‘अंबर’ नाम का एक हष्ट पुष्ट युवक एक तैराक है |बचपन में उसके पिता मछली पकड़ने जाते हैं ,और वापस नहीं लौटते | तब से प्रतिदिन वह अपने पिता को ढूंढने समुद्र में जाता है, इसी क्रम में वे एक अच्छा तैराक बन जाता है |एक दिन उससे एक मत्स्यकन्या से मुलाकात हो जाती है |फिर क्या होता है उसके साथ ??? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कहानी ‘मनुष्य और मत्स्यकन्या कन्या ‘……..
दिनांक की किताब का विमोचन होना था उसने इस कार्यक्रम हेतु कुछ प्रतिष्ठित लोगों को बुलाने का मन बनाया किंतु समस्या यह थी उन लोगों की आपस में बनती नहीं थी इस बात का प्रभाव किस प्रकार दिनांक किताब के विमोचन पर पड़ा जाने के लिए सुनते हैं अभिज्ञात द्वारा लिखी गई कहानी अंदर की मौत अमित तिवारी जी की आवाज में
प्रोफेसर डी.पी. झा 48 वर्ष की आयु में कैंसर से पीड़ित हो जाते हैं |अपनी मौत को इतने करीब से महसूस करते हुए वह जीते जी अपने सारे कर्तव्यों को पूरा करना चाहते हैं |वह अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज में देहदान कर देते हैं | उनकी मृत्यु के पश्चात उनके शव के साथ क्या होता है??? बड़े भावपूर्ण रूप में चित्रित किया गया है अभिज्ञात’’ की कहानी कामरेड और चूहे मे…. ,अमित तिवारी जी की आवाज में सुनिए सिर्फ गाथा पर
महंगू एक मिल का गरीब मजदूर है | कहानी के एक प्रसंग के बाद वह अमीर बनने का सपना देखने लगता है और इसी दिशा में काम भी शुरू कर देता है, किंतु उसके कुछ गलत निर्णय के कारण वह सपना उसे बहुत महंगा पड़ता है | पूरी कहानी जाने के लिए सुनते कहानी ‘फूल बागान का सपना ‘….
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बलिया के रहने वाले राधेश्याम की एक नौटंकी मंडली है, उसका सपना है कि वह एक भोजपुरी फिल्म बनाएं और उसमें अपनी मंडली के सभी सदस्यों को मुख्य किरदार के रूप में रखें| क्या उसका सपना सच हो पाता है ?? जानने के लिए सुनते हैं कहानी एक भोजपुरी भोजपुरी फिल्म की हिट स्टोरी
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वकील बाबू की सबसे छोटी बेटी नेहा बेहद खूबसूरत है और संगीत में विशेष रूचि रखती है उसी बिल्डिंग में निश्चल एक बच्चे को संगीत सिखाने आता है दोनों की रुचियां मिलने के कारण उन दोनों में प्रेम हो जाता है वे दोनों विवाह करना चाहते हैं नेहा के पिता को यह रिश्ता स्वीकार नहीं होता नेहा और निश्चल आखिर क्या निर्णय लेते हैं उनके प्रेम का क्या नतीजा निकलता है पूरी कहानी जानने के लिए के लिए सुनते हैं संचिता सक्सेना द्वारा लिखी गई कहानी मासूम की प्रेम कहानी अमित तिवारी जी की आवाज में
उस लड़के ने फिर से अपनी बात दोहराई. बच्ची ने कहा–नहीं, मुझे नहीं चाहिए और उसने अपनी झोली में से बेर उठाकर उसकी टोपी काटी. वह लड़का थोड़ी देर असमंजस में खड़ा रहा। फिर उसने कहा–अच्छा, ये तेरे इयररिंग मुझे बहुत अच्छे लगे… मैं ले लूँ!कहानी ने एक साथ 8 साल की छोटी बच्ची जिसे 26 साल का एक युवक बहला कर उसके कानों की बालियां ले लेता है कहानी बच्चे की मासूमियत को दर्शाते हुए एक ऐसा प्रसंग है जिसमें बच्चे 10 पैसे मिलने का लालच छोड़ कर अपनी बालियां युवक को दे देती है इस घटना का उसके बड़े होने तक उस पर क्या प्रभाव पड़ता है जाने के लिए सुनते हैं कहानी इयररिंग्स
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बुराई और अपराध के दलदल में एक बार इंसान धसता है ,तो फिर लाख कोशिशों के बावजूद वह निकल नहीं पाता | सत्ता की चकाचौंध में इंसान अपना जमीर अपना सब कुछ गवा देता है | ऐसी कहानी है एक युवा लड़के अभिनव सिंह की क्या होता है उसके साथ ?जानते हैं कहानी “गिरता सूरज “ में ….
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घासीराम एक सरकारी स्कूल के अध्यापक है उनके प्रत्येक दिन की दिनचर्या एक जैसी है ना ही बदलाव लाने की कोई इच्छा किंतु उन्हें उससे कोई तकलीफ नही सरकारी स्कूल तो उनके आराम करने का विशेष स्थान है जहां पढ़ाई कराने के अलावा सब कुछ करते हैं और घासीराम जी के अनोखे चरित्र और उनकी दिनचर्या और अध्ययन के नाम पर हो रहे सरकारी स्कूलों की स्थिति पर पल्लवी त्रिवेदी जी का व्यंग घासीराम मास्साब सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
“तुम फौजी बड़े बेवफा होते हो शादी करोगे ,फिर कल फर्ज के नाम पर शहीद कहलाओगे | तुम्हारे पीछे मैं विधवा ……” कहानी में आकाश एक नेवी कमांडर है और एक भूमि नाम की लड़की से बहुत प्यार करता है | भूमि भी उससे बेतहाशा प्यार करती है |किंतु जब आकाश ,भूमि के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है तो उसे वह अस्वीकार कर देती है | पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं ऋषभ आदर्श के द्वारा लिखी गई कहानी “विधवा “,अमित तिवारी जी की आवाज में….
किसी की अमानत हड़प कर इंसान सुखी नहीं रह सकता। इसका उदाहरण है, बाबू हरिदास। मगन सिंह उनके ईद के पजावे पर काम करने वाला बालक था, जिस पर उन्हें बड़ी दया आती थी । किंतु जब उन्हें मदन सिंह के पुरखों द्वारा गाए गए खजाने का पता चला तो उनकी नियत खराब हो गई और उसी गड़े हुए खजाने के लालच में वे चल बसे। वही हाल उनके सुपुत्र प्रभु दास का हुआ किंतु वह भी मगन सिंह के खजाने को भोग ना सका और अंत में खजाना मगन सिंह को मिल गया।
प्रेम में विरह की भावना को दर्शा रही है ये कविता
प्यार में जुदाई के आलम को दशाया गया है इस कविता में
निशा निमंत्रण से लिया गया यह गीत जिसमें शाम होने पर किस प्रकार वातावरण बदल जाता है बड़ी ही खूबसूरती के साथ उल्लेख किया गया है
Reviews for: Manushya aur Matsyakanya (मनुष्य और मत्स्यकन्या)