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Nawab ke joote (नवाब के जूते)
Nawab ke joote (नवाब के जूते)
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Nawab ke joote (नवाब के जूते)
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हीराबाई को नवाब साहब से बेगम के कनफूल नही चाहिए थे नज़राने के तौर पे। उसने एक छोटा सा नज़राना माँगा… नवाब साहब खुशी खुशी तैयार भी हो गए वो नज़राना देने को….. ….पर हीराबाई ने ऐसा क्या माँग लिया, जिस फ़रमाइश को सुनकर नवाब साहब के पैरों तलें ज़मीन खिस
Yaad aae phele phele pyar ki (याद आए पहले पहले प्यार की )
Yaad aae phele phele pyar ki (याद आए पहले पहले प्यार की )
Yaad aae phele phele pyar ki (याद आए पहले पहले प्यार की )
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Phir Kabir Gayega (फिर कबीर गायेगा )
Phir Kabir Gayega (फिर कबीर गायेगा )
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Phir Kabir Gayega (फिर कबीर गायेगा )
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किसी भी कवि की यह नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह समाज को अपने गीतों के माध्यम से समाज को मानवता का संदेश दे | इसी तरह की भावनाओं से ओतप्रोत है राजीव राज के द्वारा लिखा हुआ यह गीत
Ped Ka Tabadala ( पेड़ का तबादला )
Ped Ka Tabadala ( पेड़ का तबादला )
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Ped Ka Tabadala ( पेड़ का तबादला )
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पेड़ पौधे बिना कुछ कहे बहुत कुछ महसूस कर सकते हैं |उनके अंदर बहुत ही जिजीविषा होती है लेखिका ने बेहद सरल और सजीव शब्दों में एक अनाम पेड़ के भीतर चल रहे कौतूहल को बड़ी खूबसूरती के साथ वर्णन किया है| जो पढ़ने और सुनने में बेहद रोचक है ,अंजना वर्मा जी के द्वारा लिखी गई कहानी पेड़ का तबादला सुनते हैं विनीता श्रीवास्तव की आवाज में ….
Oos Hoon (ओस हूँ )
Oos Hoon (ओस हूँ )
Yeh Kahani nahi (यह कहानी नहीं )
Yeh Kahani nahi (यह कहानी नहीं )
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Yeh Kahani nahi (यह कहानी नहीं )
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Jo Lautna Ho Tumko (जो लौटना हो तुमको )
Jo Lautna Ho Tumko (जो लौटना हो तुमको )
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Main Hindustan Hoon (मैं हिंदुस्तान हूँ)
Main Hindustan Hoon (मैं हिंदुस्तान हूँ)
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Pallu (पल्लू )
Pallu (पल्लू )
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Maa ही जगत की निर्माता होती है उसका आशीष हमें सभी संकटों से दूर करता है कविता में इसका उल्लेख किया गया
Ratnawali (रत्नावली )
Ratnawali (रत्नावली )
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Ratnawali (रत्नावली )
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तुलसीदास के जीवन में रत्नावली की भूमिका को बयान करती हुई है कविता
Janki (जानकी )
Janki (जानकी )
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Janki (जानकी )
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आत्मरक्षा आत्मनिर्भरता पर संदेश बेटियों को इस कविता के द्वारा दिया गया है
Bhrun Parikshan (भ्रूण परिक्षण)
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Bhrun Parikshan (भ्रूण परिक्षण)
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Shaheed ka Parivar (शहीद का परिवार )
Shaheed ka Parivar (शहीद का परिवार )
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Adhuri Khwahish (अधूरी ख्वाहिश)
Adhuri Khwahish (अधूरी ख्वाहिश)
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Adhuri Khwahish (अधूरी ख्वाहिश)
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नज्म सुभाष जी की लिखी कहानी अधूरी ख्वाहिश, बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ से उमरावजान, जिनके हुस्न और अदाओं के लाखों दीवाने थे, उनके दर्द और उनके मन में दफन हो चुकी ख्वाहिशों का सजीव चित्रण करती है । पल्लवी गर्ग की खूबसूरत आवाज़ में..
Waqt (वक्त)
Waqt (वक्त)
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Waqt (वक्त)
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सांप्रदायिकता की आग में जलकर बिछड़ चुके दो दोस्त, उनमें से एक का आखिरी समय आता है, तब वह 20 साल बाद दोबारा मिलते हैं |यह कहानी उस आखिरी वक्त की मुलाकात का सजीव एवं दिल को छू ले जाने वाला चित्रण है| नज़्म सुभाष के द्वारा लिखी गई कहानी “वक्त”, पल्लवी की आवाज में…
Kabaad (कबाड़)
Kabaad (कबाड़)
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Kabaad (कबाड़)
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आखिर वृद्धावस्था में क्यों लोग अपने आप को अकेला महसूस करते हैं ?जानते हैं नज़्म सुभाष के द्वारा लिखी गई कहानी” कबाड़ “,पल्लवी की आवाज में
Samay Badalna Hoga (समय बदलना होगा )
Samay Badalna Hoga (समय बदलना होगा )
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Samay Badalna Hoga (समय बदलना होगा )
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देश प्रेम की हुंकार तो हम सब भरते हैं, किंतु हम धर्म, जाति मैं इतना बटे हुए हैं कि वास्तव में देश के प्रति अपने फर्ज़ नहीं निभाते | इसी बात पर कटाक्ष करते हुए प्रमोद तिवारी जी की यह कविता “समय बदलना होगा”, सोचने पर मजबूर कर देगी कि वास्तव में देश के प्रति हमारा क्या फर्ज़ है और हम देश के प्रति क्या कर सकते हैं
Deep Tumhare Naino Ke (दीप तुम्हारे नैनों के)
Deep Tumhare Naino Ke (दीप तुम्हारे नैनों के)


