महाभारत के वन पर्व में कई अद्भुत कथाएं और कई प्रसंग शामिल है| जैसे किस प्रकार पांडवों का वनवास हुआ ?अर्जुन को कैसे दिव्यास्त्र की प्राप्ति हुई? अर्जुन की इंद्रलोक की यात्रा किस प्रकार हुई ?भीम की मुलाकात श्री हनुमान से कैसे हुई ?आदि बहुत से ऐसे प्रसंग है जिनको सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी वन पर्व में, शिवानी आनंद की आवाज में..
बनवारी जो पत्नी से बेहद प्रेम करता है, अपने हालदार परिवार के के बड़े बेटे होने का फर्ज न निभाते हुए केवल उसकी खुशी के लिए ही सब करता है लेकिन परिस्थिति तब बदल जाती है जब उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी किरण की नज़र में उसका कोइ मोल नहीं और वह जी जान से अपने देवर के पुत्र हरिदास की देखभाल करते हुए कब उसकी पत्नी से ज्यादा हालदार परिवार की बड़ी बहू बन गई बनवारी को पता ही नहीं चला।
शल्य पर्व में कर्ण की मृत्यु के पश्चात कृपाचार्य द्वारा सन्धि के लिए दुर्योधन को समझाना, सेनापति पद पर शल्य का अभिषेक, मद्रराज शल्य का अदभुत पराक्रम, युधिष्ठिर द्वारा शल्य और उनके भाई का वध, सहदेव द्वारा शकुनि का वध, बची हुई सेना के साथ दुर्योधन का पलायन, दुर्योधन का ह्रद में प्रवेश, व्याधों द्वारा जानकारी मिलने पर युधिष्ठिर का ह्रद पर जाना, युधिष्ठिर का दुर्योधन से संवाद, श्रीकृष्ण और बलराम का भी वहाँ पहुँचना, दुर्योधन के साथ भीम का वाग्युद्ध और गदा युद्ध और दुर्योधन का धराशायी होना, क्रुद्ध बलराम को श्री कृष्ण द्वारा समझाया जाना, दुर्योधन का विलाप और सेनापति पद पर अश्वत्थामा का अभिषेक आदि वर्णित है। महाभारत की कहानियों में से एक कहानी शल्य पर्व में. जिसे सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में…
युधिष्ठिर की लोकप्रियता हस्तिनापुर में बढ़ती जा रही थी और पितामह भीष्म चाहते थे कि उन्हें ही युवराज घोषित किया जाए |किंतु शकुनी जो कि दुर्योधन का मामा था, उसने अपने छल कपट से युधिष्ठिर उसके अन्य भाइयों को मारने की योजना बनाई ताकि उस का भांजा दुर्योधन हस्तिनापुर का युवराज बन सके| इस योजना के तहत उसने जलाने का प्रयत्न किया और लाक्षागृह का निर्माण करवाया| इसके आगे क्या हुआ? क्या शकुनी अपनी इस योजना में सफल हुआ? सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी लाक्षागृह का षड्यंत्र, शिवानी आनंद की आवाज में…
महाभारत, भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ है, हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है, और इसे लिखने का श्रेय भगवान गणेश को जाता है| इस महाकाव्य ग्रंथ के बारे में विस्तार से समझते हैं शिवानी आनंद की आवाज में
ये एक ऐसे अधेड़ उम्र के व्यक्ति की कहानी है जिन्हे सफ़ाई जितनी ज़्यादा पसंद है उतनी ही कुत्तों से नफ़रत है। एक कुत्ता जो उनकी सैर के समय रोज़ उनके भगाने के बाद भी हमेशा उनके साथ रहता है, उनकी इस नफरत को आखिरकार प्रेम में बदल देता है।
कर्ण और दुर्योधन की मित्रता का उल्लेख महाभारत में मिलता है। कर्ण दुर्योधन के आश्रय में रहता था। दुर्योधन और कर्ण की मित्रता किस प्रकार हुई? दुर्योधन का कर्ण से मित्रता करने के पीछे क्या प्रयोजन रहा और कर्ण ने किस प्रकार अपनी यह मित्रता निभाई |इस पूरे प्रसंग को जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी कर्ण दुर्योधन की मित्रता शिवानी आनंद की आवाज में…
सभापर्व में मयासुर द्वारा युधिष्ठिर के लिए सभाभवन का निर्माण, लोकपालों की भिन्न-भिन्न सभाओं का वर्णन, युधिष्ठिर द्वारा राजसूय करने का संकल्प करना, जरासन्ध का वृत्तान्त तथा उसका वध, राजसूय के लिए अर्जुन आदि चार पाण्डवों की दिग्विजय यात्रा, राजसूय यज्ञ, शिशुपालवध, द्युतक्रीडा, युधिष्ठिर की द्यूत में हार और पाण्डवों का वनगमन वर्णित है।ऐसे ही महाभारत की कुछ रोचक प्रसंगों का उल्लेख है ,महाभारत की कहानियों में से एक कहानी सभापर्व में. जिसे सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में…
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