यह कहानी हर उस पत्नी की है जो पढ़ी- लिखी और विवेकशील होने के कारण परिस्थितियों से समझौता नहीं कर पाती बल्कि उनसे लड़ती है तब -तक, जबतक कि वह लड़ सकती हैं…
यह कहानी हर उस पत्नी की है जो पढ़ी लिखी और विवेकशील होने के कारण परिस्थितियों से समझौता नहीं कर पाती बल्कि उनसे लड़ती है तबतक जबतक कि वह लड़ सकती हैं…
यह कहानी हर उस पत्नी की है जो पढ़ी लिखी और विवेकशील होने के कारण परिस्थितियों से समझौता नहीं कर पाती बल्कि उनसे लड़ती है तबतक जबतक कि वह लड़ सकती हैं…
बनवारी जो पत्नी से बेहद प्रेम करता है, अपने हालदार परिवार के के बड़े बेटे होने का फर्ज न निभाते हुए केवल उसकी खुशी के लिए ही सब करता है लेकिन परिस्थिति तब बदल जाती है जब उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी किरण की नज़र में उसका कोइ मोल नहीं और वह जी जान से अपने देवर के पुत्र हरिदास की देखभाल करते हुए कब उसकी पत्नी से ज्यादा हालदार परिवार की बड़ी बहू बन गई बनवारी को पता ही नहीं चला।
यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो अपनी महत्वकांक्षाओ के चलते अपने बचपन की सहचरी सुरबाला से विवाह के लिए इंकार कर देता है और जब जीवन के यथार्थ पर उतरकर देखता है तो उसे एहसास होता है कि उसने सिर्फ सुरबाला ही नहीं बल्कि सब कुछ खो दिया।
कहानी मैं एक स्कूल जाने वाला लड़का जब अपनी बहन के साथ गुड़िया की शादी का खेल खेलता है, तो उसके अध्यापक और सहपाठी उसका मजाक उड़ाते हैं और उसे ‘दुल्हन ‘कह कर बुलाते हैं| क्या होता है पूरी कहानी में ?जानने के लिए सुनते हैं रविंद्र नाथ ठाकुर के द्वारा लिखी गई कहानी दुल्हन “,शिवानी आनंद की आवाज में
It was a path-breaking short story in form of a letter (the letter itself constitutes the whole story) which a typical Bengali upper middle-class wife “Mrinal” writes to her husband. She’s a poet, a thinker and over all a woman who dared to question, expressing bold and fervent statements with realizations coming from within the course of 15 years of her married life through letter to her husband.
भगवान श्री कृष्ण के द्वारा इस लोक का त्याग करने के पश्चात ,पांडु पुत्र अर्जुन व अन्य भाई ,माता कुंती, द्रौपदी तथा अन्य सभी ने एक-एक करके अपनी देह को त्याग दिया |किंतु युधिष्ठिर ने संयास ले कर ब्रह्म ज्ञान प्राप्त किया और माना जाता है कि स्वयं देवराज इंद्र के द्वारा लाए गए रथ पर आरूढ़ होकर युधिष्ठिर ने स्वर्ग प्रस्थान किया| इस पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी पाण्डवों का हिमालय गमन, शिवानी आनंद की आवाज में…
बनवारी जो पत्नी से बेहद प्रेम करता है, अपने हालदार परिवार के के बड़े बेटे होने का फर्ज न निभाते हुए केवल उसकी खुशी के लिए ही सब करता है लेकिन परिस्थिति तब बदल जाती है जब उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी किरण की नज़र में उसका कोइ मोल नहीं और वह जी जान से अपने देवर के पुत्र हरिदास की देखभाल करते हुए कब उसकी पत्नी से ज्यादा हालदार परिवार की बड़ी बहू बन गई बनवारी को पता ही नहीं चला।
One day lord Vishnu converted the most beautiful thing on earth, The Lotus into a beautiful lady so that he can talk to her, but the told him that though she has been converted to a lady her soul remains like a gentle flower and she feel scared from
विवाह एक ऐसा बंधन है जिसमें बंधकर हर लड़की को अपने प्रियजनों से विदा लेनी पड़ती है। हेम भी इसी बंधन में बंध कर अपने पिता से दूर अपने ससुराल चली आई थी किंतु तब ये किसने जाना था कि यह विदा एक दिन अनंत कालीन विदा बन जाएगी।
एक बार विजय नगर में सूखे की स्थिति आ गई |तेनाली रामा ने जो बाग लगाया था वह भी सूख चुका था |तेनाली रामा ने किस प्रकार उपाय करके अपने बाग की सिंचाई कराई |इस रोचक घटना को जानने के लिए सुनते हैं तेनाली रामा की कहानियों में से एक कहानी बाग की सच्चाई शिवानी आनंद की आवाज में
प्यार में जुदाई के आलम को दशाया गया है इस कविता में
यह कहानी कृषक वर्ग की चुनौतियों को हमारे सामने रखती है जिसके चलते उन्हें कई बार अपनी जान तक देनी पड़ती है।
एक कक्षा – 6 में पढ़ने वाला लड़का जो बेहद शैतान प्रकृति का है । जीव – जंतुओं , पक्षियों को मारना उसका शौक है। किंतु एक ऐसा प्रसंग घटता है जो उसके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाता है। क्या घटना थी और ऐसा क्या बदलाव उसमें आया? जानने के लिए सुनते हैं गुलेलबाज लड़का !
पूस की अँधेरी रात में आकाश पर तारे भी ठिठुरते हुए मालूम हो रहे हैं । ऐसी ठंडी रात में हल्कू अपने खेत के किनारे ऊख के पतों की एक छतरी के नीचे बॉस के खटाले पर अपनी पुरानी गाढ़े की चादर ओढ़े पड़ा है |कड़कड़ाती ठंडी रात में हल्कू और उसका वफादार कुत्ता जबरा किस प्रकार ठंड से बचने के लिए जद्दोजहद करते रहे और उनके खेतों का क्या हुआ ? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी पूस की रात ,अमित तिवारी की आवाज में …
कैदी ~ मानसरोवर भाग-4127 आइवन मास्को के सम्पन्न और सम्भ्रान्त कुल का दीपक था। उसने विद्यालय में ऊँची शिक्षा पायी थी, खेल में अभ्यस्त था, निर्भीक था। उदार और सह्रदय था। दिल आईने की भाँति निर्मल, शील का पुतला, दुर्बलों की रक्षा के लिए जान पर खेलनेवाला, जिसकी हिम्मत संकट के सामने नंगी तलवार हो जाती । उसके साथ हेलेन नाम की एक युवती पढ़ती थी, जिस पर विद्यालय के सारे युवक प्राण देते थे। वह जितनी रूपवती थी, उतनी ही तेज थी, बड़ी कल्पनाशील; पर अपने मनोभावों को ताले में बन्द रखनेवाली। आइवन में क्या देखकर वह उसकी ओर आकर्षित हो गयी, यह कहना कठिन है। दोनों में लेशमात्रा भी सामंजस्य न था। आइवन सैर और शराब का प्रेमी था, हेलेन कविता एवं संगीत और नृत्य पर जान देती थी। विपरीत स्वाभाव होने के कारण भी होने के बावजूद दोनों में प्रेम विवाह हुआ |लेकिन क्या ऐसी परिस्थितियां घटी कि आज आइवन एक कैदी के रूप में है, और आज जब जो जेल से छूटा है तो उसके मन में क्या उथल-पुथल थल मच रही है ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी कैदी , सुमन की आवाज में
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