एक स्वयंसेवक को जेल हो जाती है और उसकी पत्नी को यहां तक कि अपने ससुर का भी सहारा नहीं मिलता है |ऐसे में ज्ञानचंदकी पत्नी उसका सहारा बनती है| जानते हैं नारी के निर्भीक ,अलौकिक रूप को प्रेमचंद के द्वारा लिखी गई कहानी अनुभव में भूपेश पांडिया की आवाज में
किसी की अमानत हड़प कर इंसान सुखी नहीं रह सकता। इसका उदाहरण है, बाबू हरिदास। मगन सिंह उनके ईद के पजावे पर काम करने वाला बालक था, जिस पर उन्हें बड़ी दया आती थी । किंतु जब उन्हें मदन सिंह के पुरखों द्वारा गाए गए खजाने का पता चला तो उनकी नियत खराब हो गई और उसी गड़े हुए खजाने के लालच में वे चल बसे। वही हाल उनके सुपुत्र प्रभु दास का हुआ किंतु वह भी मगन सिंह के खजाने को भोग ना सका और अंत में खजाना मगन सिंह को मिल गया।
शास्त्री जी किसी जजमान के यहां से जलपान करके मग्न होकर रास्ते में चले जा रहे होते हैं ,तभी अचानक से एक मोटर गाड़ी छप-छप करती हुई निकलती है और कीचड़ के छींटे उनके मुख और कपड़ों पर पड़ जाते हैं | शास्त्री जी इस बात का प्रतिशोध किस प्रकार मोटर चलाने वाले से लेते हैं? जानने के लिए सुनते हैं सुनते हैं रोचक कहानी मोटर की प्रेमचंद्र जी के द्वारा लिखी गई रोचक कहानी मोटर की छींटे ,सुमन वैद्य जी की आवाज में….
शराब एक जहर है जो इंसान को हैवान बना देती है। गांधी जी ने समस्त भारतवासियों से अपील की थी कि जो लोग शराब पीते हैं , वह शराब पीना छोड़ दें ।कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता, जय राम और मिसेज़ सक्सेना, दोनों ही इस कार्य को करने के इच्छुक होते हैं। बारी-बारी से दोनों को यह कार्य सौंपा जाता है। कौन सा फल होता है और कौन विफल ,इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है।
कहानी में सास और बहू की बिल्कुल नहीं बनती है`| सास अपने बेटे से बहू की बुराई करती है| इधर बहू भी हमेशा अपनी सास से परेशान रहती है |बेटे ने इस समस्या को सुलझाने के लिए एक युक्ति निकाली और उस युक्ति के प्रभाव से सास- बहू में प्रेम रहने लगा| क्या थी बेटे की युक्ति जाने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी गृह नीति,सुमन वैद्य जी की आवाज में
50 की उम्र पार करने के बाद भी नेउर एक मेहनती इंसान है| गांव में वह अपनी बूढ़ी पत्नी के साथ खुशी-खुशी रहता है| एक महात्मा के चक्कर में पड़कर के नेउर अपनी पत्नी के सारे गहने और रुपए गवा देता है ||इसके बाद नेउर की जिंदगी में बहुत बड़ी तब्दीली आ जाती है |वह क्या है? जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद्र जी की रोचक कहानी नेउर सुमन वैद्य जी की आवाज में
कहानी प्रारंभ से ही उन संकीर्ण मानसिकता वाले पुरुषों और स्त्रियों की मनोदशा से परिचित कराते हुए आगे बढ़ती है कि किस प्रकार एक अकेली युवती को देखकर बिना यथार्थ जाने लोग उसके चरित्र का विश्लेषण करने लग जाते हैं प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी मनोवृति मनोवृति सुनते हैं भूपेश पांडे जी की आवाज में
प्रभाकर और रजनी का विवाह हुए दो वर्ष से अधिक हो गया था। किन्तु विवाह-सुख किसे कहते हैं, यह उसे कभी नहीं ज्ञात हुआ। उसे तो अभी तक यही अनुभव होता रहा कि एक सिपाही का जीवन कितना कठोर हो सकता है।ऐसा इनकी जिंदगी में क्यों हो रहा है पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं भूपेश पांडे जी की आवाज में अज्ञेय की लिखी कहानी 1 घंटे में
देश और काल का फैलाव वहीं सबसे अधिक होता है जहाँ उनका महत्त्व सबसे कम होता है -जब-जब जीवन में तनाव आता है और सारी प्राणशक्ति एक केन्द्र या बिन्दु में संचित होने लगती है, तब-तब देश-काल भी उसी अनुपात में सिमट आते हैं… देवकान्त नाव खे रहा है, उसके सामने, आगे-पीछे कहीं, उस क्षण के सिवा कुछ नहीं है जिसमें वह है और नाव खे रहा और मोहन की बड़ी-बड़ी काली आँखों की ओर जा रहा है – मोहन जो एक हिरन का छौना है जिसे नीलिमा ने उसे दिया था – किन्तु फिर भी उस क्षण में ही कई देश-काल संचित हो आये हैं – वह एक साथ ही कई स्थानों, कई कालों में जी रहा है, कई घटनाओं का घटक है…
रात! तारे-तारे, तारे! लूनी के मन में एक विचार उठा, मैं इन्हें देख रही हूँ, वह भी एक बार तो इन्हें देख ही लेगा और पहाड़ों की याद कर लेगा… तारे क्षण-भर झपक लेंगे; जब जागेंगे, तब मैं इन्हें अलपक ही देख रही हूँगी, पर वह-? भाई बहन के निश्छल प्रेम को दर्शाती यह कहानी जिसमें जिसने भाई-बहन अनाथ होते हैं और एक दूसरे के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं किंतु भाई को मिलता है प्राण दंड मिलता है तो बहन की मनोदशा किस प्रकार हो जाती है भूतकाल में बिताए हर एक क्षण को याद कर रही है
बचपन धर्म-जाति ऊंच-नीच,छोटा बड़ा,अमीर-गरीबी नहीं समझता। उसमें सिर्फ मासूमियत होती है।किंतु जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं हमें इन बातों का अंतर करने लग जाते हैं। “गुल्ली-डंडा” कहानी इन्हीं भावनाओं से अवगत कराती है………..गुल्ली डंडा खेलते हुए एक बालक और उसके साथ अन्य साथियोंको चित्रित किया जा सकता है।
ज़िंदगी में बहुत आगे निकल आने पर भी हमें कई बार महसूस होता है कि अतीत हम में आज भी ज़िंदा है| हम उससे कितना ही पीछा छुड़ाने की कोशिश क्यों न कर लें पर वो हमारा पीछा कभी नहीं छोड़ता और रह -रह कर हमारी आँखों के सामने आता रहता है , ऐसे में इंसान क्या करे? कभी अतीत के आगे झुकने का मन करता है तो कभी उससे लड़कर आगे बढ़ने का , इसी कशमकश को बयां करती ये कहानी…
हर बात को जहाँ तक हो, सँवारना चाहिए। । सूर्यकांत त्रिपाठी जी की लिखी कहानी गधा और मेंढक सुनते हैं निधि मिश्रा की आवाज में
जब कोई व्यक्ति प्रेम में होता है ,तो वास्तव में उसके अलावा हर एक बात मिथ्या लगती है | इसी अहसास को दर्शाता यह मधुर गीत भावना तिवारी जी की आवाज में
आध्यात्मिक प्रेम – आर्या झा – शेफ़ाली कपूर
रिया और आदित्य एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं ।आदित्य सिविल सर्विसेज की तैयारी भी कर रहा है ।आदित्य, रिया के सामने अपने प्यार का इज़हार करता है और रिया को जीवनसंगिनी बनाना चाहता है। रिया के मन में भी आदित्य के लिए प्रेम भाव है, किंतु रिया के पिता इस रिश्ते को मंजूरी देने के लिए आदित्य के सामने एक शर्त रखते हैं । क्या है वह शर्त? क्या आदित्य उस शर्त को पूरा कर पाएगा? क्या आदित्य और रिया शादी के बंधन में बंध पाएंगे ?क्या आदित्य के मन में रिया के प्रति वही प्रेम रह पाएगा? पूरी कहानी जानने के लिए सुनें आर्या झा के द्वारा लिखी गई कहानी आध्यात्मिक प्रेम।
कहानी में लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ द्वारा एक प्रश्न उठाया है क्या दहेज की समस्या केवल लड़के वाले खड़ी करते हैं? कहानी सुनकर इस बात की सार्थकता जानते हैं पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
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