Social
Ab Nisha Nabh Se Utarti (अब निशा नभ से उतरती)
Ab Nisha Nabh Se Utarti (अब निशा नभ से उतरती)
Ab Nisha Deti Nimantran (अब निशा देती निमंत्रण )
Ab Nisha Deti Nimantran (अब निशा देती निमंत्रण )
Ab kal aayega yamraj (अब कल आएगा यमराज)
Ab kal aayega yamraj (अब कल आएगा यमराज)
Gulli Danda (गुल्ली डंडा)
Gulli Danda (गुल्ली डंडा)
Gulli Danda (गुल्ली डंडा)
Narrator
बचपन धर्म-जाति ऊंच-नीच,छोटा बड़ा,अमीर-गरीबी नहीं समझता। उसमें सिर्फ मासूमियत होती है।किंतु जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं हमें इन बातों का अंतर करने लग जाते हैं। “गुल्ली-डंडा” कहानी इन्हीं भावनाओं से अवगत कराती है………..गुल्ली डंडा खेलते हुए एक बालक और उसके साथ अन्य साथियोंको चित्रित किया जा सकता है।
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Narrator
Nazm Subhash ji ki likhi kahani adhoori khwaahish, badi khoobsoorti se, Umrao Jaan, jinke husn aur adaaon ke laakhon deewaane thei, unke dard aur unki man mein dafn ho chuki khwaahishon ka sajeev chitran karti hai. Unki ekAdhoori khwaahish jo bas un
Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)
Sui aur taage ke beech mein (सुई और तागे के बीच में)
Patkatha Part-1 (पटकथा / पृष्ठ 1)
Patkatha Part-1 (पटकथा / पृष्ठ 1)
Patkatha – Part-2 (पटकथा / पृष्ठ 2 )
Patkatha – Part-2 (पटकथा / पृष्ठ 2 )
Paani mein ghire hue log (पानी में घिरे हुए लोग )
Paani mein ghire hue log (पानी में घिरे हुए लोग )
kuch sutra jo kisaan ne apne bete ko diye (कुछ सूत्र जो एक किसान बाप ने बेटे को दिए)
kuch sutra jo kisaan ne apne bete ko diye (कुछ सूत्र जो एक किसान बाप ने बेटे को दिए)
Kathao se bhare is desh mein (कथाओं से भरे इस देश में)
Kathao se bhare is desh mein (कथाओं से भरे इस देश में)
Grahasthi ke chaar aayam (गृहस्थी : चार आयाम )
Grahasthi ke chaar aayam (गृहस्थी : चार आयाम )
Ek kavita nirala ko yaad krte hue (एक कविता निराला को याद करते हुए )
Ek kavita nirala ko yaad krte hue (एक कविता निराला को याद करते हुए )
Veh (वह)
Veh (वह)
Unko pranam (उनको प्रणाम)
Unko pranam (उनको प्रणाम)
Unko pranam (उनको प्रणाम)
Narrator
नागार्जुन के काव्य संग्रह हजार- हजार पांव वाली से ली गई रचना उनको प्रणाम… कवि ने अपनी रचना के माध्यम से उन सभी को उन सभी को शत-शत नमन किया है जिनका किसी न किसी रूप में अपनी सेवाओं के द्वारा देश ,समाज आदि के लिए अतुलनीय योगदान रहा है |नागार्जुन के द्वारा लिखी गई इस खूबसूरत प्रेरक रचना को आवाज दी है डॉक्टर पवन मिश्रा
Wo tera ghar ye mera ghar (वो तेरा घर ये मेरा घर)
Wo tera ghar ye mera ghar (वो तेरा घर ये मेरा घर)
Wo tera ghar ye mera ghar (वो तेरा घर ये मेरा घर)
Narrator
मां बाप के लिए अपने बच्चे ना कोई बोझ होते हैं ना कोई अवसाद होते हैं वह अपने बच्चों को पूरे स्नेह के साथ उनका लालन-पालन करते हैं क्या कभी बच्चे भी अपने मां-बाप कीउसी प्रकार उनकी देखभाल कर पाते हैं इसी भावना से ओतप्रोत है मालती जोशी जी की लिखी कहानी वो तेरा घर यह मेरा घर ,सुनते हैं पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
Shikaar ko Nikla Sher (शिकार को निकला शेर)
Shikaar ko Nikla Sher (शिकार को निकला शेर)
Shikaar ko Nikla Sher (शिकार को निकला शेर)
Narrator
शक्तिसत्य पर विजय पाती हैबात की सार्थकता समझने के लिए सुनते हैं सूर्यकांत त्रिपाठी जी के द्वारा लिखी गई कहानी शिकार को निकला शेर,निधि मिश्रा की आवाज में
Meri ma kanha hai (मेरी माँ कहाँ है)
Meri ma kanha hai (मेरी माँ कहाँ है)
Meri ma kanha hai (मेरी माँ कहाँ है)
Narrator
यूनुस खान एक क्रांतिकारी है जो लोग काफिर है उनके लिए उसके दिल में कोई हमदर्दी नहीं है लेकिन यूनुस खान को एक खून से लथपथ एक छोटी बच्ची जब दिखती है जो कि काफिर है उसका कठोर दिल भी पिघल जाता है और क्या रिश्ता है उस बच्ची और यूनुस खान के बीच में पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कृष्णा सोबती की लिखी कहानी मेरी मां कहां अमित तिवारी जी की आवाज