Man mein kohra, kohram hriday mein (मन में कोहरा, कोहराम हृदय में )
Man mein kohra, kohram hriday mein (मन में कोहरा, कोहराम हृदय में )
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Man mein kohra, kohram hriday mein (मन में कोहरा, कोहराम हृदय में )
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मन और हृदय अलग-अलग संवेदना से क्यों गुजर रहे हैं? अगर मन स्थिर और शांत है फिर क्यों हृदय में संग्राम छिड़ा हुआ है ?बेहद खूबसूरत शब्दों से पिरोया है इस दुविधा को अनुपम ध्यानी जी ने अपनी कविता मन में कोहरा, कोहराम हृदय में अपनी स्वयं की आवाज से
Kya Matlab (क्या मतलब)
Kya Matlab (क्या मतलब)
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Kya Matlab (क्या मतलब)
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Khoob padhte jana (खूब पढ़ते जाना)
Khoob padhte jana (खूब पढ़ते जाना)
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Khoob padhte jana (खूब पढ़ते जाना)
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साक्षर होना जीवन में सबसे बड़ा वरदान होता है अतः कविता के माध्यम से यह संदेश प्रेरित किया गया है पढ़ना लिखना हमारे जीवन के लिए कितना आवश्यक है कविता खूब पढ़ते जाना पल्लवी जी की मधुर आवाज
Dharti ke Bhagwan (धरती के भगवान)
Dharti ke Bhagwan (धरती के भगवान)
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Dharti ke Bhagwan (धरती के भगवान)
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आज इस वैश्विक महामारी में चिकित्सा जगत से जुड़े सभी लोगों की जो भूमिका रही है उसके लिए गाथा उन सभी का हार्दिक अभिनंदन करता है ।धर्म, जाति और अपना निजी स्वार्थ को त्याग कर मानवता की सेवा करना ही जिनका एक मात्र उद्देश्य है।कमल मुस्सद्दी की यह कविता उन सभी को समर्पित है ।
Aashna (आशना)
Aashna (आशना)
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Aashna (आशना)
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सकारात्मक सोच से जटिल से जटिल समस्याओं का निदान संभव है कुछ ऐसी ही विचारधारा को प्रेरित करती हुई पल्लवी के द्वारा लिखी एक कविता आशना
Dadi (दादी)
Dadi (दादी)
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Dadi (दादी)
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बड़े बुजुर्ग घर की शान होते हैं उनकी बातों में एक तजुर्बा होता है उनके सानिध्य में सब कुछ कितना सरल हो जाता है बच्चों के लिए उनकी दादी तो पूरा स्नेह का खजाना होती है इसी रिश्ते के मधुर संबंधों काअवलोकन कराती हुई कविता है दादी पल्लवी की आवाज में
Him ki tarah pighal (हिम की तरह पिघल)
Him ki tarah pighal (हिम की तरह पिघल)
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Him ki tarah pighal (हिम की तरह पिघल)
Writer
Narrator
बाधाएं और समस्याएं हर कदम पर हमारी प्रगति को रोकने की कोशिश करती है , किंतु हमें हार ना मानकर निरंतर प्रयास करते हुए अपना कर्म करना है | यह संदेश देते हुए यह कविता की पंक्तियां……
Le lia jag ne mol (ले लिया जग ने मोल)
Le lia jag ne mol (ले लिया जग ने मोल)
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Le lia jag ne mol (ले लिया जग ने मोल)
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Narrator
दर्द सहने की भी एक सीमा होती है |जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है , तो इसका एहसास भी धीरे-धीरे खत्म हो जाता है |ऐसी स्थिति भी आती है इसकी पीड़ा के कारण हम कठोर हो जाते हैं
Sunami Jwar reh gya hu (सुनामी ज्वार रह गया हूँ)
Sunami Jwar reh gya hu (सुनामी ज्वार रह गया हूँ)
Sunami Jwar reh gya hu (सुनामी ज्वार रह गया हूँ)
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Narrator
एक सेवानिवृत्त व्यक्ति के दिनचर्या, उसकी सोच और उसके जीवन में आए बदलाव को आलोकित करती हुई यह गीत भावना तिवारी की आवाज में ….
Mai hu 78 ka ( मैं हूँ 78 का)
Mai hu 78 ka ( मैं हूँ 78 का)
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Mai hu 78 ka ( मैं हूँ 78 का)
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Narrator
जब ऐसा व्यक्ति जो कहने को अपनी समस्त प|रिवारिक जिम्मेदारियों को पूर्ण कर चुका है, उसका शरीर कमजोर हो गया हो |तब भी क्या वास्तव में इस सांसारिक संवेदना से परे है ? ऐसी स्थिति में उसकी क्या मनोदशा होती है इस गीत के माध्यम से समझते हैं “ मैं हूं 78 का “….
Dar jaisa lagta hai (डर जैसा लगता है)
Dar jaisa lagta hai (डर जैसा लगता है)
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Dar jaisa lagta hai (डर जैसा लगता है)
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Narrator
हमारी कई बार ऐसी मनोस्थिति हो जाती है कि हमें अपने घर में ही वह प्रेम और शांति नहीं प्राप्त हो पाती है, जो घर के बाहर प्राप्त हो जाती है |कविता के माध्यम से इसी मनोभाव को प्रकट किया गया है…
Chitvan Me Bhar Diye Rang ( चितवन में भर दिए रंग )
Chitvan Me Bhar Diye Rang ( चितवन में भर दिए रंग )
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Chitvan Me Bhar Diye Rang ( चितवन में भर दिए रंग )
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Narrator
प्रेम में होने पर अक्सर प्रेमी युगल अपनी कल्पना में अपनी प्रेमी अथवा प्रेमिका की तस्वीर बनाते हैं इसी भाव को गीत में प्रस्तुत किया गया है सुनिए भावना तिवारी जी की आवाज में प्रोफेसर रामस्वरूप सिंदूर ji के शब्दों में
Yaad ve Bandhan kar Lena (याद वे बंधन कर लेना )
Yaad ve Bandhan kar Lena (याद वे बंधन कर लेना )
Yaad ve Bandhan kar Lena (याद वे बंधन कर लेना )
Writer
Narrator
जब मन अपनी प्रेयसी के बिछड़ने पर शिथिल हो जाता है ,तो पुनः उसे ऊर्जावान बनाने के लिए उन साथ बिताए हुए पलों को याद कर लेना चाहिए | इसी तरह की भावना से ओतप्रोत है, कविता की यह पंक्तियां….
Tod tan ke moh (तोड़ तन के मोह)
Tod tan ke moh (तोड़ तन के मोह)
Tod tan ke moh (तोड़ तन के मोह)
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Narrator
ईश्वर से जब हम अपने को पूरी तरीके से जोड़ लेते हैं तब जीवन में किसी भी वाहय शक्ति का भय से पूर्णतया मुक्त हो जाते हैं |
Pinjra Sone ka Swikaar Nahi Mujko (पिंजरा सोने का स्वीकार नहीं मुझको )
Pinjra Sone ka Swikaar Nahi Mujko (पिंजरा सोने का स्वीकार नहीं मुझको )
Pinjra Sone ka Swikaar Nahi Mujko (पिंजरा सोने का स्वीकार नहीं मुझको )
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Pyar tumhara sach lagta hai (प्यार तुम्हारा सच लगता है)
Pyar tumhara sach lagta hai (प्यार तुम्हारा सच लगता है)
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Pyar tumhara sach lagta hai (प्यार तुम्हारा सच लगता है)
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Narrator
जब कोई व्यक्ति प्रेम में होता है ,तो वास्तव में उसके अलावा हर एक बात मिथ्या लगती है | इसी अहसास को दर्शाता यह मधुर गीत भावना तिवारी जी की आवाज में
Jo Baag lagaya Tha (जो बाग लगाया था)
Jo Baag lagaya Tha (जो बाग लगाया था)
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Jo Baag lagaya Tha (जो बाग लगाया था)
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Narrator
यह उन महिलाओं को समर्पित कविता है ,जो अपना संपूर्ण जीवन अपने परिवार , अपने बच्चों के लिए अर्पित कर देती है, किंतु उन्हें कभी भी इसका प्रतिफल नहीं प्राप्त होता | भावना तिवारी जी की भावपूर्ण आवाज में कविता “ जो बाग लगाया था “……
Kakahra prem ka (ककहरा प्रेम का)
Kakahra prem ka (ककहरा प्रेम का)
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Kakahra prem ka (ककहरा प्रेम का)
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Narrator
यह मधुर गीत उस स्थिति को दर्शाता है ,जब हम नए-नए प्रेम में पड़ते हैं | हमारा तन – मन हमारे काबू में नहीं होता | भावना तिवारी जी की मधुर आवाज में….
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