Classics
Priya sandhi gagan mera jevan (प्रिया सान्ध्य गगन मेरा जीवन)
Priya sandhi gagan mera jevan (प्रिया सान्ध्य गगन मेरा जीवन)
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Priya sandhi gagan mera jevan (प्रिया सान्ध्य गगन मेरा जीवन)
Writer
Narrator
Nisha ki dho deta Rakesh (निशा की धो देता राकेश)
Nisha ki dho deta Rakesh (निशा की धो देता राकेश)
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Nisha ki dho deta Rakesh (निशा की धो देता राकेश)
Writer
Narrator
Lahrati aati Madhu Vyar (लहराती आती मधु व्यर)
Lahrati aati Madhu Vyar (लहराती आती मधु व्यर)
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Lahrati aati Madhu Vyar (लहराती आती मधु व्यर)
Writer
Narrator
Fir Vikal hai Pran tere (फिर विकल है प्राण तेरे)
Fir Vikal hai Pran tere (फिर विकल है प्राण तेरे)
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Fir Vikal hai Pran tere (फिर विकल है प्राण तेरे)
Writer
Narrator
Kavita (कविता)
Kavita (कविता)
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Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
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Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
Writer
Narrator
कविता के अंश में सिंदूरी शाम की सुंदरता का वर्णन किया गया है
Udit Sandhya Ka Sitara (उदित संध्या का सितारा)
Udit Sandhya Ka Sitara (उदित संध्या का सितारा)
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Udit Sandhya Ka Sitara (उदित संध्या का सितारा)
Writer
Narrator
Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
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Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
Writer
Narrator
मीराबाई के पद संकलन से लिया गया प्रसंग जिसमें मीराबाई कृष्ण जी से कह रही है आपको पाने की खातिर मैंने सभी सुखों का त्याग कर दिया है
Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
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Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
Writer
Narrator
तूफान अपने साथ क्या मंजर लेकर आता है इन पंक्तियों में इसका उल्लेख किया गया है
Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
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Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
Writer
Narrator
निशा निमंत्रण से लिया गया यह गीत जिसमें शाम होने पर किस प्रकार वातावरण बदल जाता है बड़ी ही खूबसूरती के साथ उल्लेख किया गया है
Sathi Ant Divas Ka Aya (साथी, अन्त दिवस का आया)
Sathi Ant Divas Ka Aya (साथी, अन्त दिवस का आया)
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Sathi Ant Divas Ka Aya (साथी, अन्त दिवस का आया)
Writer
Narrator
Sandhya Sindoor Lutati Hai (संध्या सिंदूर लुटाती है)
Sandhya Sindoor Lutati Hai (संध्या सिंदूर लुटाती है)
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Sandhya Sindoor Lutati Hai (संध्या सिंदूर लुटाती है)
Writer
Narrator
Nasheni (नाशिनी)
Nasheni (नाशिनी)
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Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Release Date
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Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Writer
Narrator
गोपालदास नीरज की कविता संग्रह फिर फिर दीप जलेगा से ली गयी कविता मिट्टी वाले में कवि ने उन सभी पर कटाक्ष किया है जो मिट्टी का मोल लगाते ह़ै कवि का मानना है कोई भी इसका मोल नहीं लगा सकता। क्या इस मिट्टी का इतिहास इतना सस्ता है कि कुछ मोल चुका कर इसे कोई भी खरीद सकता है ?आज इसी मिट्टी के लिए हम युद्ध की स्थिति तक पहुंच जाते हैं, तो क्या ऐसी मिट्टी का कोई मोल हो सकता है ,वह तो अमूल्य है | कवि अपने स्पष्ट शब्दों में समझाना चाह रहा है कि यह मिट्टी अपना मोल नहीं चाहती बल्कि सिर्फ मिट्टी अपनी कुर्बानी चाहती है| कविता के माध्यम से इसका पूर्ण भाव को समझते हैं, भावना तिवारी की आवाज में…