Poetry -Kavita (All Audios)
Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
Narrator
मीराबाई के पद संकलन से लिया गया प्रसंग जिसमें मीराबाई कृष्ण जी से कह रही है आपको पाने की खातिर मैंने सभी सुखों का त्याग कर दिया है
Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
Narrator
तूफान अपने साथ क्या मंजर लेकर आता है इन पंक्तियों में इसका उल्लेख किया गया है
Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
Narrator
निशा निमंत्रण से लिया गया यह गीत जिसमें शाम होने पर किस प्रकार वातावरण बदल जाता है बड़ी ही खूबसूरती के साथ उल्लेख किया गया है
Sathi Ant Divas Ka Aya (साथी, अन्त दिवस का आया)
Sathi Ant Divas Ka Aya (साथी, अन्त दिवस का आया)
Sandhya Sindoor Lutati Hai (संध्या सिंदूर लुटाती है)
Sandhya Sindoor Lutati Hai (संध्या सिंदूर लुटाती है)
Prabal Jhanjabad (प्रबल झंझावात)
Prabal Jhanjabad (प्रबल झंझावात)
Nasheni (नाशिनी)
Nasheni (नाशिनी)
Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Narrator
गोपालदास नीरज की कविता संग्रह फिर फिर दीप जलेगा से ली गयी कविता मिट्टी वाले में कवि ने उन सभी पर कटाक्ष किया है जो मिट्टी का मोल लगाते ह़ै कवि का मानना है कोई भी इसका मोल नहीं लगा सकता। क्या इस मिट्टी का इतिहास इतना सस्ता है कि कुछ मोल चुका कर इसे कोई भी खरीद सकता है ?आज इसी मिट्टी के लिए हम युद्ध की स्थिति तक पहुंच जाते हैं, तो क्या ऐसी मिट्टी का कोई मोल हो सकता है ,वह तो अमूल्य है | कवि अपने स्पष्ट शब्दों में समझाना चाह रहा है कि यह मिट्टी अपना मोल नहीं चाहती बल्कि सिर्फ मिट्टी अपनी कुर्बानी चाहती है| कविता के माध्यम से इसका पूर्ण भाव को समझते हैं, भावना तिवारी की आवाज में…
Mane Chaakar Rakho Ji (मने चाकर राखो जी)
Mane Chaakar Rakho Ji (मने चाकर राखो जी)
Mai Vidrohi Hoon (मैं विद्रोही हूँ)
Mai Vidrohi Hoon (मैं विद्रोही हूँ)
Mai Maine Govind Lino Mol (माई मैंने गोविंद लीनो मोल)
Mai Maine Govind Lino Mol (माई मैंने गोविंद लीनो मोल)
Jago Vanshi Vale lalna (जागो बंसी वाले ललना)
Jago Vanshi Vale lalna (जागो बंसी वाले ललना)
Hari Gun Gavat Nachungi(हरि गुन गावत नाचूंगी)
Hari Gun Gavat Nachungi(हरि गुन गावत नाचूंगी)
Hari Gun Gavat Nachungi(हरि गुन गावत नाचूंगी)
Narrator
Genre
मीराबाई जी किस तरह भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन है इस पद में बताया गया है
Hai Ye Patjhad Ki Sanjh Piye (है यह पतझड़ की शाम, सखे!)
Hai Ye Patjhad Ki Sanjh Piye (है यह पतझड़ की शाम, सखे!)
Girje Se Ghante Ki Tan Tan (गिरजे से घंटे की टन-टन)
Girje Se Ghante Ki Tan Tan (गिरजे से घंटे की टन-टन)
Din Jaldi Jaldi Dhalta Hai (दिन जल्दी जल्दी ढलता है)
Din Jaldi Jaldi Dhalta Hai (दिन जल्दी जल्दी ढलता है)
Depak Par Parvane (दीपक पर परवाने आए)
Depak Par Parvane (दीपक पर परवाने आए)
Chal Basi Sandhya Gagan Se (चल बसी संध्या गगन से)
Chal Basi Sandhya Gagan Se (चल बसी संध्या गगन से)
Beet Chali Sandhya Ki Bela (बीत चली संध्या की वेला)
Beet Chali Sandhya Ki Bela (बीत चली संध्या की वेला)
Andhkaar Bhadta Jata Hai (अंधकार बढ़ता जाता है)
Andhkaar Bhadta Jata Hai (अंधकार बढ़ता जाता है)
Aham ki kara (अहम की कारा)
Aham ki kara (अहम की कारा)
Ab Nisha Nabh Se Utarti (अब निशा नभ से उतरती)
Ab Nisha Nabh Se Utarti (अब निशा नभ से उतरती)
Ab Nisha Deti Nimantran (अब निशा देती निमंत्रण )
Ab Nisha Deti Nimantran (अब निशा देती निमंत्रण )
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Narrator
Nazm Subhash ji ki likhi kahani adhoori khwaahish, badi khoobsoorti se, Umrao Jaan, jinke husn aur adaaon ke laakhon deewaane thei, unke dard aur unki man mein dafn ho chuki khwaahishon ka sajeev chitran karti hai. Unki ekAdhoori khwaahish jo bas un
Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)
Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)
Patkatha Part-1 (पटकथा / पृष्ठ 1)
Patkatha Part-1 (पटकथा / पृष्ठ 1)
Patkatha – Part-2 (पटकथा / पृष्ठ 2 )
Patkatha – Part-2 (पटकथा / पृष्ठ 2 )
Paani mein ghire hue log (पानी में घिरे हुए लोग )
Paani mein ghire hue log (पानी में घिरे हुए लोग )
kuch sutra jo kisaan ne apne bete ko diye (कुछ सूत्र जो एक किसान बाप ने बेटे को दिए)
kuch sutra jo kisaan ne apne bete ko diye (कुछ सूत्र जो एक किसान बाप ने बेटे को दिए)
Kathao se bhare is desh mein (कथाओं से भरे इस देश में)
Kathao se bhare is desh mein (कथाओं से भरे इस देश में)
Grahasthi ke chaar aayam (गृहस्थी : चार आयाम )
Grahasthi ke chaar aayam (गृहस्थी : चार आयाम )
Ek kavita nirala ko yaad krte hue (एक कविता निराला को याद करते हुए )
Ek kavita nirala ko yaad krte hue (एक कविता निराला को याद करते हुए )
Veh (वह)
Veh (वह)
Unko pranam (उनको प्रणाम)
Unko pranam (उनको प्रणाम)
Unko pranam (उनको प्रणाम)
Narrator
नागार्जुन के काव्य संग्रह हजार- हजार पांव वाली से ली गई रचना उनको प्रणाम… कवि ने अपनी रचना के माध्यम से उन सभी को उन सभी को शत-शत नमन किया है जिनका किसी न किसी रूप में अपनी सेवाओं के द्वारा देश ,समाज आदि के लिए अतुलनीय योगदान रहा है |नागार्जुन के द्वारा लिखी गई इस खूबसूरत प्रेरक रचना को आवाज दी है डॉक्टर पवन मिश्रा
Guru Nanak ke pad- 2 ( गुरु नानकदेव के पद पृष्ठ 2 )
Guru Nanak ke pad- 2 ( गुरु नानकदेव के पद पृष्ठ 2 )
Guru Nanak ke pad- 2 ( गुरु नानकदेव के पद पृष्ठ 2 )
Narrator
गुरु नानक देव जी सिख धर्म के गुरु है,गुरु नानक देव ने हमेशा अपने प्रवचनों में जातिवाद को मिटाने, सत्य के मार्ग पर चलने के उपदेश दिए हैं। आइए जानते हैं गुरु नानक के पद,रवि शुक्ला की आवाज में…
Guru Nanak ke pad ( गुरु नानकदेव के पद )
Guru Nanak ke pad ( गुरु नानकदेव के पद )
Kiran dhenue ( किरन-धेनुएँ )
Kiran dhenue ( किरन-धेनुएँ )
Charaiveti Charaiveti ( चरैवेति चरैवेति )
Charaiveti Charaiveti ( चरैवेति चरैवेति )
Doosra Taar Saptak ( दूसरा तार सप्तक )
Doosra Taar Saptak ( दूसरा तार सप्तक )
Thake hue kalakaar ( थके हुए कलाकार )
Thake hue kalakaar ( थके हुए कलाकार )
Gunah ka geet ( गुनाह का गीत )
Gunah ka geet ( गुनाह का गीत )
Gunaah ka doosra geet ( गुनाह का दूसरा गीत )
Gunaah ka doosra geet ( गुनाह का दूसरा गीत )
kavi aur kalpana ( कवि और कल्पना )
kavi aur kalpana ( कवि और कल्पना )
Door Gai Hariyali (दूर गई हरियाली)
Door Gai Hariyali (दूर गई हरियाली)
Adhikaar Nahi Doge Mujko or Ulahana (अधिकार नहीं दोगे मुझको , उलहना)
Adhikaar Nahi Doge Mujko or Ulahana (अधिकार नहीं दोगे मुझको , उलहना)
Pashuram ki Prateeksha (परशुराम की प्रतीक्षा खण्ड 2)
Pashuram ki Prateeksha (परशुराम की प्रतीक्षा खण्ड 2)
Pashuram ki Prateeksha (परशुराम की प्रतीक्षा खण्ड 3 )
Pashuram ki Prateeksha (परशुराम की प्रतीक्षा खण्ड 3 )
karuna ( करुणा )
karuna ( करुणा )
Kahmukariyan ( कह-मुकरियाँ )
Kahmukariyan ( कह-मुकरियाँ )
Zihale Miskin (जिहाले मिस्कीन)
Zihale Miskin (जिहाले मिस्कीन)
Zihale Miskin (जिहाले मिस्कीन)
Narrator
खुसरो के लेखन शैली की अति उत्कृष्ट ग़ज़ल की पंक्तियां “जिहाले मिस्किन “ जिसमें हिंदी और फारसी दोनों का एक साथ प्रयोग किया गया है |पंक्तियों का आशय इस प्रकार है अगर मुझ गरीब को यूं आंखें इधर-उधर दौड़ाकर और बातें बना कर नजरअंदाज ना करो ,मैं अब और जुदाई बर्दाश्त नहीं कर सकता | पूरा सुनने के लिए सुनते हैं रवि शुक्ला की आवाज में अमीर खुसरो द्वारा लिखी गई इस ग़ज़ल के छंद…
Antara (अंतरा)
Antara (अंतरा)
Nagar Katha ( नगरकथा )
Nagar Katha ( नगरकथा )
Nadi ( नदी )
Nadi ( नदी )
Na Hone Ki Gandh ( न होने की गंध )
Na Hone Ki Gandh ( न होने की गंध )
Kavita ( कविता )
Kavita ( कविता )
Kalidaas ( कालिदास )
Kalidaas ( कालिदास )
Kaali Mitti ( काली मिट्टी )
Kaali Mitti ( काली मिट्टी )
Iss Vishal Desh Ke ( इस विशाल देश के )
Iss Vishal Desh Ke ( इस विशाल देश के )
Ek Chota Sa Anurodh ( एक छोटा सा अनुरोध )
Ek Chota Sa Anurodh ( एक छोटा सा अनुरोध )
Dupahariya (दुपहरिया )
Dupahariya (दुपहरिया )
Daane (दाने)
Daane (दाने)
Ann Pachhisi (अन्न पचीसी के दोहे)
Ann Pachhisi (अन्न पचीसी के दोहे)
Adiyal Saans (अड़ियल साँस)
Adiyal Saans (अड़ियल साँस)
Aao Rani (आओ रानी)
Aao Rani (आओ रानी)
Aana (आना)
Aana (आना)
Aamukh (आमुख)
Aamukh (आमुख)
Akaal Aur Uske Baad (अकाल और उसके बाद)
Akaal Aur Uske Baad (अकाल और उसके बाद)
Aaj Subha Ke Akhbaar Mein (आज सुबह के अख़बार में)
Aaj Subha Ke Akhbaar Mein (आज सुबह के अख़बार में)
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