कुसुम जिसे घाट पर बैठकर घंटो पानी की लहरें देखना अच्छा लगता था, अपने वैधव्य के बाद प्रेम में पड़कर उसे न पा सकने के दुख को बर्दाश्त न करते हुए उसी घाट पर उन्ही लहरों में समा गई।
The story shows how the groom side of the family used to take upperhand in every area during a marriage settlement. Sometimes it goes to such extent as exploitation and mental torture.
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपनी बाल विधवा पड़ोसन से प्रेम तो करता है किंतु समाज और अन्य भय से कह नहीं पाता। वहीं उसका एक मित्र जो कि उसी से कविताएं सीखने आता है, उसी की लिखी कविताएं सुनाकर उसकी पड़ोसन से प्रेम विवाह कर लेता है।
एक ऐसी मुसलमान राजकुमारी की कहानी जिसने अपनी सेना के हिंदु सेनापति के लिए अपना धर्म और राज्य सब छोड़ दिया लेकिन अपने प्रेम को ना प्राप्त कर सकी।
कादम्बिनी में प्राण तब वापस आए जब उसे जलाने के लिए शमशान में रखकर, लोग लकड़ी लेने चले गए। अपने आस पास किसी को ना पाकर कादंबनी को लगा कि वह मर चुकी है और जीवन तथा मृत्यु के बीच लटक रही है, उसकी इसी जीवन और मृत्यु के बीच की यात्रा की कहानी।
Chuti or The Home Coming is an interesting story written by the very famous Rabindranath Tagore. Explanation: The story revolves around a young boy who is in his teens and is confused about his life problems. His awkwardness is described beautifully.
The story shows how after giving a shelter to a distressed lady a distinguished man in that village was cornered and became the victim of politics which bound him to lose the legal case which led him to lose his property.
“Chitrokor” is a story of a solvent housewife, a mom whose life is dedicated in pursuing creative art as part of her hobby. She got her husband in support of her passion. But after her husband’s death the relative whose house she was sheltered, used to believe in materialism. And he used to preach her son that money making is the only way that’s meaningful in life. First the lady tried to live with her passion even exposing her hobby to her child hiding from the shelter giver. But when he came to know and resisted vehemently, she didn’t even hesitate to leave the house with her child for the sake of her passion on art.
हमारी भारतीय समाज में पति विहीन नारी की हमेशा उपेक्षा की जाती है |हमारी मानसिकता अभी भी नहीं बदली पति कैसा भी हो स्त्री का सुहाग होता है ,किंतु उसके बिना जैसे उस स्त्री का कोई अस्तित्व नहीं रहता और उसका वजूद महा शून्य में तब्दील हो जाता है इसी संदर्भ में सुनते हैं इस मार्मिक कहानी को महा शून्य को मालती जोशी जी की आवाज में
अविनाश को यह पहाड़ी कस्बा अत्यंत प्रिय था। जब कभी वह रोजमर्रा के जीवन से ऊंबता वह सोनवल की राह थाम लेता थाइस बार वह इस शहर में अकेले नही आया था। उसके साथ उसका दोस्त विकास था। अविनाश ने उसके सामने कुछ शर्ते रख दी थी। मसलन वह इस यात्रा को आरामदेह मान कर न चले। यह यात्रा नही एक एडवेंचर होगा
सुन्दरी – रवींद्र कालिया – विनीता श्रीवास्तव
ज़हीर मियाँ के बड़े से कुम्बे का भरण -पोषण ‘सुंदरी’ के जरिए ही हो रहा है। वही उनके घर की एकमात्र आमदनी का साधन भी है ।अब ऐसे में सुंदरी ही रूठ जाए या नखरे दिखाने लगे तो इतने बड़े कुम्बे का ख़र्चा कौन उठाएगा ?अब सुंदरी को मनाने के लिए ज़हीर मियाँ का परिवार कौन-कौन से पापड़ बेलता है? और भाई आखिर यह सुंदरी है कौन? इसे बेहद रोचक ढंग से कहानी में बताया गया है जो कभी आपको हंसाएगी और कभी आपको इमोशनल भी कर देगी। रवींद्र कालिया के द्वारा लिखी गई कहानी सुनिए सुंदरी, विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में
“दीपशिखा”,महादेवी वर्मा का पाँचवाँ कविता-संग्रह है। इस संग्रह के गीतों का मुख्य प्रतिपाद्य स्वयं मिटकर दूसरे को सुखी बनाना है। दीपशिखा के संग्रह से लिया गया गीत “दीप मेरे जल अकम्पित” सीमा अग्रवाल की आवाज में
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