गोपालदास नीरज की कविता संग्रह फिर फिर दीप जलेगा से ली गयी कविता मिट्टी वाले में कवि ने उन सभी पर कटाक्ष किया है जो मिट्टी का मोल लगाते ह़ै कवि का मानना है कोई भी इसका मोल नहीं लगा सकता। क्या इस मिट्टी का इतिहास इतना सस्ता है कि कुछ मोल चुका कर इसे कोई भी खरीद सकता है ?आज इसी मिट्टी के लिए हम युद्ध की स्थिति तक पहुंच जाते हैं, तो क्या ऐसी मिट्टी का कोई मोल हो सकता है ,वह तो अमूल्य है | कवि अपने स्पष्ट शब्दों में समझाना चाह रहा है कि यह मिट्टी अपना मोल नहीं चाहती बल्कि सिर्फ मिट्टी अपनी कुर्बानी चाहती है| कविता के माध्यम से इसका पूर्ण भाव को समझते हैं, भावना तिवारी की आवाज में…
दर्द सहने की भी एक सीमा होती है |जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है , तो इसका एहसास भी धीरे-धीरे खत्म हो जाता है |ऐसी स्थिति भी आती है इसकी पीड़ा के कारण हम कठोर हो जाते हैं
यह उन महिलाओं को समर्पित कविता है ,जो अपना संपूर्ण जीवन अपने परिवार , अपने बच्चों के लिए अर्पित कर देती है, किंतु उन्हें कभी भी इसका प्रतिफल नहीं प्राप्त होता | भावना तिवारी जी की भावपूर्ण आवाज में कविता “ जो बाग लगाया था “……
जश्न-ए -बहारा | Celebrating Life | Hindi Kavita | हिंदी कविता | Poems by Anupam Dhyani
It is so IMPORTANT to pause, reflect, savor the moments that we just let go because we are running this race of life. When you pause is when you realize that the same things that you see is obstacles or impediments or even defeats , were actually life’s most important moment that you so conveniently ignored because you were running a race looking at others.
Jashn-e-bahara jaisi honi chahiye zindagi.
कहानी का नायक काफी समय के अंतराल के बाद अपने मामा के यहां गांव आया है|आज उसे वहां की सभी परिस्थितियां पहले से बहुत भिन्न नजर आ रही है| क्या है वह परिस्थितियां? नायक किन पुरानी बातों को स्मरण कर रहा है पूरी कहानी जानने के अंतराल ,सुमन वैद्य की आवाज में
सुन्दरी – रवींद्र कालिया – विनीता श्रीवास्तव
ज़हीर मियाँ के बड़े से कुम्बे का भरण -पोषण ‘सुंदरी’ के जरिए ही हो रहा है। वही उनके घर की एकमात्र आमदनी का साधन भी है ।अब ऐसे में सुंदरी ही रूठ जाए या नखरे दिखाने लगे तो इतने बड़े कुम्बे का ख़र्चा कौन उठाएगा ?अब सुंदरी को मनाने के लिए ज़हीर मियाँ का परिवार कौन-कौन से पापड़ बेलता है? और भाई आखिर यह सुंदरी है कौन? इसे बेहद रोचक ढंग से कहानी में बताया गया है जो कभी आपको हंसाएगी और कभी आपको इमोशनल भी कर देगी। रवींद्र कालिया के द्वारा लिखी गई कहानी सुनिए सुंदरी, विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में
कहानी ने निमिषा एक हाउसवाइफ है |निमिषा -अनिकेत की दो बेटियां हैं मानसी और रूपसी | निमिषा अपनी दोनों बेटियों को अपने जीवन से जुड़ी कुछ बातें साझा कर रही है मानसी और रूपसी से | निमिषा की यह बातें और विचार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के विचारों के अंतराल को कैसे समेट रही है |जानने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ जी के द्वारा लिखी गई कहानी पीढ़ियों का अंतराल, पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
रामकृपाल का बेटा दिनेश शहर में अपने मामू मनमोहन जी के यहां से पढ़कर बैंक में नौकरी कर रहा है |नौकरी करते हुए अभी दिनेश को मात्र 6 महीने हुए हैं और उसकी शादी के लिए बहुत सारे रिश्ते आने लगे हैं |अब रामकृपाल दिनेश की शादी बड़े घर की लड़की और नौकरी पेशा लड़की से करना चाहते हैं| रामकृपाल ऐसी बहू क्यों चाहते हैं ?और क्या उनकी मनोकामना पूरी होती है ?जानने के लिए सुनते हैं सिनीवाली के द्वारा लिखी गई कहानी वंशलोचन निधि मिश्रा की आवाज
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