Shrimad Bhagwat Gita adhyay-8 By Sri Anup Jalota
Credit: International Gita society
Maa Kushmanda
नवरात्र के चौथे दिन दुर्गाजी के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा और अर्चना की जाती है। माना जाता है कि सृष्टि की उत्पत्ति से पूर्व जब चारों ओर अंधकार था और कोई भी जीव जंतु नहीं था तो मां दुर्गा ने इस अंड यानी ब्रह्मांड की रचना की थी
इस देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृति में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं इसलिए इस देवी को कुष्मांडा कहते हैं।
मानव है मेरे राम – Episode -59 – Dr. Pradeep Dixit
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Shrimad Bhagwat Gita adhyay-13 By Sri Anup Jalota
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Shrimad Bhagwat Gita adhyay-5 By Sri Anup Jalota
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मानव है मेरे राम – Episode -52 – Dr. Pradeep Dixit
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