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यह मधुर गीत उस स्थिति को दर्शाता है ,जब हम नए-नए प्रेम में पड़ते हैं | हमारा तन – मन हमारे काबू में नहीं होता | भावना तिवारी जी की मधुर आवाज में….
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दर्द सहने की भी एक सीमा होती है |जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है , तो इसका एहसास भी धीरे-धीरे खत्म हो जाता है |ऐसी स्थिति भी आती है इसकी पीड़ा के कारण हम कठोर हो जाते हैं
कविता के अंश में सिंदूरी शाम की सुंदरता का वर्णन किया गया है
A poem penned during a dark period in my life. A poem reminding me that even in the dark times, Poetry is the respite. When hope is lost, when one feels alone, when one feels like giving up, poetry can revive you.
30 seconds of positive energy, positive poetry.
Kya kabhi kabhi aisa nahin lagta ki aapko khud se hi khud ki sifarish karni padti hai..? Apne man ko kuch karne ke liye thoda rishwad deni padti hai jaise exercise ka man banana, junk food se parhez karna ya us ex ka number apni phone book se delete karna! Aap poori yogjna banate ho… aur man…. man ka kya hai….man to sarkaar hai…
हमें हर मुमकिन कोशिश करनी है किसी भी जंग को जीतने के लिए |’काश ‘ के लिए कोई गुंजाइश नहीं रखनी है इसी प्रेरणा को अपनी कविता गर तलाश तेरी जारी है के माध्यम से तराशा है अनुपम ध्यानी जी ने अपनी आवाज से
नारी ईश्वर की की सबसे सुंदर कृति है, किंतु समाज में नारी को क्या वह स्थान मिला है, जो उसे मिलना चाहिए |जब एक घर बनाने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने वाली नारी से यह कहा जाता है कि तुम क्या करती हो? यह भाव कितना असहनीय होता है | इसी संदर्भ में डॉक्टर राजीव राय की यह गीत इस हकीकत को उजागर करता है
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