पति -पत्नी का रिश्ता जो एक दूसरे के साथ पूरा जीवन बिता देते हैं किंतु क्या यह सच्चाई नहीं कि वह एक दूसरे के मन की तालों को जीवन भर नहीं खोल पाते ।एक खूबसूरत विपिन जैन की कहानी अलमारी और कागज का टुकड़ा में इस अहसास को किस तरीके से रखा गया है जानिए विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में…
सफ़ाई पसंद – विपिन जैन – विनीता श्रीवास्तव
इसमें कोई दो -राय नहीं कि साफ़-सफ़ाई एक बहुत अच्छी आदत है लेकिन ज्यादा साफ़- सफ़ाई की धुन कभी-कभी मुश्किल में भी डाल देती है। कहानी की नायिका विभा कुछ ज्यादा सफ़ाई पसंद है और ऐसे में उसके पति का क्या अनुभव रहता है ?जानिए विपिन जैन के द्वारा लिखी गई कहानी सफ़ाई पसंद ,विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में…
कामदेव ने किस प्रकार भगवान शिव से पार्वती जी का विवाह कराने में उनकी सहायता की ?और होली पर्व का इस बात से क्या संबंध है ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनिए शिव पार्वती और कामदेव की कथा विनीत श्रीवास्तव की आवाज़ में
कंप्यूटर जिसने अपने होने से पूरी दुनिया को बदल सा`दिया है | कैसे यह अविष्कार एक मनुष्य को क्रूरता की चरम सीमा तक पहुंचा सकता है |व्यक्ति के जीवन में काम का एडिक्शन उसे अपनों से दूर कर सकता है |ऐसा ही कुछ कहानी के नायक सुदीप मलिक के जीवन में चल रहा है और आज उसने क्रूरता की हद पार कर दी है और वह कटघरे में खड़ा है| सुनते हैं आकांक्षा पारे के द्वारा लिखी गई दिल को झकझोर देने वाली कहानी “शिफ्ट+कंट्रोल+ऑल्ट=डिलीट” विनीता श्रीवास्तव की आवाज में….
होली का त्योहार प्रहलाद और होलिका की कथा से किस प्रकार गहराइयों से जुड़ा है? इसे जानने के लिए पूरी कहानी सुने प्रहलाद और होली का की कथा, विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में
नौ साल छोटी पत्नी – रवींद्र कालिया – विनीता श्रीवास्तव
कुशल और तृप्ता पति -पत्नी है। तृप्ता, कुशल से 9 साल छोटी है। तृप्ता का कुछ अतीत है जो कुशल को लगता है शायद तृप्ता उससे छुपा रही है किंतु कुशल, तृप्ता की इस मासूमियत को समझता है और इस बात को लेकर ज्यादा गंभीर भी नहीं है। किंतु तृप्ता इस बारे में क्या सोचती है? पति-पत्नी की छोटी-छोटी, मीठी-मीठी नोंक झोंक से सजी लेखक रविंद्र कालिया की कहानी 9 साल छोटी पत्नी सुनिए विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में
इस कहानी में रिश्ते के दो पहलुओं को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया है| एक तरफ अमिता और उसके पति प्रवीण के द्वारा अपनी बुआ सास को नवजात की देखभाल के लिए दिल्ली बुलाया जाता है वह भी निस्वार्थ भाव से उनके पास दिल्ली आकर नवजात की से दिल से देखभाल करती है वही उनके जाने के पर प्रवीण उन्हें चंद रुपए देकर विदा कर देता है| क्या बुआ सास को उनकी मां की भांति ही सम्मान इज्जत मिलनी चाहिए| यह सोचने को मजबूर करती है अंजना वर्मा के द्वारा लिखी गई कहानी मदर्स डे ,विनीता श्रीवास्तव की आवाज में…
जीवन में फैशन, पैसे की प्रति एक-दूसरे से होड़ , पाश्चात्य संस्कृति को हमेशा फॉलो करते रहना जैसी कई बातें बहुत शीघ्रता से हावी हो जाती है |हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं कहीं कुछ कम, तो कहीं कुछ ज्यादा| तो उसी तरीके से मीडिया एक इतनी खतरनाक चीज है कि जिसमें आज की तारीख में कोई संस्कृति और सभ्यता कोई समाज के प्रति लगाव जैसी चीज नहीं रह गई हैं | मीडिया नाम की संस्था वही लोग चला रहे हैं जिनके पास सिर्फ दंगा भड़काऊ बातें हैं, इन बातों से समाज में क्या प्रभाव पड़ेगा इस बात से बेफिक्र होकर समाज को किस गर्त में पहुंचा रहे हैं ? जानिए इन बातों को कहानी जो मारे जाएंगे में…
एक भावपूर्ण खत एक पुत्र का अपने पिता के लिए इंसान कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए जो इसने हैं जो स्नेह उसे अपने माता-पिता से प्राप्त होता है दुनिया में किसी और से प्राप्त नहीं हो सकता इसी अहसास को प्रेरित करता हुआ यह पत्र जानने के लिए सुनते हैं आकांक्षा पारे द्वारा लिखी गई कहानी डियर पापा अमित तिवारी जी की आवाज में
इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के द्वारा की गयी आत्मा हत्या के पीछे छुपे राज़ पर बात करती हुई दिखाई देती है यह कहानी ‘ अब अभिमन्यु नहीं मरेगा ‘
जैसलमेर – संजय शेफर्ड – पल्लवी
जैसलमेर का इतिहास और सुंदरता पर्यटकों को मोहित करने में कभी विफल नहीं होती है। आपके लिए शहर में और उसके आसपास कई आकर्षण हैं, चाहे वह जैसलमेर किले और पटवों की हवेली की भव्यता हो, जैन मंदिरों की शांति हो, या खरीदारी के स्थानों की जीवंतता और दिलचस्प रेगिस्तानी त्यौहार हों। इतना ही नहीं, रेगिस्तान में जीप टूर और ऊंट सफारी आपके उत्साह को बढ़ाने के लिए काफी है।जैसलमेर जहाँ राजस्थान का रंग देखने को मिलता हैजैसलमेर को गोल्डन सिटी के नाम से भी जाना जाता है. विश्व की पुरानी धरोहर के रूप में जैसलमेर एक राज्य के नाम से प्रसिध्य हुआ करता था. यहाँ पीले से रंग की रेत पाई जाती हैसंजय शेफर्ड की डायरी से घुमंतू में सैर कीजिए जैसलमेर की, पल्लवी की आवाज़
रामनाथ एक क्रांतिकारी है | रामनाथ में पूरा जीवन भारत माता के लिए समर्पित कर दिया| जिसके चलते आप 30 वर्षों के बाद वह जेल से निकल पाया है |जेल से निकलने के पश्चात निशिकांत और उसकी पत्नी के पास पहुंचा है दोनों दंपत्ति रामनाथ का बेहद स्नेह के साथ ख्याल रख रहे हैं किंतु फिर भी रामनाथ उनके पास नहीं रहना चाहता आखिर क्यों विष्णु प्रभाकर की कहानी क्रांतिकारी जानते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में
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Sweta Khare
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chhayasrivastava.alld@gmail.com
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