विवाह एक ऐसा बंधन है जिसमें बंधकर हर लड़की को अपने प्रियजनों से विदा लेनी पड़ती है। हेम भी इसी बंधन में बंध कर अपने पिता से दूर अपने ससुराल चली आई थी किंतु तब ये किसने जाना था कि यह विदा एक दिन अनंत कालीन विदा बन जाएगी।
तुम दिल पर क्यों लगाती हो। कहने दिया करो जो कहते हैं। हम तो अब तिड़के घड़े का पानी ठहरे। आज हैं, कल नहीं रहेगें। फेंकने दो कंकर-पत्थर। जो दिन कट जाएं, अच्छा है।”कहानी में वृद्ध और वृद्धा अपने बेटे -बहु के साथ रह रहे हैं |वृद्धावस्था में क्या है उनकी स्थिति ?जानने के लिए सुनते हंं सुभाष नीरव के द्वारा लिखी गई कहानी तिड़के घड़े , शिवानी आनंद के द्वारा
कमजोर से कमजोर लोग भी यदि एकजुट होकर काम करें तो बड़ा से बड़ा कार्य संपन्न किया जा सकता है और बड़े से बड़े शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है। हाथी के द्वारा गौरैया का घोंसला तोड़ने के बाद गौरैया किस प्रकार से हाथी से बदला लेती है ?इसे जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी गौरैया और हाथी ,शिवानी आनंद की आवाज में…
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