कमज़ोर और टूटन भरे हिस्से दिखाते हैं। उन पलों में यकायक सारे फासले ख़त्म हो जाते हैं, सारी दीवारें ढह जाती हैं। अगर ये क्षण न आयें तो सारी उम्र साथ गुज़ारने पर भी दो प्रेमी अजनबी ही बने रहते हैं। इन क्षणों से गुजरने के लिए थोड़ा सा साहस चाहिए होता है और बहुत बहुत सारा विश्वास। इन क्षणों से गुज़रना आग से गुज़रना है जिसके बाद या तो सब जलकर नष्ट हो जाता है या तपकर रिश्ता फौलाद सा मजबूत हो जाता है। एक प्रेमी युगल अपने बीते हुए दिनों में हुई गलतियों के बारे में एक दूसरे से कन्फेक्शन कर रहे हैं कहानी में जानते हैं कि उनके कन्फेशन से उनके आपसी संबंधों में क्या प्रभाव पड़ता है पल्लवी त्रिवेदी के द्वारा लिखी गई कहानी कन्फेशन, ये कैसे क्षण आते हैं प्रेमी प्रेमिका के जीवन में जब वे एक दूसरे को अपने निजी स्पेस में आमंत्रित कर अपने सबसे सीले, अमित तिवारी जी की आवाज
यह ऐसी महिला की कहानी है जिसे बारगेन करने में महारत हासिल है |छोटी सी छोटी वस्तु से लेकर बड़ी से बड़ी वस्तुओं पर बेहद कम दामों पर खरीद लेती है| इसमें महारत हासिल होने के कारण व्यापारियों में शोक की लहर क्यों बढ़ जाती है पल्लवी त्रिवेदी द्वारा लिखी गई इस रोचक कहानी को सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
घासीराम एक सरकारी स्कूल के अध्यापक है उनके प्रत्येक दिन की दिनचर्या एक जैसी है ना ही बदलाव लाने की कोई इच्छा किंतु उन्हें उससे कोई तकलीफ नही सरकारी स्कूल तो उनके आराम करने का विशेष स्थान है जहां पढ़ाई कराने के अलावा सब कुछ करते हैं और घासीराम जी के अनोखे चरित्र और उनकी दिनचर्या और अध्ययन के नाम पर हो रहे सरकारी स्कूलों की स्थिति पर पल्लवी त्रिवेदी जी का व्यंग घासीराम मास्साब सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
कहानी में मनसुख कवि बनना चाहता है किंतु कविता लिखने का उसे कोई अभ्यास नहीं है वह अपने गुरु से कविता लिखने के गुण सीखता है उसे भाव विहीन शब्दों से उसके द्वारा लिखी गई कविता को पुरस्कार भी प्राप्त हो जाता है इसी बात पर व्यंग करते हुए पल्लवी त्रिवेदी जी की एक कहानी मनसुख कवि कैसे बने अमित तिवारी जी की आवाज में
हे मूर्खो .. जिसको स्वच्छता रखनी होती है वह सरकार के आदेश का इंतज़ार नहीं करता ,जिसके यहाँ कॉकरोच पुश्तों से रहते आये हैं उसकी सात पीढ़ियों का भविष्य वैसे ही उज्जवल है और वैसे भी वे सरकारी कॉकरोच हैं इसलिए चिंता का त्यागकर आनंद मनाएं सरकारी ऑफिसों की खस्ता हालत ,सफाई के प्रति लापरवाही पर व्यंग किया गया है |पल्लवी त्रिवेदी द्वारा लिखी गई कहानी कॉकरोच और कॉकरोचनी अमित तिवारी जी की आवाज में
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