समुद्री जलपोत में दो बंदी बैठे हैं स्त्री चंपा और दूसरा पुरुष बुद्ध गुप्त | बुद्ध गुप्त , चंपा के प्रति आकृष्ट है और उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखता है किंतु चंपा उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर देती है चंपा ऐसा क्यों करती है इसके पीछे क्या आशय है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखी कहानी आकाशदीप अमित तिवारी जी की आवाज में
यह कहानी ऐसी वृद्ध महिला की है| जिसमें जीवन -पर्यंत अपना स्वाभिमान नहीं छोड़ा| किसी की दया पर जीना उसे कभी गवारा नहीं हुआ| पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं जयशंकर प्रसाद के द्वारा लिखी गई कहानी गुदड़ी में लाल ,शिवानी आनंद की आवाज में
एक निम्न जाति की वृद्धा मंदिर के पास बैठी है |वह 3 दिन से भूखी है तभी उसका बेटा राधे शराब के मद में चूर होकर उसके पास आता है और मंदिर में अछूतों के साथ दर्शन करने की जिद करने लगता है| किंतु मंदिर के अपवित्र होने के डर से मंदिर के महाराज उसे इस बात की चेतावनी देता है राधे की जिद्द का क्या नतीजा निकलता है क्या उसे मंदिर में दर्शन मिल पाते हैं क्या होता है राधे के साथ ?पूरी कहानी सुनने के लिए जानते हैं जयशंकर प्रसाद के द्वारा लिखी गई कहानी विराम चिन्ह निधि मिश्रा की आवाज में
जयशंकर प्रसाद की चूड़ी वाले की नायिका चूड़ीवाली की नायिका विलासिनी है जो गृहस्थ कुलवधू बनने का सपना पूरा करने के लिए बहुत अधीर है ,किंतु जब वह उपेक्षित होती है तो अपनी जीवनचर्या को दूसरों की सेवाभाव के लिए समर्पित कर देती है |जानिए कैसे ?निधि मिश्रा की आवाज में….
ग्वालियर दुर्ग के किलेदार सरदार को एक बार रामदास का मधुर गान सुनाई देता है| सरदार रामदास को अपने साथ दुर्ग में ले आता है |यहां पर गायन में उसका मुकाबला बेगम साहिबा की एक बाँदी सौसन से होता है| रामदास और सौसन के बीच के मुकाबले का नतीजा क्या निकलता है और किस प्रकार रामदास को तानसेन की उपाधि मिलती है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं जयशंकर प्रसाद के द्वारा लिखी गई कहानी तानसेन ,निधि मिश्रा की आवाज में
पूरी सत्कार कालोनी में मरघट जैसा सन्नाटा छाया था। आज खन्ना साहब के खाली प्लॉट पर किसी तरह का शोर नहीं था। कल तक तो इस प्लॉट पर हर समय कालोनी के बच्चों की धमाचौकड़ी मची रहती थी। बच्चों के मां-बाप लाख समझाते, डांटते-डपटते, यहां तक कि पीटते भी, पर बच्चे यहां आना न छोड़ते। किसी न किसी बहाने इस प्लॉट पर पहुंच जाते। वे प्रतिदिन इस प्लॉट पर इस तरह पहुंचते मानो उनके लिए यह मंदिर-मस्जिरद-गुरुद्वारा हो। बचपन कितना मासूम होता है इस संदर्भ में कहानी में दर्शाया गया है कि किस प्रकार कॉलोनी के छोटे-छोटे बच्चे अपनी कॉलोनी के पिल्लो पर अपनी जान रखते हैं छिड़कते हैं इसी मासूमियत को दर्शाती है कहानी बचपन
एक नौजवान मुसाफिर जो एक अंतहीन सफर पर चला जा रहा है रहा है उसकी अचानक एक सराय खाने की खूबसूरत मालकिन से मुलाकात होती है उसे मालकिन से मोहब्बत हो जाती है मालकिन किंतु बाद में उसका यह भ्रम टूटता है उसके बाद उस मुसाफिर का क्या हुआ पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं एक मुसाफिर की डायरी से मुकेश श्रीवास्तव जी के द्वारा लिखी गई कहानी अमित तिवारी जी की आवाज में
शिकागो शहर में ग़रीब एंटोनी चौकीदारी का काम करता है रात के करीब 11:30 बजे एक कार से 3आदमी कार से उतरते हुए देखता है |उनमें से दो आदमी तीसरे आदमी का मर्डर कर देते हैं | एंटोनी यह सब देख लेता है और अंत में अपने एक डिटेक्टिव दोस्त एंथनी को सब बताता है | रोमांच और सस्पेंस से भरी कहानी शिकागो की एक रात में जा जान सकेंगे इसके पीछे की इस उलझी पहेली को
हिंदू मुसलमानों में जब तनाव की स्थिति आई थी तो बदले की आड़ में इसका खामियाजा बड़ी संख्या में उनकी बहू बेटियों को करना पड़ा यह कहानी एक ऐसे सिख शरणार्थी की है जो ट्रेन में बैठी एक मुस्लिम युवती का संरक्षण करता है
तुम हाथ पर हाथ धरे नामर्दों की भाँति बैठे रहोगे, सरदारनी ने कहा, और लोग एक से एक बढ़िया घर पर कब्जा कर लेंगे। इस्लामाबाद की नयी आबादी के मुसलमान जब सामान का मोह छोड़कर लोग भाग जाते हैं तो उनके खाली मकानों पर कब्जा करने लगते हैं |लहना सिंह भी इसी संदर्भ में एक खाली मकान पर कब्जा करना चाहता है मकान में वह अपने घर का सारा सामान के साथ-साथ अपने चारे की मशीन को भी रखकर अपने पत्नी और अपने बच्चों को लेने जाता है उसके वापस आने पर वह देखता है उस कब्जे वाले घर मकान में अब कोई दूसरा आ चुका है | लहना सिंह के साथ आगे क्या होता है ?जानने के लिए उपेंद्रनाथ अश्क के द्वारा लिखी गई कहानी चारा काटने की मशीन ,अमित तिवारी जी की आवाज में सुनते हैं
कहानी जीवन की उस सत्यता से परिचय कराती है कि इंसान तभी अपनों की अहमियत का एहसास करता है, जब वह व्यक्ति उसके पास नहीं होता | कहानी में 62 वर्ष के राजीव निगम को जब सुबह यह पता चलता है कि उसकी पत्नी आरती रात में उसे और घर को छोड़कर कहीं चली गई है | तब राजीव निगम एहसास करता है कि आखिर 40 वर्ष साथ गुजारने के बाद, इस उम्र में आरती को यह कठोर फैसला क्यों लेना पड़ा होगा |धीरेंद्र अस्थाना की बेहद रोचक और दिल को छू लेने वाली कहानी है ‘पराधीन ‘,सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में…
वह एक दिन हीरा मंडी का रास्ता चौबारा छोड़ कर शाहर के सबसे बड़े होटल फ्लैटी में आ गयी थी। वही शहर था, पर सारा शहर जैसे रातों रात उसका नाम भूल गया हो, सबके मुंह से सुनायी देता था -शाह की कंजरी। गजब का गाती थी। कोई गाने वाली उसकी तरह मिर्जे की सद नहीं लगा सकती थी। इसलिये चाहे लोग उसका नाम भूल गये थे पर उसकी आवाज नहीं भूल सके| शाह की कंजरी के नाम से जाने वाली नीलम महफिलों में गाने बजाने एक युवती है शाहनी जी के बड़े बेटे की शादी में उसे बुलाया जाता है तब शाहनी नीलम के साथ किस प्रकार का बर्ताव करती है अमृता प्रीतम के द्वारा लिखी गई कहानी शाह की कंजरी में …
साधारणत: धोबियों का रंग साँवला पर मुख की गठान सुडौल होती है ।बिबिया ने यह विशेषता गेंहएँ रंग के साथ पाई है । उसका हँसमुख स्वभाव उसे विशेष आकर्षण देता है। सुडौल, गठीली शरीर वाली बिबिया को धोबिन समझना कठिन था। पर थी वह धोबिनों में भी सबसे अभागी धोबिन। अपना ही नहीं वह दूसरों का काम करके भी आनंद का अनुभव करती थी। पाँचवें वर्ष में ब्याह हो गया। पर गौने से पहले ही वर की मृत्यु ने इस संबंध को तोड़ दिया। जिस प्रकार उच्च वर्ग की स्त्री का गृहस्थी बसा लेना कलंक है उसी प्रकार नीच वर्ग की स्त्री का अकेला रहना सामाजिक अपराध है। कन्हैया ने उसका दोबारा ब्याह रचा दिया लेकिन——-
ये एक ऐसे अधेड़ उम्र के व्यक्ति की कहानी है जिन्हे सफ़ाई जितनी ज़्यादा पसंद है उतनी ही कुत्तों से नफ़रत है। एक कुत्ता जो उनकी सैर के समय रोज़ उनके भगाने के बाद भी हमेशा उनके साथ रहता है, उनकी इस नफरत को आखिरकार प्रेम में बदल देता है।
Reviews for: Akashdeep (आकाशदीप )