संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 2 नवंबर को विश्व स्तर पर “इंटरनेशनल डे टू इंड इम्प्युनिटी फॉर क्राइम्स अगेंस्ट जर्नलिस्ट” यानि “पत्रकारों के खिलाफ अपराधों के लिए दण्ड मुक्ति समाप्त करने का अंतरराष्ट्रीय दिवस” मनाया जाता है। यह दिन पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के खिलाफ हिंसक अपराधों के लिए कम वैश्विक सजा दर पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है, जिसका अनुमान प्रत्येक दस मामलों में केवल एक में जताया जाता है।
स्वेज नहर मिस्र में भूमध्य सागर पर बन्दरगाह सईद से दक्षिण की ओर स्वेज शहर (स्वेज की खाड़ी के उत्तरी किनारे पर स्थित) तक 120 मील तक फैली हुई है। नहर मिस्र के बड़े हिस्से को सिनाई प्रायद्वीप से अलग करती है। इसे बनने में 10 साल लगे और इसे आधिकारिक तौर पर 17 नवंबर, 1869 को खोला गया।
हर साल 29 अक्तूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2004 में हुई, जब कनाडा में वर्ल्ड स्ट्रोक कांग्रेस ने इस दिन को मनाया। दो साल बाद वर्ष 2006 में इस दिन को जन जागरूकता के लिए घोषित किया गया। 2006 में, वर्ल्ड स्ट्रोक फेडरेशन और इंटरनेशनल स्ट्रोक सोसाइटी के विलय के साथ वर्ल्ड स्ट्रोक संगठन स्थापित हुआ। तब से, विश्व स्ट्रोक संगठन (डब्ल्यूएसओ) विभिन्न प्लेटफार्मों पर विश्व स्ट्रोक दिवस (डब्ल्यूएसडी) मनाता आ रहा है।
चितरंजन दास का जन्म 05 नवम्बर 1870 ई. को ढाका के विक्रमपुर में हुआ था। वे कोलकाता उच्च न्यायालय के प्रसिद्ध वकील थे, जो 1909 ई. में अलीपुर बम कांड में अरविंदो घोष का बचाव कर चर्चित हो गए ।
अमेरिका ने ऑपरेशन इंड्योरिंग फ्रीडम के तहत 7 अक्टूबर को अफगानिस्तान में हवाई हमला शुरू किया. नवंबर-दिसंबर में 1300 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान पहुंचे
गोपबंधु दास का जन्म 9 अक्टूबर, 1877 को उड़ीसा के पुरी ज़िले में साक्षी गोपाल के निकट सुआंडो नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम दैतारि दास तथा माता का नाम स्वर्णमायी देवी था। इनका सम्बन्ध एक ग़रीब ब्राह्मण परिवार से था। गोपबंधु दास ने पुरी, कटक तथा कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में शिक्षा ग्रहण की थी
9 अक्टूबर 1949 आधुनिक प्रादेशिक सेना का गठन किया गया। प्रादेशिक सेना अधिनियम 1948 में पारित होने के बाद इसका गठन किया गया। पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने इसका उद्घाटन किया ।1962 ,1965 और 1971 के सैन्य अभियानों में इसकी सक्रिय रूप से इसे शामिल किया गया। रक्षा से जुड़ी कई ज़िम्मेदारियां निभाने में प्रादेशिक सेवा का अहम भूमिका रही है ।आतंक विरोधी अभियान में सेना की मदद ली जाती रही है। कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी भी प्रादेशिक सेना का हिस्सा हैं।
आपकी छोटी बेटी – ममता कालिया – शैफाली कपूर
जबकि एक ही मां -बाप की दो बेटियां हैं पपीहा और टुन्ना। मां-बाप अपनी बड़ी बेटी जो की कॉलेज छात्रा होने के साथ ही साथ स्टेज की नामी कलाकार भी है उसके गुणों का गुणगान करने में कोई कसर नहीं रखते। वहीं दूसरी ओर उनकी 13 साल की छोटी बेटी टुन्ना जो कि पढ़ने में भी अच्छी होने के साथ ही साथ बेहद संस्कारी भी है।उसके इन गुणों के होने के बावजूद कहीं ना कहीं उसे उपेक्षित महसूस कराते रहते हैं ।टुन्ना की मासूमियत इस कारण अपने को बड़ी बहन की तुलना में निम्न ही समझने लगी है। परंतु क्या किसी की पारखी नज़र टुन्ना को इस बात का एहसास दिला पायेगा कि वह भी अपनी दीदी से कुछ कम तो नहीं। दिल को छू लेने वाली ममता कालिया की कहानी सुने आपकी छोटी बेटी, शैफाली कपूर की आवाज़ में…
सत्य की जीत के इस प्रसंग में द्युत सभा में युधिष्ठिर जब द्रौपदी को भी हार जाते हैं तब दुशासन द्वारा द्रौपदी का द्युत सभा में चीरहरण करने के आगे बड़ने पर भी समस्त धर्माचार्य भीष्म पितामह ,द्रोणाचार्य ,विदुर सहित सभी इस दृश्य को देख मौन हैं ऐसे में सिर्फ कौरवों में विकर्ण पुरज़ोर विरोध करता है ऐसे में कर्ण क्या कहता है। द्वारिका प्रसाद महेश्वरी के द्वारा लिखी गई महाभारत में द्युत सभा का वर्णन नयनी दीक्षित की आवाज़ में
रामनाथ एक क्रांतिकारी है | रामनाथ में पूरा जीवन भारत माता के लिए समर्पित कर दिया| जिसके चलते आप 30 वर्षों के बाद वह जेल से निकल पाया है |जेल से निकलने के पश्चात निशिकांत और उसकी पत्नी के पास पहुंचा है दोनों दंपत्ति रामनाथ का बेहद स्नेह के साथ ख्याल रख रहे हैं किंतु फिर भी रामनाथ उनके पास नहीं रहना चाहता आखिर क्यों विष्णु प्रभाकर की कहानी क्रांतिकारी जानते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में
Reviews for: International Day to End Impunity for Crimes against Journalists – 2 Nov