Fiction
Kayar (कायर)
Kayar (कायर)
Kayar (कायर)
Narrator
अलग-अलग जाति से संबंध रखने वाले एक ऐसे प्रेमी युगल की कहानी जो एक दूसरे से प्रेम करते हैं विवाह भी करना चाहते हैं किन्तु सामाजिक बाधाओं के डर से डर कर कायरों की भांति पीछे हट जाते हैं
Akelepan ka ehsaas (अकेलेपन का एहसास)
Akelepan ka ehsaas (अकेलेपन का एहसास)
Akelepan ka ehsaas (अकेलेपन का एहसास)
Narrator
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है यह कहानी इस बात का एहसास दिला जाती है जिसे जिंदगी में हम बंधन समझते हैं दर असल में वही हमारे जीने की मुख्य वजह होती है दिनकर वाडेकर के द्वारा लिखी गई कहानी अकेलेपन का एहसास अमित तिवारी जी की आवाज में
Karva Ka Vrat (करवा का व्रत)
Karva Ka Vrat (करवा का व्रत)
Karva Ka Vrat (करवा का व्रत)
हेमराज को कन्हैयालाल समझदार मानता था। हेमराज ने समझाया-बहू को प्यार तो करना ही चाहिए, पर प्यार से उसे बिगाड़ देना या सिर चढ़ा लेना भी ठीक नहीं। औरत सरकश हो जाती है, तो आदमी को उम्रभर जोरू का गुलाम ही बना रहना पड़ता है शादी के बाद औरत को काबू में रखने के प्रयोजन से कन्हैयालाल शादी के बाद लाजो पर विभिन्न प्रकार की यातनाएं देने लगता है किंतु जब करवा चौथ का वाले दिन कन्हैयालाल उसी प्रकार लाजो को प्रताड़ित करता है तो लाजो का सब्र टूट जाता है क्या इतना सब कुछ होने के बाद लाजो कन्हैयालाल के लिए व्रत रखेगी? कन्हैयालाल को क्या अपनी गलती का एहसास होगा? क्या होगा उनके वैवाहिक जीवन का ?पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं यशपाल जी के द्वारा लिखी गई कहानी करवा का व्रत ,सुमन वैद्य की आवाज में
Rahasya (रहस्य)
Rahasya (रहस्य)
Rahasya (रहस्य)
Narrator
अर्जुन आयकर विभाग में कार्यरत है 30 जनवरी की रात अकेले ऑफिस में अपना काम कर रहा होता है उसके साथ कुछ रहस्यमई घटना घटित होती है इसी बीच उसे अपने केबिन में एक सोने का एंटीक झुमका दिखाई देता है अर्जुन असमंजस की स्थिति में है कि आखिर में झुमका किसका है आखिर क्या है झुमके का रहस्य पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं अजीत पाल सिंह के द्वारा लिखी कहानी रहस्य ,अमित तिवारी जी की आवाज में
Akashdeep (आकाशदीप )
Akashdeep (आकाशदीप )
Akashdeep (आकाशदीप )
Narrator
समुद्री जलपोत में दो बंदी बैठे हैं स्त्री चंपा और दूसरा पुरुष बुद्ध गुप्त | बुद्ध गुप्त , चंपा के प्रति आकृष्ट है और उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखता है किंतु चंपा उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर देती है चंपा ऐसा क्यों करती है इसके पीछे क्या आशय है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखी कहानी आकाशदीप अमित तिवारी जी की आवाज में
Chitra Ka Shirshak (चित्र का शीर्षक)
Chitra Ka Shirshak (चित्र का शीर्षक)
Chitra Ka Shirshak (चित्र का शीर्षक)
Narrator
जयराज एक चित्रकार है और रानीखेत की सुंदर वादियों में प्रकृति के सुंदर चित्र बनाता है किंतु इन चित्रों में मनुष्य की अनुपस्थिति उसे अपने चित्र में अधूरे पन का एहसास दिलाती है इसी बीच उसके एक मित्र का पत्र आता है कि वह अपने पत्नी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उसे रानीखेत भेज रहा है जयराज का चित्रकार मन नारी के सौंदर्य को चित्रित करने की कल्पना की उड़ान लेने लगता है क्या होता है जब उसकी मुलाकात नीता से होती है क्या वास्तव में उसकी कल्पना यथार्थ हो पाती है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं यशपाल जी के द्वारा लिखी गई कहानी चित्र का शीर्षक सुमन वैद्य जी की आवाज में
Khel khel mein (खेल-खेल में)
Khel khel mein (खेल-खेल में)
Khel khel mein (खेल-खेल में)
सृष्टि की बागडोर इंसान के हाथों में आ गई. आज वह समय की दी हुई उसी छूट का लाभ अच्छे और बुरे दोनों तरह के कार्यों के लिए करता आ रहा है. ओमप्रकाश कश्यप जी के द्वारा लिखी गई बाल कहानी खेल जिसमें किस प्रकार सृष्टि का निर्माण हुआ ?समय के साथ साथ किस प्रकार के बदलाव आए ?जीव धारियों का निर्माण हुआ और सबसे सुंदर कृति किस प्रकार मनुष्य मनुष्य की रचना हुई| बेहद रोचक ढंग से उल्लेख किया गया है
Veerangna Part-2 (वीरांगना भाग-2 )
Veerangna Part-2 (वीरांगना भाग-2 )
Veerangna Part-2 (वीरांगना भाग-2 )
Narrator
शान्तनु, अशोक की नीलांजना दीदी को , दीदी कभी नहीं बुला पाया. शान्तनु का किशोर मन शायद नीलांजना के रूप सौन्दर्य से इतना प्रभावित नहीं था जितना उसकी कुशाग्र बुद्धि और आत्मविश्वास से भरे सौम्य व्यक्तित्व से। .. .. शान्तनु का किशोरावस्था का प्यार क्या नीलांजना समझ पायी थी? क्या परिवार के सहयोग के बिना भी नीलांजना अपने भविष्य को सवार पायी थी? क्यो शान्तनु ने नीलांजना को सम्बोधित किया वीरांगना के नाम से , जानिए मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानी वीरांगना में
Khoyi hui aurat (खोई हुई औरत )
Khoyi hui aurat (खोई हुई औरत )
Khoyi hui aurat (खोई हुई औरत )
Narrator
जवान बेटी विधवा है। कितने मरे हुए सपनों को ढो रही है जया। क्या देख पाई थी वह? कुछ भी तो नहीं। घर-संसार, देह-सुख, कुछ भी तो नहीं। चार दिन बाद वापस आ गई थी जया। सारा श्रृंगार धो लाई थी और साथ में ले आई थी जलते हुए सपने, धुएँ होती उमंगे, कितना टूट गई थी वे। किश्त-दर-किश्त जिंदगी से हारी थी जया एक जवान विधवा बेटी है विनय पंत जया की जिंदगी में आना चाहता है किंतु इस रिश्ते के संदर्भ में निर्मला देवी उदासीन है| अंत में कहानी में क्या निर्मला देवी इस रिश्ते को मान्यता दे पाती हैं ,और क्या कारण है कि वह इस रिश्ते के प्रति उदासीन है ?जाने के लिए सुनते हैं कहानी खोई हुई औरत
Vriddhavastha (वृद्धावस्था )
Vriddhavastha (वृद्धावस्था )
Vriddhavastha (वृद्धावस्था )
Narrator
वृद्धावस्था में सुख-दु:ख की भावना परिवर्तित हो जाती है। तरुणावस्था में आडम्बर अथवा प्रदर्शन की जो चाह रहती है वह वृद्धावस्था में नहीं रह जाती| इसी प्रकार न क्षणिक सुखों से वृद्धों को उल्लास होता है और न क्षणिक दु:खों से विषाद। न तो कोई सफलता उन्हें उत्तेजित करती है और न कोई असफलता हताश। संसार की कठोरता और कर्तव्य की गुरुता से परिचित हो जाने से उनमें विश्वास के स्थान में अविश्वास आ जाता है। वे संयत हो कर भी संशयालु हो जाते हैं। इसी से वे तरुणावस्था के मोह में पड़ना नहीं चाहते।
Sangam ke shahar ki ladki (संगम के शहर की लड़की)
Sangam ke shahar ki ladki (संगम के शहर की लड़की)
Sangam ke shahar ki ladki (संगम के शहर की लड़की)
Narrator
यह लड़की अपने पिता की मूर्खता, दहेज बचाने के लालच की यातना में, अपने पति से प्यार की याचना में ऐसे रोए जा रही थी, निःशब्द गोया किसी छलनी से आटा गिरा जा रहा हो, झर-झर, झर-झर। उसे कोई राह नहीं मिल रही थी। जानते- बुझते एक पिता अपनी एक बेटी की शादी पहले से शादीशुदा व्यक्ति से करा देता है किंतु अब वह उससे तलाक भी दिलवाना चाहता है ,पर लड़की इस बात के लिए राजी नहीं होती |कहानी में दोनों पक्षों की जिरह को संवादित किया गया है | सारी परिस्थितियों को जानने और समझने के लिए सुनते हैं कहानी संगम के शहर की लड़की
Sawan ka andha (सावन का अंधा )
Sawan ka andha (सावन का अंधा )
Sawan ka andha (सावन का अंधा )
Narrator
वसु के मन में आया, कह दे कि शुलभा जैसे लोग ही सावन के अँधे होते हैं; पर उसका मन राजी न हुआ। निष्कपट बच्चों के मन में दुर्भावना का बीज बोना उचित नहीं था। उन्होंने कहा – “बच्चों, गलत चीजों को देख कर भी जो नहीं देखता, वही सावन का अँधा होता है। कहानी में अलग- अलग वसु और शुलभा के चरित्र का विश्लेषण किया गया है | जहां एक ओर वसु निस्वार्थ भाव से अपने दिव्यांग दोस्तों के साथ समय बिताता है , वही दूसरी ओर शुलभा सिर्फ अपनी लोकप्रियता पाने के लिए समाज सेवा का दिखावा करती है | जानते हैं लोगों के अलग-अलग नजरिए को कहानी सावन का अँधा में
Paheli part-2 (पहेली भाग 2)
Paheli part-2 (पहेली भाग 2)
Paheli part-2 (पहेली भाग 2)
Narrator
नारी हृदय को समझना अपने आप में एक पहेली है इसी स्थिति को उजागर करती हुई है कहानी जिसमें रामदयाल एक फिल्म अभिनेता है जिसकी विवाह उर्मिला नाम की स्त्री से हुआ है रामदयाल द्वारा एक लेख पढ़ा जाता है जो नारी स्वभाव से संबंधित होता है लेख को अपने जीवन में यथार्थ करने के उद्देश्य से रामदयाल किस प्रकार की भूल कर बैठता है जानते हैं उपेंद्रनाथ अश्क द्वारा लिखी गई बेहद रोचक और हृदयस्पर्शी कहानी पहेली अमित तिवारी जी की आवाज में
Paheli part-1 (पहेली भाग 1)
Paheli part-1 (पहेली भाग 1)
Paheli part-1 (पहेली भाग 1)
Narrator
रामदयाल एक श्रेष्ठ अभिनेता है| रामदयाल का विवाह उर्मिला से होता है जो कि सुंदर- सुशिक्षित और उच्च घराने की है युवती है |रामदयाल नवयुग पत्रिका में प्रकाशित एक महिला अंक को पढ़कर उसकी विवेचना करते -करते उसे अपने जीवन में सत्यापित करने का प्रयास करता है| और उसी प्रयास के जरिए उससे एक बहुत बड़ी भूल हो जाती है| रामदयाल ने ऐसा क्या किया पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं उपेंद्र नाथ अश्क द्वारा लिखी गई कहानी पहेली अमित तिवारी जी की आवाज में
Makaan (मकान)
Makaan (मकान)
Makaan (मकान)
Narrator
कामता प्रसाद जी के द्वारा लिखी गई कहानी मकान जिसमें शंकर कई वर्षों के बाद अपने उस मकान में आता है जहां उसने 30 -32 साल गुजारे हैं उसकी बहुत सारी यादें उस मकान से जुड़ी हुई है अब उस मकान की अवस्था जर्जर सी हो रही है शंकर की मकान को लेकर क्या योजना है कौन-कौन सी यादें उसके साथ जुड़ी हुई है और अंत में अपने मकान को लेकर क्या निर्णय लेता है जाgने के लिए सुनते हैं तिवारी जी की आवाज में कहानी मकान
Dharam Sankat ( धर्म संकट )
Dharam Sankat ( धर्म संकट )
Dharam Sankat ( धर्म संकट )
Narrator
56 वर्षीय विधुर एक 18 वर्षीय युवती रीता से विवाह कर लेते हैं किंतु रीता कभी भी उन्हें अपना पति के रूप में स्वीकार नहीं कर पाती है बल्कि उनके पुत्र रमेश को अपना पति स्वीकार करती है अब यह स्थिति धर्म संकट में डालती है ऐसी स्थिति में समाज इस बात को स्वीकृति देगा कि नहीं पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं अमृतलाल नागर की लिखी कहानी धर्म संकट सुमन की आवाज में सुमन वैद्य जी की आवाज में
Bahuri akela part-2 (बहुरि अकेला भाग-2)
Bahuri akela part-2 (बहुरि अकेला भाग-2)
Bahuri akela part-2 (बहुरि अकेला भाग-2)
Narrator
बड़ी उम्र में शादी होने से क्या अरमान ख़त्म हो जाते है ? क्या शादी का मतलब सिर्फ़ शारीरिक और आर्थिक ज़रूरतों की पूर्ति मात्र होता है ? क्या बड़ी उमर में शादी होने से भावनात्मक जुड़ाव की ज़रूरतें नहीं रह जाती है ? अंजू इन ही सवालों से जूझ रही थी । उमर बढ़ती जा रही थी तो भइया ने दो बच्चों के विधुर पिता से शादी करा के अपनी ज़िम्मेदारी पूरी कर ली। आर्थिक रूप से पूरी तरह आत्मनिर्भर होने के बावजूद समझौते तो उसने भी किए ही थे पर फिर ऐसा क्या हुआ की अंजू को निर्णय लेना ही पड़ा। वो बातें क्या थी जिन्होंने अंजू के स्वाभिमान को झकझोरा था .. सुनिए मल्टी जोशी को कहानी “ बहुरि अकेला”
Agla Station (अगला स्टेशन )
Agla Station (अगला स्टेशन )
Agla Station (अगला स्टेशन )
Narrator
आश्वासन दे देकर यहां पर लोगों को झूठी आशा दी जाती है ऐसा ही इस कहानी में है जब लोगों को गाड़ी में पंखा और बिजली का आश्वासन दिया जाता है कि वह अगले स्टेशन पर ठीक होगा क्या उनका अगला स्टेशन कभी आता है इसी पर व्यंग कसते हुए केशव वर्मा द्वारा लिखी गई कहानी अगला स्टेशन अमित तिवारी जी की आवाज में