Dharm Adhyatm (All Audios)
Manav Hain Mere Ram | Episode – 2
Manav Hain Mere Ram | Episode – 2
Manav Hain Mere Ram | Episode – 2
Narrator
Genre
मानव है मेरे राम – Episode – 2- Dr. Pradeep Dixit
जानिए महर्षि विश्वामित्र के द्वारा श्री राम के रूपांतरण की कहानी “मानव हैं मेरे राम” की इस कड़ी में। मानव हैं मेरे राम- राम की अनसुनी कहानी प्रदीप दीक्षित की जुबानी l अगली कड़ी में जानिए महर्षि विश्वामित्र द्वारा तड़का वध के लिए राम को पुरस्कार स्वरुप दी गयी ब्रह्म शक्तियों के बारे में I
Manav Hain Mere Ram | Episode – 1
Manav Hain Mere Ram | Episode – 1
Manav Hain Mere Ram | Episode – 1
Narrator
Genre
मानव है मेरे राम – Episode – 1 – Dr. Pradeep Dixit
राम के अश्वमेध यज्ञ के बारे में तो सब जानते है, पर क्या आप राजा दशरथ के द्वारा कराए गए अश्वमेध यज्ञ के बारे में जानते हैं? जानिए श्री राम से जुड़ी अनसुनी कहानियाँ “मानव है मेरे राम” की कड़ियों में। अगली कड़ी में जानिए महर्षि विश्वामित्र के द्वारा श्री राम के रूपांतरण की कहानी I
नवरात्रि नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री
Maa Siddhidatri
मां दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्रि-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।
नवरात्रि आठवां दिन – मां महागौरी
नवरात्रि आठवां दिन – मां महागौरी
नवरात्रि आठवां दिन – मां महागौरी
Maa Mahagauri
महागौरी नवदुर्गाओं में आठवां रूप हैं और अष्टमी के दिन पूजी जाती हैं। उनका रंग सफेद होता है और उन्हें चंदन और कमल की माला से प्रसन्न किया जाता है। महागौरी की दो हाथ होते हैं, एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में वरदान करने वाले हिरण का मुँह लेकर हैं। उनका वाहन वृषभ होता है। महागौरी का अर्थ होता है “अति उज्जवल” जो उनकी शुद्धता को दर्शाता है। उन्हें पूजा करने से स्त्रीशक्ति में वृद्धि होती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
नवरात्रि सातवां दिन-मां कालरात्रि
नवरात्रि सातवां दिन-मां कालरात्रि
नवरात्रि सातवां दिन-मां कालरात्रि
Maa Kalratri
नाम से अभिव्यक्त होता है कि मां दुर्गा की यह सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है अर्थात जिनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। नाम से ही जाहिर है कि इनका रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं और गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। अंधकारमय स्थितियों का विनाश करने वाली शक्ति हैं कालरात्रि। काल से भी रक्षा करने वाली यह शक्ति है।
नवरात्रि के सातवें दिन यानी महासप्तमी को माता कालरात्रि की पूजा की जाती है। जैसा उनका नाम है, वैसा ही उनका रूप है। खुले बालों में अमावस की रात से भी काली, मां कालरात्रि की छवि देखकर ही भूत-प्रेत भाग जाते हैं। मां का वर्ण काला है।
इस देवी के तीन नेत्र हैं।
नवरात्रि पांचवा दिन-मां स्कंदमाता
नवरात्रि पांचवा दिन-मां स्कंदमाता
नवरात्रि पांचवा दिन-मां स्कंदमाता
Maa Skandamata
नवरात्रि के पंचम दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। स्कंद माता का रूप सौंदर्य अद्वितिय आभा लिए शुभ्र वर्ण का होता है। वात्सल्य की मूर्ति हैं स्कंद माता। मान्यता अनुसार संतान प्राप्ति हेतु मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है।पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं स्कंदमाता। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है।
स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है। इनके विग्रह में भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं।इस देवी की चार भुजाएं हैं। ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा में हैं और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है। इनका वर्ण एकदम शुभ्र है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसीलिए इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। सिंह इनका वाहन है।
नवरात्रि चौथा दिन – मां कुष्मांडा
नवरात्रि चौथा दिन – मां कुष्मांडा
नवरात्रि चौथा दिन – मां कुष्मांडा
Maa Kushmanda
नवरात्र के चौथे दिन दुर्गाजी के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा और अर्चना की जाती है। माना जाता है कि सृष्टि की उत्पत्ति से पूर्व जब चारों ओर अंधकार था और कोई भी जीव जंतु नहीं था तो मां दुर्गा ने इस अंड यानी ब्रह्मांड की रचना की थी
इस देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं इसलिए इस देवी को कुष्मांडा कहते हैं।
नवरात्रि तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा
नवरात्रि तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा
नवरात्रि तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा
Maa Chandraghanta
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा होती है।चन्द्रघंटा देवी का स्वरूप तपे हुए स्वर्ण के समान कांतिमय है।चेहरा शांत एवं सौम्य है और मुख पर सूर्यमंडल की आभा छिटक रही होती है। माता के सिर पर अर्ध चंद्रमा मंदिर के घंटे के आकार में सुशोभित हो रहा जिसके कारण देवी का नाम चन्द्रघंटा हो गया है।अपने इस रूप से माता देवगण, संतों एवं भक्त जन के मन को संतोष एवं प्रसन्न प्रदान करती हैं। मां चन्द्रघंटा अपने प्रिय वाहन सिंह पर आरूढ़ होकर अपने दस हाथों में खड्ग, तलवार, ढाल, गदा, पाश, त्रिशूल, चक्र,धनुष, भरे हुए तरकश लिए मंद मंद मुस्कुरा रही होती हैं। इस देवी की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और कई तरह की ध्वनियां सुनाईं देने लगती हैं। इन क्षणों में साधक को बहुत सावधान रहना चाहिए। इस देवी की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है। इसलिए हमें चाहिए कि मन, वचन और कर्म के साथ ही काया को विहित विधि-विधान के अनुसार परिशुद्ध-पवित्र करके चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना-आराधना करना चाहिए। इससे सारे कष्टों से मुक्त होकर सहज ही परम पद के अधिकारी बन सकते हैं। यह देवी कल्याणकारी है।मां चंद्रघंटा की पूजा करने से जातक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जन्म-जन्म का डर समाप्त हो जाता है और जातक निर्भय बन जाता हैं।
Chants credit- Jyoti upreti sati
नवरात्रि दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी
Maa Brahmacharini
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा का दिन होता है। बता दें कि ब्रह्म का अर्थ तपस्या से है। मां का ये रूप अपने भक्तों और सिद्धों को अनंत फल देने वाला है। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। शास्त्रों में ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानि तप का आचरण करने वाली बताया गया है। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य है। इस देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में यह कमण्डल धारण किए हैं।
Chants credit- Jyoti upreti sati
नवरात्रि पहला दिन – मां शैलपुत्री
नवरात्रि पहला दिन – मां शैलपुत्री
नवरात्रि पहला दिन – मां शैलपुत्री
Maa Shailputri
नवरात्र के 9 दिन भक्ति और साधना के लिए बहुत पवित्र माने गए हैं। इसके पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। हिमालय पर्वतों का राजा है। वह अडिग है, उसे कोई हिला नहीं सकता। जब हम भक्ति का रास्ता चुनते हैं तो हमारे मन में भी भगवान के लिए इसी तरह का अडिग विश्वास होना चाहिए, तभी हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। यही कारण है कि नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
Chants credit- Jyoti upreti sati
श्री दुर्गा सप्तशती का हिंदी काव्यानुवाद और साथ ही शक्ति मंत्रों की व्याख्या
श्री दुर्गा सप्तशती का हिंदी काव्यानुवाद और साथ ही शक्ति मंत्रों की व्याख्या
श्री दुर्गा सप्तशती का हिंदी काव्यानुवाद और साथ ही शक्ति मंत्रों की व्याख्या
Genre
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
शिवोऽहम् साहित्यिक मंच के माध्यम से आइये आराधना करते हैं आदिशक्ति माँ भगवती की ईश आस्था के साथ कि महामारी के कठिन दौर में माँ अपना वरद हस्त हम सबके ऊपर बनाये रखें और पूरे भारतवर्ष को ही नहीं वरन पूरे विश्व को आपदा से निपटने की शक्ति प्रदान करें।
हम सुनेंगे श्री दुर्गा सप्तशती का हिंदी काव्यानुवाद और साथ ही शक्ति मंत्रों की व्याख्या डॉ मधु चतुर्वेदी जी के साथ पूरे नवरात्र लगातार।
आज पहली कड़ी और पहला अध्याय।
Shri Ramcharitmanas (241-250)
Shri Ramcharitmanas (241-250)
Maa Kaalratri Stuti
Maa Kaalratri Stuti
Maa Katyayni Stuti
Maa Katyayni Stuti
Maa Skandmata Stuti
Maa Skandmata Stuti
Maa Kushmanda Stuti
Maa Kushmanda Stuti
Maa Brahmacharini Stuti
Maa Brahmacharini Stuti
Mata Chandraghanta Stuti
Mata Chandraghanta Stuti
Maa Shailputri Stuti
Maa Shailputri Stuti
Shiv Tandav Stotram
Shiv Tandav Stotram
Shiv Tandav Stotram
Shiv Stotram
Shiv Stotram
Shiv Stotram
Manu Shastra (Rigveda) मनु शास्त्र (ऋग्वेद)
Manu Shastra (Rigveda) मनु शास्त्र (ऋग्वेद)
Vastu Vasudha (वास्तुवसुधा)
Vastu Vasudha (वास्तुवसुधा)
Dhtana (Contemplation)-धटना (चिंतन)
Dhtana (Contemplation)-धटना (चिंतन)
Dharana (Concentration)-धरण (एकाग्रता)
Dharana (Concentration)-धरण (एकाग्रता)
Pratyahara (Sense Withdrawal)- प्रत्याहार
Pratyahara (Sense Withdrawal)- प्रत्याहार
Kaya Sthairyam (Stilling The Body)- काया चरणम् (शरीर को स्थिर करते हुए)
Kaya Sthairyam (Stilling The Body)- काया चरणम् (शरीर को स्थिर करते हुए)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-18 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 18)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-18 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 18)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-18 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 18)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-18 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-17 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 17)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-17 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 17)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-17 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 17)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-17 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-16 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 16)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-16 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 16)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-16 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 16)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-16 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-15 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 15)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-15 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 15)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-15 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 15)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-15 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-14 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 14)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-14 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 14)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-14 (श्रीमद भगवद गीता अध्याय 14)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-14 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-13 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 13)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-13 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 13)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-13 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 13)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-13 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-12 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 12 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-12 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 12 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-12 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 12 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-12 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-11 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 11)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-11 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 11)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-11 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 11)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-11 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-10 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 10)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-10 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 10)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-10 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 10)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-10 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-9 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 9)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-9 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 9)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-9 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 9)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-9 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-8 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 8)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-8 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 8)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-8 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 8)
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-8 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-7 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 7 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-7 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 7 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-7 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 7 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-7 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-6 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 6 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-6 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 6 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-6 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 6 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-6 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-5 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 5 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-5 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 5 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-5 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 5 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-5 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-4 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 4 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-4 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 4 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-4 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 4 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-3 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-3 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 3 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-3 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 3 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-3 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 3 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-3 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-2 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 2 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-2 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 2 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-2 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 2 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-2 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-1 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 1 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-1 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 1 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-1 ( श्रीमद भगवद गीता अध्याय 1 )
Shrimad Bhagwat Gita adhyay-1 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
- ‹ Previous
- 1
- 2