Awoman with great look, good taste was still not getting the attention from her husband. Each day the distance was impacting huge among their relationship that prompted the lady to leave her house.
कादम्बिनी में प्राण तब वापस आए जब उसे जलाने के लिए शमशान में रखकर, लोग लकड़ी लेने चले गए। अपने आस पास किसी को ना पाकर कादंबनी को लगा कि वह मर चुकी है और जीवन तथा मृत्यु के बीच लटक रही है, उसकी इसी जीवन और मृत्यु के बीच की यात्रा की कहानी।
The story depicts The story shows how a happy life can topple down with a single incident and nothing is in our control and nothing to be taken for granted. It’s a story about life’s twist and turn and survival.
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसका विवाह मामा द्वारा दहेज की मांग करने से टूट जाता है और उसके लंबे समय बाद उसे जिस अपरिचित लड़की से प्रेम होता है, वह लड़की कोई और नहीं बल्कि वही होती है।
यह कहानी जगन्नाथ नाम के एक बेहद कंजूस बूढ़े व्यक्ति की है जिसने थोड़ा सा धन बचाने के लिए अपनी बीवी और बहु का उचित इलाज नहीं करवाया, परिणाम स्वरूप उनकी मृत्यु के बाद उसका बेटा भी उसके पोते गोकुल को लेकर घर से पलायन कर जाता है। अपने कंजूस स्वभाव से ग्रस्त जगन्नाथ अपने पोते गोकुल की मृत्यु का कारण बनता है तथा पागल हो स्वयं भी प्राण त्याग देता है।
एक ऐसी मुसलमान राजकुमारी की कहानी जिसने अपनी सेना के हिंदु सेनापति के लिए अपना धर्म और राज्य सब छोड़ दिया लेकिन अपने प्रेम को ना प्राप्त कर सकी।
“Poyla Nombor” is a story of an educated man who didn’t give any time recognizing wife’s wants and needs thinking her life is centered around his. And each time his guess about the concept of his wive’s thought process was proved wrong since he didn’t give a try and spend any time to understand her.
Chuti or The Home Coming is an interesting story written by the very famous Rabindranath Tagore. Explanation: The story revolves around a young boy who is in his teens and is confused about his life problems. His awkwardness is described beautifully.
“Chitrokor” is a story of a solvent housewife, a mom whose life is dedicated in pursuing creative art as part of her hobby. She got her husband in support of her passion. But after her husband’s death the relative whose house she was sheltered, used to believe in materialism. And he used to preach her son that money making is the only way that’s meaningful in life. First the lady tried to live with her passion even exposing her hobby to her child hiding from the shelter giver. But when he came to know and resisted vehemently, she didn’t even hesitate to leave the house with her child for the sake of her passion on art.
It was a path-breaking short story in form of a letter (the letter itself constitutes the whole story) which a typical Bengali upper middle-class wife “Mrinal” writes to her husband. She’s a poet, a thinker and over all a woman who dared to question, expressing bold and fervent statements with realizations coming from within the course of 15 years of her married life through letter to her husband.
हम सब लोग ऐसी मिट्टी के बने हैं जिसे किसी बाहरी शक्ति की जरूरत नहीं है बनने-बिग़डने के लिए। यह ऐसी मिट्टी है जो अपने आप बहती है और अपने आप ही कठोर और ज़ड भी हो जाती है। जहाँ ज़ड हो गई है वहाँ कोई अहसास नहीं, वेदना नहीं, टीस नहीं और जहाँ बह रही है, गल रही है वहाँ भरपूर गुँजाइश है तर्क की, कुतर्क की, संवेदना की, खुशी की और दर्द की। लेकिन इसी मिट्टी से बनी दुनिया में जब चारों और से सवाल उठने लगें, भयंकर सवाल, तंग करने वाले, शोषित करने वाले, दमन करने वाले सवाल …. तो इसी मिट्टी से पनपने लगती हैं उलझनें और उलझनें … पुष्पेंद्र को अक्सर एक अजीब सा एहसास सताया करता था जैसे कोई मकड़ी का जाला उसके शरीर से चिपक गया हो जबकि वह पूरी तरह से स्वस्थ था | उसे और भी कई लोग मिले जिनके साथ कुछ अजीबोगरीब एहसास से ग्रसित थे |अंत में पुष्पेंद्र इन एहसासों को किस प्रकार समझा और किस निष्कर्ष पर पहुंचा ???जाने के लिए सुनते हैं कहानी उलझने………
मेला – ममता कालिया – शैफाली कपूर
कहानी में प्रयागराज में लगे कुंभ मेले का दृश्य है जहां दूर-दूर से लाखों की संख्या में लोग अपने पाप को धोने के लिए संगम में डुबकी लगाने आते हैं। क्या मात्र डुबकी लगाकर पाप से मुक्त हुआ जा सकता है ?क्या वास्तव में अध्यात्म को भी एक पेशे की दृष्टि से अपनाया जाता है? आस्था ,परंपरा इन सब बातों का अद्भुत संगम है इस कहानी में। इसी बात को रोचक ढंग से आधार बनाकर ममता कालिया ने कहानी मेला का ताना-बाना बुना है,जिसे शेफ़ाली कपूर ने उतने ही अनोखे अंदाज़ से अपनी आवाज़ से निखारा है।
डरी हुयी औरत – रवींद्र कालिया – पूजा श्रीवास्तव
यूं तो तुलना और गौतम एक खुशहाल शादीशुदा ज़िन्दगी व्यतीत कर रहे हैं ।इन दोनों यानि कि तुलना और गौतम का एक बेहद करीब मित्र है खुशवंत। तुलना कहीं ना कहीं खुशवंत के व्यक्तित्व से प्रभावित है।क्या यही वजह है कि तुलना के मन में एक अजीब सा भय है कि कहीं उसकी खुशवंत के प्रति जो भावना है वह उसकी शादी- शुदा ज़िन्दगी को प्रभावित ना कर दे?क्या गौतम को भी इस बात का अंदाजा है? पूरी कहानी जानने के लिए सुने रवीन्द्र कालिया के द्वारा लिखी गई कहानी डरी हुई औरत,पूजा श्रीवास्तव की आवाज़ में…
भून के अपने दिल को – Arvind saxena – Priya bhatia
तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल.. जिनके चाहने वाले ज्यादा हो.. वो अक्सर बे दर्द हुआ करते हैं….
Reviews for: Maanbhanjon