारी है जो लोग काफिर है उनके लिए उसके दिल में कोई हमदर्दी नहीं है लेकिन यूनुस खान को एक खून से लथपथ एक छोटी बच्ची जब दिखती है जो कि काफिर है उसका कठोर दिल भी पिघल जाता है और क्या रिश्ता है उस बच्ची और यूनुस खान के बीच में पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कृष्णा सोबती की लिखी कहानी मेरी मां कहां अमित तिवारी जी की आवाज
Ek mulakat (एक मुलाकात)
Ek mulakat (एक मुलाकात)
Ek mulakat (एक मुलाकात)
Narrator
दूर से हर चमकने वाली चीज हीरा नहीं होता | ऐसा ही कुछ आकाश को अनुभव हुआ है शहर दिल्ली के बारे | आकाश अपने स्कूल के दिनों से दिल्ली की चकाचौंध से बहुत प्रभावित था | जब आकाश की मुलाकात दिल्ली शहर में अपने बचपन की दोस्त निहारिका से हुई तो उसका यह भ्रम टूट गया |कैसे ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं निधि मिश्रा की आवाज में अभिलाष दत्ता के द्वारा लिखी गई कहानी एक मुलाकात
Kallu ki maa (कल्लू की माँ)
Kallu ki maa (कल्लू की माँ)
Kallu ki maa (कल्लू की माँ)
Narrator
Genre
जब किसी औरत के सिर से उसके पति का साया उठ जाता है तो समाज, बिरादरी, रिश्तेदारी में उसकी कोई इज्जत नहीं रह जाती ।मान सम्मान नहीं रह जाता है । हर शख्स उसे बिना तनख्वाह का नौकर मान लेता है और ऐसे हालात के मारे बच्चे की परवरिश ऊपर वाले के हाथ होती है। कल्लू की जिंदगी में ऐसा मोड़ आया कि उसकी जिंदगी ही बदल गई।
swapn (स्वप्न)
swapn (स्वप्न)
swapn (स्वप्न)
Narrator
संपूर्णता की अनुभूति करने के लिए पांच पुराने मित्र एक चिकित्सक, एक लेखक और तीन धनी कुंवारे जो रोजगार रहित है ,खाना खाने के बाद स्वप्न को लेकर चर्चा कर रहे हैं | उनमें से एक दोस्त का कहना है स्वप्न हमेशा सुहावने नहीं होते ,अगर स्वप्न देखना है तो जागते हुए देखना चाहिए किंतु जागते हुए सपनों को पूरा करने के लिए बहुत अधिक ताकत और इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है |इस बात को लेकर चर्चा कहां तक बढ़ती है और आगे क्या होता है ?इसे जानने के लिए सुनते हैं कहानी स्वप्न नयनी दीक्षित की आवाज में
Deshantar (देशांतर )
Deshantar (देशांतर )
Deshantar (देशांतर )
Narrator
Genre
कहानी विदेश में रह रहे एक भारतीय परिवार की है ।जहां उन्हीं के बेटे का शादी का कार्ड आज उनके पास आया है ।कार्ड में मां -बाप का नाम भी नहीं है विदेशी संस्कृति से प्रभावित बेटे में भारतीय संस्कृति और संस्कार की छाप कहीं भी नज़र नहीं आ रही है ।ऐसा क्यों हुआ? क्या यह पीढ़ी का अंतर है या फिर देशांतर लेकिन आज जिस बात के लिए मां-बाप अपने बेटे के लिए अफ़सोस कर रहे हैं, क्या वह स्वयं इस बात के लिए जिम्मेदार हैं ?इस प्रश्न को समेटे हुए कहानी किस मोड़ पर रूकती है सुनते हैं सुदर्शन प्रियदर्शिनी की लिखी कहानी देशांतर, पल्लवी गर्ग की आवाज़ में..
Sorry Mummy ( सॉरी मम्मी) – Part-2
Sorry Mummy ( सॉरी मम्मी) – Part-2
Sorry Mummy ( सॉरी मम्मी) – Part-2
Narrator
Genre
दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें जिंदगी अपनी शर्तों पर जीने की आदत होती है। वह किसी की परवाह नहीं करते। लोग क्या कहेंगे ? क्या सोचेंगे? अगर किसी को बुरा लगा तो ? वगैरह -वगैरह जैसे प्रश्नों के बारे में तो सोचते ही नहीं। लाख मुश्किलें आएँ, वह अपने तरीके से उसका सामना करते हैं। ऐसे लोगों को दुनिया की परवाह नहीं होती। लेकिन कुछ तो होता है, जो उनकी शख्सियत को भी हिला देता है। लेकिन क्या?
Sorry Mummy (सॉरी मम्मी) – Part-1
Sorry Mummy (सॉरी मम्मी) – Part-1
Sorry Mummy (सॉरी मम्मी) – Part-1
Narrator
Genre
दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें जिंदगी अपनी शर्तों पर जीने की आदत होती है। वह किसी की परवाह नहीं करते। लोग क्या कहेंगे ? क्या सोचेंगे? अगर किसी को बुरा लगा तो ? वगैरह -वगैरह जैसे प्रश्नों के बारे में तो सोचते ही नहीं। लाख मुश्किलें आएँ, वह अपने तरीके से उसका सामना करते हैं। ऐसे लोगों को दुनिया की परवाह नहीं होती। लेकिन कुछ तो होता है, जो उनकी शख्सियत को भी हिला देता है। लेकिन क्या?