वृद्ध पिता की कहानी,जो अपनी सारी जिम्मेदारियां पूरी कर चुका है और उसका शरीर शिथिल हो गया है |इस समय काल में जब उसे अपने बच्चों का सानिध्य प्राप्त होता है ,तो उसके अंदर एक विशेष ऊर्जा का संचार होता है | किंतु यह सानिध्य उसे अल्प समय के लिए प्राप्त
22- 23 साल कीकी साल कीएकखूबसूरत युवती रेस्तरां में बैली डांसर है |उसकी विवशता ने उसे बेली डांसर बना दिया है किंतु अब यही डांस उसका जीवन है, उसकी रोजी -रोटी है|इसके चलते ही वह अपनी बीमार मां का इलाज करा रही है |बेहद मार्मिक ,संवेदना से भरपूर अंजना वर्मा जी के द्वारा लिखी गई कहानी बेली डांस ,सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज में…
यह कहानी बाल मन की व्यथा है |एक छोटी सी बच्ची घर से दूर अध्ययन हेतु छात्रावास के कड़े अनुशासन में रह रही है| अपने अतीत में बिताए घर के समय को स्मरण कर रही हैऔर अपने आने वाले अवकाश का बेसब्री से इंतजार करती है ,ताकि उसी बचपन में लौट सकें| अंजना वर्मा की भावुक कर देने वाली कहानी लेकिन कब ,सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज में..
पेड़ पौधे बिना कुछ कहे बहुत कुछ महसूस कर सकते हैं |उनके अंदर बहुत ही जिजीविषा होती है लेखिका ने बेहद सरल और सजीव शब्दों में एक अनाम पेड़ के भीतर चल रहे कौतूहल को बड़ी खूबसूरती के साथ वर्णन किया है| जो पढ़ने और सुनने में बेहद रोचक है ,अंजना वर्मा जी के द्वारा लिखी गई कहानी पेड़ का तबादला सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज में ….
एक आलीशान कॉलोनी के बीच में एक मैदान जहां पर गरीब बस्ती के लोग ,बच्चे खेलते- कूदते आते -जाते और सर्दियों में धूप सेंकते हैं किंतु आलीशान बंगलों में रहने वालों को यह बात नागुज़ार है तो क्या ये अमीर लोग अपनी झूठी शान के ख़ातिर उस मैदान के साथ ऐसा कुछ करेंगे कि जिससे कोई गरीब आदमी उस मैदान में आये ही ना । क्या होगा? जानने के लिये सुनतें हैं अंजना वर्मा की कहानी नंदन पार्क ,विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में..
पैसे की चाहत में हम कभी कभी अपने अपने सबसे प्रिय और उपयोगी चीज का भी सौदा करने से पहले नहीं सोचते | ऐसा ही कुछ बड़ी संजीदगी के साथ उल्लेख किया गया है अंजना वर्मा जी की कहानी सौदा में, सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज में…
पति -पत्नी का रिश्ता जो एक दूसरे के साथ पूरा जीवन बिता देते हैं किंतु क्या यह सच्चाई नहीं कि वह एक दूसरे के मन की तालों को जीवन भर नहीं खोल पाते ।एक खूबसूरत विपिन जैन की कहानी अलमारी और कागज का टुकड़ा में इस अहसास को किस तरीके से रखा गया है जानिए विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में…
एक आलीशान कॉलोनी के बीच में एक मैदान जहां पर गरीब बस्ती के लोग ,बच्चे खेलते- कूदते आते -जाते और सर्दियों में धूप सेंकते हैं किंतु आलीशान बंगलों में रहने वालों को यह बात नागुज़ार है तो क्या ये अमीर लोग अपनी झूठी शान के ख़ातिर उस मैदान के साथ ऐसा कुछ करेंगे कि जिससे कोई गरीब आदमी उस मैदान में आये ही ना । क्या होगा? जानने के लिये सुनतें हैं अंजना वर्मा की कहानी नंदन पार्क ,विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में..
इंसान अपने जीवन में भौतिक खुशियों को पाने के चक्कर में अपनी वास्तविक खुशियों से दूर होता चला जाता है| इसी भावना से ओतप्रोत है अंजना वर्मा जी के द्वारा लिखी गई कहानी हॉर्स- रेस , ,सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज …
पैसे की चाहत में हम कभी कभी अपने अपने सबसे प्रिय और उपयोगी चीज का भी सौदा करने से पहले नहीं सोचते | ऐसा ही कुछ बड़ी संजीदगी के साथ उल्लेख किया गया है अंजना वर्मा जी की कहानी सौदा में, सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज में…
इस कहानी में रिश्ते के दो पहलुओं को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया है| एक तरफ अमिता और उसके पति प्रवीण के द्वारा अपनी बुआ सास को नवजात की देखभाल के लिए दिल्ली बुलाया जाता है वह भी निस्वार्थ भाव से उनके पास दिल्ली आकर नवजात की से दिल से देखभाल करती है वही उनके जाने के पर प्रवीण उन्हें चंद रुपए देकर विदा कर देता है| क्या बुआ सास को उनकी मां की भांति ही सम्मान इज्जत मिलनी चाहिए| यह सोचने को मजबूर करती है अंजना वर्मा के द्वारा लिखी गई कहानी मदर्स डे ,विनीता श्रीवास्तव की आवाज में…
द्रौपदी जब अपना शील खो रही थी , तब आप कहां थे कृष्ण ??? कृष्ण और उद्धव जी के बीच में चल रहे संवाद को उस संदर्भ मे उस प्रसंग को प्रेषित करता है जब धर्मराज युधिष्ठिर, दुर्योधन से द्युत क्रीडा में पराजित हो गए थे | भगवान श्री कृष्ण उसी संदर्भ में उद्धव को स्पष्टीकरण देते हैं | सुनते हैं इस संवाद को अमित तिवारी जी की आवाज में……
उन तमाम टुकड़े-टुकड़े घटनाओं को एक दिन कहानी में पिरोकर ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ में दे दिया तो तुम जैसे बौखला गये थे। यहाँ तक लिखा तुमने कि तुम्हारी इन नितान्त अन्तरंग बातों के साथ यह सब क्यों किया मैंने, और करने ही चला तो क्यों वसुधा के बारे में सारी बातें सच-सच नहीं लिखीं-वह तो इससे हज़ार गुना उदार थी ! यह कहानी वसुधा और देवेंद्र की है जो एक टाइप इंस्टिट्यूट में एक साथ होते हैं वसुधा के जीवन की कहानी एक सप्ताहिक पत्रिका में छपती है जिसे पढ़कर लोगों में अपनी जीवन की छाया मिलती
हेमराज को कन्हैयालाल समझदार मानता था। हेमराज ने समझाया-बहू को प्यार तो करना ही चाहिए, पर प्यार से उसे बिगाड़ देना या सिर चढ़ा लेना भी ठीक नहीं। औरत सरकश हो जाती है, तो आदमी को उम्रभर जोरू का गुलाम ही बना रहना पड़ता है शादी के बाद औरत को काबू में रखने के प्रयोजन से कन्हैयालाल शादी के बाद लाजो पर विभिन्न प्रकार की यातनाएं देने लगता है किंतु जब करवा चौथ का वाले दिन कन्हैयालाल उसी प्रकार लाजो को प्रताड़ित करता है तो लाजो का सब्र टूट जाता है क्या इतना सब कुछ होने के बाद लाजो कन्हैयालाल के लिए व्रत रखेगी? कन्हैयालाल को क्या अपनी गलती का एहसास होगा? क्या होगा उनके वैवाहिक जीवन का ?पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं यशपाल जी के द्वारा लिखी गई कहानी करवा का व्रत ,सुमन वैद्य की आवाज में
इंसान अपने जीवन में भौतिक खुशियों को पाने के चक्कर में अपनी वास्तविक खुशियों से दूर होता चला जाता है| इसी भावना से ओतप्रोत है अंजना वर्मा जी के द्वारा लिखी गई कहानी हॉर्स- रेस , ,सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज …
समुद्री जलपोत में दो बंदी बैठे हैं स्त्री चंपा और दूसरा पुरुष बुद्ध गुप्त | बुद्ध गुप्त , चंपा के प्रति आकृष्ट है और उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखता है किंतु चंपा उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर देती है चंपा ऐसा क्यों करती है इसके पीछे क्या आशय है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखी कहानी आकाशदीप अमित तिवारी जी की आवाज में
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Seema Pandey
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Shrey Srivastava
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