गुरु नानक देव जी सिख धर्म के गुरु है,गुरु नानक देव ने हमेशा अपने प्रवचनों में जातिवाद को मिटाने, सत्य के मार्ग पर चलने के उपदेश दिए हैं। आइए जानते हैं गुरु नानक के पद,रवि शुक्ला की आवाज में…
खुसरो के लेखन शैली की अति उत्कृष्ट ग़ज़ल की पंक्तियां “जिहाले मिस्किन “ जिसमें हिंदी और फारसी दोनों का एक साथ प्रयोग किया गया है |पंक्तियों का आशय इस प्रकार है अगर मुझ गरीब को यूं आंखें इधर-उधर दौड़ाकर और बातें बना कर नजरअंदाज ना करो ,मैं अब और जुदाई बर्दाश्त नहीं कर सकता | पूरा सुनने के लिए सुनते हैं रवि शुक्ला की आवाज में अमीर खुसरो द्वारा लिखी गई इस ग़ज़ल के छंद…
जश्न-ए -बहारा | Celebrating Life | Hindi Kavita | हिंदी कविता | Poems by Anupam Dhyani
It is so IMPORTANT to pause, reflect, savor the moments that we just let go because we are running this race of life. When you pause is when you realize that the same things that you see is obstacles or impediments or even defeats , were actually life’s most important moment that you so conveniently ignored because you were running a race looking at others.
Jashn-e-bahara jaisi honi chahiye zindagi.
जीवन में फैशन, पैसे की प्रति एक-दूसरे से होड़ , पाश्चात्य संस्कृति को हमेशा फॉलो करते रहना जैसी कई बातें बहुत शीघ्रता से हावी हो जाती है |हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं कहीं कुछ कम, तो कहीं कुछ ज्यादा| तो उसी तरीके से मीडिया एक इतनी खतरनाक चीज है कि जिसमें आज की तारीख में कोई संस्कृति और सभ्यता कोई समाज के प्रति लगाव जैसी चीज नहीं रह गई हैं | मीडिया नाम की संस्था वही लोग चला रहे हैं जिनके पास सिर्फ दंगा भड़काऊ बातें हैं, इन बातों से समाज में क्या प्रभाव पड़ेगा इस बात से बेफिक्र होकर समाज को किस गर्त में पहुंचा रहे हैं ? जानिए इन बातों को कहानी जो मारे जाएंगे में…
गोपबंधु दास का जन्म 9 अक्टूबर, 1877 को उड़ीसा के पुरी ज़िले में साक्षी गोपाल के निकट सुआंडो नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम दैतारि दास तथा माता का नाम स्वर्णमायी देवी था। इनका सम्बन्ध एक ग़रीब ब्राह्मण परिवार से था। गोपबंधु दास ने पुरी, कटक तथा कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में शिक्षा ग्रहण की थी
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