वसु के मन में आया, कह दे कि शुलभा जैसे लोग ही सावन के अँधे होते हैं; पर उसका मन राजी न हुआ। निष्कपट बच्चों के मन में दुर्भावना का बीज बोना उचित नहीं था। उन्होंने कहा – “बच्चों, गलत चीजों को देख कर भी जो नहीं देखता, वही सावन का अँधा होता है। कहानी में अलग- अलग वसु और शुलभा के चरित्र का विश्लेषण किया गया है | जहां एक ओर वसु निस्वार्थ भाव से अपने दिव्यांग दोस्तों के साथ समय बिताता है , वही दूसरी ओर शुलभा सिर्फ अपनी लोकप्रियता पाने के लिए समाज सेवा का दिखावा करती है | जानते हैं लोगों के अलग-अलग नजरिए को कहानी सावन का अँधा में
लोग ना जाने क्या-क्या बातें करते हैं आलसी लोगों के लिए… किंतु गुलाब राय जी ने आलस्य को जीवन का एक अहम हिस्सा बताया है और ऐसे- ऐसे तर्क दिए हैं जो वाकई इस धारणा को गलत साबित कर देंगे जो आलस्य को बुरा मानते हैं ।जानना नहीं चाहेंगे वह कैसे? आलस्य पर व्यंग कसते हुए गुलाब राय जी ने आलस्य को अपनाने और उसकी उपयोगिता पर खूबसूरत ढंग से अपनी बात रखी है उनके इस वक्तव्य को सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज़ में..
सुमित एक सीधा साधा मेधावी छात्र है जो दिव्या से प्यार करता है| किंतु दिव्या उसके प्यार को अस्वीकार कर देती है| इस बात से सुमित काफी हताश हो जाता है |अमजद, सुमित का दोस्त है जो उसे इस मुश्किल से निकालने में मदद करता है |आज सुमित एक रानीपुर का एस.पी है और दिव्या उसके पास पुनः लौटना चाहती है किंतु दोस्ती और प्यार में सुमित किसको चुनता है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं जुनैद की लिखी कहानी दोस्ती, अमित तिवारी की आवाज में
“तुम फौजी बड़े बेवफा होते हो शादी करोगे ,फिर कल फर्ज के नाम पर शहीद कहलाओगे | तुम्हारे पीछे मैं विधवा ……” कहानी में आकाश एक नेवी कमांडर है और एक भूमि नाम की लड़की से बहुत प्यार करता है | भूमि भी उससे बेतहाशा प्यार करती है |किंतु जब आकाश ,भूमि के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है तो उसे वह अस्वीकार कर देती है | पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं ऋषभ आदर्श के द्वारा लिखी गई कहानी “विधवा “,अमित तिवारी जी की आवाज में….
कहानी में नायक को किसी कार्य के लिए कुछ रुपए दिए जाते हैं, जिसे नायक को दूसरे तक पहुंचाने होते हैं किंतु नायक पैसे ना पहुंचा कर अपनी बीमार मां और अपनी बहन शशि से मिलने अपने घर चला जाता है घर जाने पर मां की असमय मृत्यु हो जाती है और बहन अपने भाई के जीवन में किसी प्रकार की बाधा ना पड़े यह विचार कर अपने प्राण त्याग देती है| नायक द्वारा समय से पैसा ना पहुंचाने के कारण उस पर विश्वासघात का आरोप लगाया जाता है| क्या है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अज्ञेय के द्वारा लिखी गई कहानी क्षमा ,जिसे आवाज दी है अमित तिवारी जी …
ये केस सिर्फ जीत -हार का नही बल्कि उस सिस्टम को संतुलित और पवित्र करने का एक माध्यम एक आधार बनेगा जो बिक ही नही गया बल्कि सत्ता और पावर की दलाली का मुख्य केंद्र मुख्य शक्ति बन गया है” … कहानी में एक 30 साल की युवती शादीशुदा गरीब युवती सायरा बी जिसके साथ कुछ दरिंदों ने बलात्कार किया है | पैसे के अभाव के कारण कोई भी वकील उसका साथ नहीं दे रहा था | ऐसे में एक व्यक्ति न्याय दिलाने के लिए सामने आता है |कौन है वह व्यक्ति?? और क्या कारण था उसके पीछे?? और वह क्या न्याय दिला पाएगा?? जाने के लिए सुनते हैं कहानी ONE MEN JUSTICE
वृद्ध पिता की कहानी,जो अपनी सारी जिम्मेदारियां पूरी कर चुका है और उसका शरीर शिथिल हो गया है |इस समय काल में जब उसे अपने बच्चों का सानिध्य प्राप्त होता है ,तो उसके अंदर एक विशेष ऊर्जा का संचार होता है | किंतु यह सानिध्य उसे अल्प समय के लिए प्राप्त
सेवा – ममता कालिया – शैफाली कपूर
पुरुषोत्तम सहाय की पत्नी करीब 15 दिनों से अस्पताल में कोमा की स्थिति में पड़ी है। पुरुषोत्तम सहाय अकेले ही अपनी पत्नी की सेवा कर रहे हैं। कहने को पुरुषोत्तम सहाय की दो शादी-शुदा बेटियां, पुत्र, पुत्र-वधू ,पोता सभी है पर ऐसी स्थिति में अपनी उस मां के लिए जिसने ता-उम्र अपने पति और बच्चे की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया ,आज वही बच्चे क्या अस्पताल में जाकर मां की सेवा करना चाह भी रहें हैं या फिर मात्र औपचारिकता (formality) निभा रहे हैं ?ऐसी स्थिति में पुरुषोत्तम सहाय अपने बच्चों से क्या उम्मीद कर रहा है। पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं ममता कालिया के द्वारा लिखी गई कहानी सेवा ,शेफाली कपूर की आवाज़ में
हर बात को जहाँ तक हो, सँवारना चाहिए। । सूर्यकांत त्रिपाठी जी की लिखी कहानी गधा और मेंढक सुनते हैं निधि मिश्रा की आवाज में
मकान को घर और लोगो को परिवार बनाने के लिए उज्जवला द्वारा किये गये समर्पण की कहानी है ” Perfection “
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