अर्जुन पुत्र अभिमन्यु की मृत्यु के समय, अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा गर्भ से थी और अभिमन्यु की मृत्यु के पश्चात उत्तरा ने एक बालक परीक्षित को जन्म दिया | परीक्षित के जन्म की क्या कथा है और परीक्षित इतिहास में अपने किन गुणों के लिए जाने जाते हैं ?इस पूरी कथा को सुनने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी परीक्षित के जन्म की कथा, शिवानी आनंद की आवाज में…
बनवारी जो पत्नी से बेहद प्रेम करता है, अपने हालदार परिवार के के बड़े बेटे होने का फर्ज न निभाते हुए केवल उसकी खुशी के लिए ही सब करता है लेकिन परिस्थिति तब बदल जाती है जब उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी किरण की नज़र में उसका कोइ मोल नहीं और वह जी जान से अपने देवर के पुत्र हरिदास की देखभाल करते हुए कब उसकी पत्नी से ज्यादा हालदार परिवार की बड़ी बहू बन गई बनवारी को पता ही नहीं चला।
उर्वशी एक आधुनिक लड़की है जो होशियार होने के साथ ही जीवन में कुछ कर दिखाने की चाहत रखती है। प्रेम विवाह कर पति से उपेक्षित होने के बाद भी उसने हिम्मत न हारते हुए अपनी जिंदगी में कुछ कर दिखाने की चाहत को पूरा करने का प्रयास किया जिसमें उसकी खूबसूरती ही उसके लिए सबसे बड़ी बाधा बन गई। उसकी जिंदगी एक कटी पतंग की तरह झूलने लगी।
महाभारत के युद्ध में कर्ण के बाणों से युधिष्ठिर का शरीर आच्छादित हो चुका था और उनकी पराजय लगभग तय थी किंतु उसी क्षण ऐसा क्या हुआ युधिष्ठिर अपने प्राण कर्ण के बाणों से बचा पाए ,पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में महाभारत की कहानी में से एक कहानी युधिष्ठिर की पराजय
कहानी एक शरारती बंदर की है, जिसे अपनी शरारत का परिणाम भुगतना पड़ता है |कैसे? पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी बंदर और लकड़ी का खूंटा, सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में…
कहानी एक जुलाहे की है |जिसे देवता के द्वारा इच्छापूर्ति वरदान मिलने का आशीर्वाद मिलता है किंतु जुलाहा देव से ऐसा वरदान मांग लेता है, जो उसके लिए अभिशाप साबित होता है| आखिर जुलाहे ने ऐसा क्या मांग लिया ?इसे जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी दो सिर वाला जुलाहा ,जिसे आवाज दी है शिवानी आनंद ने ….
आपकी छोटी बेटी – ममता कालिया – शैफाली कपूर
जबकि एक ही मां -बाप की दो बेटियां हैं पपीहा और टुन्ना। मां-बाप अपनी बड़ी बेटी जो की कॉलेज छात्रा होने के साथ ही साथ स्टेज की नामी कलाकार भी है उसके गुणों का गुणगान करने में कोई कसर नहीं रखते। वहीं दूसरी ओर उनकी 13 साल की छोटी बेटी टुन्ना जो कि पढ़ने में भी अच्छी होने के साथ ही साथ बेहद संस्कारी भी है।उसके इन गुणों के होने के बावजूद कहीं ना कहीं उसे उपेक्षित महसूस कराते रहते हैं ।टुन्ना की मासूमियत इस कारण अपने को बड़ी बहन की तुलना में निम्न ही समझने लगी है। परंतु क्या किसी की पारखी नज़र टुन्ना को इस बात का एहसास दिला पायेगा कि वह भी अपनी दीदी से कुछ कम तो नहीं। दिल को छू लेने वाली ममता कालिया की कहानी सुने आपकी छोटी बेटी, शैफाली कपूर की आवाज़ में…
12 वर्ष बनवास और 1 वर्ष अज्ञातवास पूर्ण करने के पश्चात पांडवों ने अपना राज्य वापस लौटाने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण को अपना शान्तिदूत बनाकर हस्तिनापुर भेजा, जिससे वह शान्ति का प्रस्ताव रख सकें। किंतु क्या श्री कृष्ण का शांति प्रस्ताव धृतराष्ट्र और कौरवों को मान्य हुआ ?इसके आगे के प्रसंग को जानने के लिए सुनते हैं कृष्ण का शांति प्रस्ताव ,शिवानी आनंद की आवाज में…
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