ख़ूबसूरती – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
यह कहानी ऐसी औरत की है जो देखने में बड़ी बदसूरत हो चुकी है। लेकिन खूबसूरती किसे कहा जाता है ?क्या शरीर ,रंग- ढंग ,वजन, ऊंचाई ,बाल ,कपड़े और एक औरत का जिस्म़ खूबसूरती का मापदंड होता है। या एक करुणा से भरा दिल,किसी के प्रति निष्ठावान होना क्या वह खूबसूरती का मापदंड हो सकता है !वह कौन ।सी चीज है जो एक औरत के चरित्र को खूबसूरत बनाती है और एक पुरुष के चरित्र को भी। क्या करुणा, loyalty चरित्र ,अब क्या यह खूबसूरती के मापदंड नहीं रहे? इसी बात को चोट करती हुई कहानी है कि दोनो French लेखक guy de Maupassant के द्वारा लिखी गई कहानी खूबसूरती जिसे आवाज़ दी है नयनी दीक्षित ने…
कहानी में आइरिन ,जैक्स की प्रेमिका है| जैक्स का आइरिन के प्रति प्रेम बहुत गहरा और अत्यधिक स्नेह से भरा हुआ है | जैक्स का जीवन के प्रति दृष्टिकोण बहुत ही व्यवहारिक और सकारात्मक है | आइरिन एक शादीशुदा महिला है जो नव वर्ष की पूर्व रात्रि पर अचानक से जैक्स के घर रोते हुए पहुंची है |उसका कहना है कि उसका पति उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है| ऐसे में आइरिन ,जैक्स से क्या चाहती है ?और जैक्स क्या निर्णय लेता है| उन दोनों की प्रेम की पराकाष्ठा कहां तक है ? कहानी जानने के लिए पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं नव वर्ष का उपहार, नयनी दीक्षित की आवाज में
मेरे बच्चों, मेरे प्रिय बच्चों, कदाचित में कब्र में भी शांति से नहीं सो पाऊंगा |अगर मैंने अपने अपराधों को सबके सामने कुबूल नहीं किया| एक ऐसे गुनाह जिसका मैं पूरी ईमानदारी से, पूरे शिद्दत से पश्चाताप करता रहा और जिस गलती ने मेरी सारी जिंदगी को ज़हर बना दिया|यह सब बातें पॉदान ने मृत्यु से पहले एक खत के जरिए लिख कर रखा था| जिसे आज वसीयत के साथ पढ़ा जा रहा है आखिर पॉदान से अपने जीवन में ऐसी कौन सी गलती की थी ?जिसका पश्चाताप पूरी जिंदगी करता रहा और अंत में अपना एक कुबूल नामा सबके लिए छोड़ कर गया है इस पूरी कहानी को जानने के लिए सुनते हैं गाय दी मोपासां की कहानी कुबूल नामा,नयनी दीक्षित की आवाज में …
कहानी एक 86 साल के एक बूढ़े आदमी की है जो अपनी सेहत को लेकर बड़ा सजग है और बेहद चुस्त -दुरुस्त ,तंदुरुस्त और चंचल ,कर्मठ भी है किंतु अपनी वास्तविक उम्र किसी को नहीं बताता| इस उम्र में होने के बावजूद अपने को वृद्ध नहीं समझता इसके पीछे क्या कारण है ? कहानी को जानने के लिए सुनते हैं गाय दी मोपासां की कहानी एक बूढा व्यक्ति,नयनी दीक्षित की आवाज में
आकांक्षा – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
प्रसिद्ध फ्रेंच लेखक guy de Maupassant के द्वारा लिखी गई कहानी आकांक्षा में ,एक ऐसे किरदार की कहानी है जो बाल्यावस्था से ही प्रतिष्ठित, सम्मानित व्यक्ति बनने की आकांक्षा रखता है किंतु कहते हैं ना कि कभी-कभी यह आकांक्षा अति आकांक्षा में तब्दील हो जाती है। ऐसे ही कुछ इस किरदार के साथ होता है। यह किरदार इस बात से इतना अधिक ग्रसित हो जाता है या यूं कहें अंधा हो जाता है कि उसके घर में ही, उसकी नाक के नीचे कोई सुराग हो रहा है, उसके परिवार में कोई सेंध लगाई जा रही है, उसे पता ही नहीं चलता। ऐसे में उस किरदार के साथ और क्या- क्या घटित होता है। जानिए कुछ गंभीर ,कुछ व्यंग कुछ भावविभोर कर देने वाली यह खूबसूरत कहानी आकांक्षा में जिसे आवाज़ दी है नयनी दीक्षित ने…
परिवर्तन – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
एक जवान स्त्री पुरुष का संबंध क्या केवल स्त्री पुरुष के संबंध को ही दर्शाता है या फिर एक जवान स्त्री पुरुष जो लगभग एक ही उम्र के हैं वह अनजाने में मां -बेटे के संबंध में भी बदल सकते हैं। रेल यात्रा कहानी सोसाइटी के स्त्री -पुरुष के संबंध को देखने के नजरिये को चोट करती हुई कहानी है। guy de maupassant द्वारा लिखी कहानी रेल यात्रा में जानिए नयनी दीक्षित की आवाज़ में..
होली का नाम सुनते ही मन में कृष्ण और राधा की लीलाएं उभर आती हैं। इसी भाव को जब मीराबाई ने अपने भजन में व्यक्त किया है तो उसमें चार -चांद और लग जाते हैं। किस तरह मीराबाई ने कृष्ण की होली का बखान किया है ?आइए सुनते हैं…https://gaathaonair.com/wp-content/uploads/2021/03/Hori-khelat-hain-girdhari-by-meerabai..wav
शोलागढ़@34km – Kumar Rehman (कुमार रहमान) – Nayani Dixit
विक्रम के खान की लाश शेयाली के बंगले में मिलती है वहां पीले रंग का एक बाल भी मिलता है । क्या असली वज़ह है विक्रम की मौत का? कौन है वह नकाबपोश क्या हुआ हाशना के साथ है? आखिरकार शेक्सपियर कैफे में मिली लड़की रैक्सीना इस पूरे प्रकरण में क्या रोल है? जानने के लिए सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में शोलागढ़@34 किलोमीटर का यह भाग
निशिकांत लेखक बनना चाहता है हिंदी के प्रति उसका असीम प्रेम उसे यह करने की प्रेरणा दे रहा है किंतु निशिकांत द्वारा लिखी गई पहली कहानी अपने मित्र को दिखाता है तो मित्र उसकी कहानी को किसी बड़े लेखक की कहानी की नकल बताता है अब ऐसे में निशिकांत का क्या आत्मविश्वास डगमगा जाता है या फिर से कोशिश करता है विष्णु प्रभाकर के द्वारा लिखी गई कहानी जानते हैं
कुएँ का राज – Ibnesafi ( इब्नेसफी) – Nayani Dixit
200 साल पुरानी एक कोठी, एक बहुत ही पुरानी इमारत और उसके अंदर एक कुआं ।जिसके राज़ को वहां के बाशिंदे आज तक नहीं जान पाए ।ऐसी कौन सी बातें हैं उस कुंए की?जिसे सॉल्व करने के लिए वहाँ पर रहने वाले लोगों को इंस्पेक्टर फ़रीदी की मदद लेनी पड़ी ।घर के अंदर से आती हुई जानवरों की चीखें ,रोज मरते जानवर और फिर आखिरकार एक इंसान ।कुंए के अंदर मिली लाशें, किसी भूत का साया है या किसी की चली हुई चाल और आखिर चली हुई चाल है तो क्यों ?यह सारे राज़ अगर आप जानना चाहते हैं तो सुनिए इब्रेसफ़ी के द्वारा लिखी गई कहानियों की सीरीज़ कुंए का राज़ नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
क्या 2000 का फटा हुआ नोट किसी की किस्मत बदल सकता है ?अच्छी या बुरी ,असली सवाल तो यह है| महेश दुबे जी की बेहद दिलचस्प कहानी है 2000 का नोट , 2000 का फटा नोट अपने आस-पास के काफी़ लोगों की किस्मत बदल रहा है। लेकिन किस्मत किस तरह और किस पलड़े बैठी है ?वही इस कहानी का Main story line है नयनी दीक्षित की आवाज़ में इस बेहतरीन से लव स्टोरी का लुफ़्त उठाएं।
मेला – ममता कालिया – शैफाली कपूर
कहानी में प्रयागराज में लगे कुंभ मेले का दृश्य है जहां दूर-दूर से लाखों की संख्या में लोग अपने पाप को धोने के लिए संगम में डुबकी लगाने आते हैं। क्या मात्र डुबकी लगाकर पाप से मुक्त हुआ जा सकता है ?क्या वास्तव में अध्यात्म को भी एक पेशे की दृष्टि से अपनाया जाता है? आस्था ,परंपरा इन सब बातों का अद्भुत संगम है इस कहानी में। इसी बात को रोचक ढंग से आधार बनाकर ममता कालिया ने कहानी मेला का ताना-बाना बुना है,जिसे शेफ़ाली कपूर ने उतने ही अनोखे अंदाज़ से अपनी आवाज़ से निखारा है।
एक लड़की के लिए मायका क्या होता है ? सिर्फ वही जानती है । मायके के नाम से ही आँखें भर आती हैं। सारा बचपन, सखियाँ,सावन, माँ-बाबूजी, भईया, बहन आँखों में तैर जाते है।मायके जाने के नाम से ही ज़मीन पर पैर नही पड़ते है।वक्त काटे नही कटता है।क्या कोई ऐसा होगा , जो मायके न जाने की कसम खाले ? श्रुति ने मायके न जाने की कसम खाई थी। आखिर क्यों ?
सुन्दरी – रवींद्र कालिया – विनीता श्रीवास्तव
ज़हीर मियाँ के बड़े से कुम्बे का भरण -पोषण ‘सुंदरी’ के जरिए ही हो रहा है। वही उनके घर की एकमात्र आमदनी का साधन भी है ।अब ऐसे में सुंदरी ही रूठ जाए या नखरे दिखाने लगे तो इतने बड़े कुम्बे का ख़र्चा कौन उठाएगा ?अब सुंदरी को मनाने के लिए ज़हीर मियाँ का परिवार कौन-कौन से पापड़ बेलता है? और भाई आखिर यह सुंदरी है कौन? इसे बेहद रोचक ढंग से कहानी में बताया गया है जो कभी आपको हंसाएगी और कभी आपको इमोशनल भी कर देगी। रवींद्र कालिया के द्वारा लिखी गई कहानी सुनिए सुंदरी, विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में
दुनिया को रोशनी दिखाने वाले थॉमस एल्वा एडिसन ने आज ही के दिन, 18 अक्टूबर 1931 को अपनी आखिरी सांस ली थी. एक अमेरिकी वैज्ञानिक और बिजनेसमैन थे. उन्होंने बिजली के उपकरण, संचार, साउंस रिकॉर्डिंग और वीडियोग्राफी जैसे क्षेत्रों में कई डिवाइस इजाद किए
4 नवंबर, 1845 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के शिरढोणे गांव में जन्मे वासुदेव बलवंत फड़के ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का संगठन करने वाले पहले क्रांतिकारी के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने ही 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की विफलता के बाद आज़ादी के महासमर की पहली चिंगारी जलाई थी
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