दो भाईयों की ऐसी कहानी जो अपनी पत्नियों के रोज़ रोज़ के झगड़े से आहत हैं। एक दिन खाना मांगने पर न मिलने से क्रुद्ध हो एक भाई अपनी पत्नी के सर पर प्रहार करता है जिससे कि उसकी मृत्यु हो जाती है लेकिन दूसरा भाई सबके सामने बताता है कि खून भाई ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी ने किया है क्योंकि उसका मानना है कि पत्नी तो उसे और मिल जाएगी लेकिन भाई तो दूसरा नहीं मिल सकता।
दो भाईयों की ऐसी कहानी जो अपनी पत्नियों के रोज़ रोज़ के झगड़े से आहत हैं। एक दिन खाना मांगने पर न मिलने से क्रुद्ध हो एक भाई अपनी पत्नी के सर पर प्रहार करता है जिससे कि उसकी मृत्यु हो जाती है लेकिन दूसरा भाई सबके सामने बताता है कि खून भाई ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी ने किया है क्योंकि उसका मानना है कि पत्नी तो उसे और मिल जाएगी लेकिन भाई तो दूसरा नहीं मिल सकता।
कहानी की नायिका निरुपमा पांच भाइयों में इकलौती बहन है। पिता रामसुन्दर ने उसका विवाह एक बड़े खानदान में तय किया किंतु ससुराल पक्ष के द्वारा जो दहेज़ की मांग की गई थी वह राम सुंदर जी पूरी नहीं कर पाए ।ऐसे में क्या निरुपमा का विवाह हो पाता है? क्या निरुपमा भी दहेज़ की भेंट चढ़ जाती है? या निरुपमा इस संदर्भ में कोई ठोस कदम उठाती है? बेहद भावुक कर देने वाली रविंद्र नाथ टैगोर जी की कहानी दहेज़ में जानते हैं उतने ही भावुक अंदाज में शिवानी आनंद के द्वारा..
कहानी मैं एक स्कूल जाने वाला लड़का जब अपनी बहन के साथ गुड़िया की शादी का खेल खेलता है, तो उसके अध्यापक और सहपाठी उसका मजाक उड़ाते हैं और उसे ‘दुल्हन ‘कह कर बुलाते हैं| क्या होता है पूरी कहानी में ?जानने के लिए सुनते हैं रविंद्र नाथ ठाकुर के द्वारा लिखी गई कहानी दुल्हन “,शिवानी आनंद की आवाज में
पाषाणी मृगमयी नाम की एक लड़की की कहानी है, जिससे अपूर्व नाम के लड़के को प्रेम होता है तथा वह उससे विवाह भी करता है। किंतु मृगमयी की प्रकृति से बचपना है की जाने का नाम नहीं लेता। परिस्थितियां विपरीत तब होती हैं जब अपूर्व कई वर्षो के लिए कलकत्ता चला जाता है और लौट कर नहीं आता…
नवीन का कंचन से प्रेम करना किंतु कह ना पाना इस कहानी को प्रेम के शिखर पर ले जाता है।
Awoman with great look, good taste was still not getting the attention from her husband. Each day the distance was impacting huge among their relationship that prompted the lady to leave her house.
समय द्वारा अपने मनोरंजन के लिए वायु. जल, अग्नि और कई प्रकार के जीवों के उपरांत मनुष्य के बनाए जाने की कथा।
यह कहानी हर उस पत्नी की है जो पढ़ी लिखी और विवेकशील होने के कारण परिस्थितियों से समझौता नहीं कर पाती बल्कि उनसे लड़ती है तबतक जबतक कि वह लड़ सकती हैं…
जहां चाह वहां राह की कहावत को सार्थक करती कहानी। जिसमें चार चोर चोरी की राह छोड़ एक आम इंसान का जीवन बिताते हुए सबके लिए कहानी वाले बाबा बन जाते हैं।
उस दिन मैं बिना कुछ सोचे हुए ही भाई निराला जी से पूछ बैठी थी,” आपके किसी ने राखी नहीं बांधी?” ” कौन बहन हम जैसे भुक्कड़ को भाई बनावेगी?” मे, उत्तर देने वाले के एकांकी जीवन की व्यथा थी, या चुनौती ? यह कहना कठिन है ।पर जान पड़ता है किसी अन्य चुनौती के आभास ने ही मुझे उस हाथ के अभिषेक की प्रेरणा दी। उनके अस्त-व्यस्त जीवन को व्यवस्थित करने के असफल प्रयास का स्मरण कर मुझे आज भी हंसी आ जाती है। संयोग से उन्हें कहीं से ₹300 मिले। उन्होंने मुझे अपने खर्च का बजट बनाने का आदेश दिया। अस्तु : नमक से लेकर नापित तक और चप्पल से लेकर मकान के किराए तक का अनुमान- पत्र मैंने बनाया। उन्हें पसंद आया ।पर दूसरे ही दिन वह सवेरे आ पहुँचे। ₹50 चाहिए किसी विद्यार्थी की परीक्षा शुल्क भरना है वरना—–
सहानुभूति और प्रेम के बिना दुनिया में कुछ भी नहीं |जब अपनापन किसी को वास्तव में मिलता है तो दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है |कहानी ने कुछ ऐसा ही है निशीकांत घर में अकेला है और ज्वर से पीड़ित है |कमला उसकी देखभाल हेतु आती है फिर क्या निशिकांत को काफी अच्छा लगता है| आखिर क्या है कमला का निशीकांत से क्या रिश्ता है इस रहस्य को समझने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर की कहानी रहस्य नयनी दीक्षित की आवाज में…
रामनाथ एक क्रांतिकारी है | रामनाथ में पूरा जीवन भारत माता के लिए समर्पित कर दिया| जिसके चलते आप 30 वर्षों के बाद वह जेल से निकल पाया है |जेल से निकलने के पश्चात निशिकांत और उसकी पत्नी के पास पहुंचा है दोनों दंपत्ति रामनाथ का बेहद स्नेह के साथ ख्याल रख रहे हैं किंतु फिर भी रामनाथ उनके पास नहीं रहना चाहता आखिर क्यों विष्णु प्रभाकर की कहानी क्रांतिकारी जानते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में
कहानी में लेखक और उसका दोस्त विक्रम जैसे -तैसे रुपए की व्यवस्था कर लॉटरी की टिकट खरीदते हैं |दोनों मिलकर खूब सारी पूर्व योजनाएं बनाते हैं क्या उनकी लॉटरी की टिकट निकलेगी? और उनके साथ क्या होगा पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी गई कहानी लॉटरी सुमन वैद्य जी की आवाज में
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