जबसे निशीथ साथ चलते- चलते अचानक अजाने मोड पर मुड ग़या था तो ठिठक कर उस चौराहे पर उसके आस-पास फुरसत ही बाकि रह गई थी और एक अंधेरा खाली कोना। बस एक सप्ताह और वह उबर आई थी नई जीजिविषा के साथ.. एक आत्मनिर्भर आत्मविश्वासी लड़की के व्यक्तित्व मे एक चुंबकत्व होता है। केतकी रेडियो स्टेशन मे काम करती थी. खूबसूरत थी । बस अगर शादी नहीं करी तो लोगों को बाते बनाने का मौका मिल जाता है। जानिए नायिका केतकी के जीवन मे आने वाले कई उतार-चढ़ावों को और उसका हर बार परिस्थिति को हरा कर आगे बढ़ने की यात्रा , जानने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ की लिखी कहानी एक नदी ठिठकी सी”, पूजा श्रीवास्तव की आवाज में…
शैलजा और राजन की गृहस्थी ठीक प्रकार से चल रही थी अचानक दीपावली पर शैलजा को राजन और अपनी जेठानी के बीच के अनैतिक संबंधों का पता चलता है शैलजा इसके बाद क्या निर्णय लेती है क्या राजन पुनः शैलजा के पास लौटता है पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ जी के द्वारा लिखी गई कहानी सुबह का भूला पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
प्रेम एक ऐसी अनुभूति है जो कब , कैसे , किसके लिए महसूस होगी , ये कह पाना कब सम्भव हुआ है? अविनाश, एक फ़ौजी अफ़सर, जिसकी पहली शादी का अनुभव बहुत ही तकलीफ़देह रहा था, उसने शादी ना करने का मन बना लिया था । सुधा, एक आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी, रूप- गुण युक्त एक स्वावलंबी महिला थी। और उसने भी शादी को कुछ ख़ास तवज्जो नहीं दी थी। और फिर, नीलांजना , बचपन को पीछे छोड़ती वो रूपसी तरुणी जिसके लिए दुनिया रंगो से सजी जीवंत तस्वीर जैसा था । इन तीनो किरदारो के जीवन तार एक दूसरे से कैसे उलझते है , आइए सुनते है मनीषा कुलश्रेष्ठ की भावनाओं में डूबती उतराती इस कहनी “ अधूरी तसवीरें” मे..,
कहानी ने निमिषा एक हाउसवाइफ है |निमिषा -अनिकेत की दो बेटियां हैं मानसी और रूपसी | निमिषा अपनी दोनों बेटियों को अपने जीवन से जुड़ी कुछ बातें साझा कर रही है मानसी और रूपसी से | निमिषा की यह बातें और विचार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के विचारों के अंतराल को कैसे समेट रही है |जानने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ जी के द्वारा लिखी गई कहानी पीढ़ियों का अंतराल, पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
यह कहानी एक सांवली सी लड़की फिरदौस की है और फरजाना उसकी अन्य दो बहने गोरी और सुंदर है सब की शादियां खूब धूमधाम से होती है उन्हीं की एक बड़ी बहन है फिरदौस कद काठी नाक नक्श अच्छे हैं किंतु सांवला रंग |घर के कामों में वह निपुण है किंतु उदासीन और सहमी सहमी रहती है उसका सांवला रंग उसके व्यक्तित्व को उदासीन बना रहा है क्या उसके जीवन में भी खुशियां आती हैं पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं मनीषा कुलश्रेष्ठ के द्वारा लिखी गई कहानी एक सांवली सी परछाई पूजा श्रीवास्तव की आवाज में
शान्तनु, अशोक की नीलांजना दीदी को , दीदी कभी नहीं बुला पाया. शान्तनु का किशोर मन शायद नीलांजना के रूप सौन्दर्य से इतना प्रभावित नहीं था जितना उसकी कुशाग्र बुद्धि और आत्मविश्वास से भरे सौम्य व्यक्तित्व से। .. .. शान्तनु का किशोरावस्था का प्यार क्या नीलांजना समझ पायी थी? क्या परिवार के सहयोग के बिना भी नीलांजना अपने भविष्य को सवार पायी थी? क्यो शान्तनु ने नीलांजना को सम्बोधित किया वीरांगना के नाम से , जानिए मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानी वीरांगना में
एक रिश्ता किस तरीके से रंग बदलता है| अपर्णा एक मेधावी छात्रा है और बाद में उसी संस्थान में कार्य करने लग जाती है जहां उसके सर दिनेश जी है| दिनेश उसके सामने प्रेम का प्रस्ताव रखता है किंतु दिनेश किसी और से विवाह करता है |क्या हुआ था दिनेश और अपर्णा के बीच प्रेम संबंधों का |पूरी कहानी जाने के लिए सुनते हैं विनीता शुक्ला की द्वारा लिखी गई कहानी बदलते रंग, पूजा श्रीवास्तव की आवाज में…
प्रेम में छली गयी स्त्री – ये कहानी है एक अत्यंत सुंदर युवती निम्मी की .. जो वर्षों बाद एक विवाह में शामिल होने वापस अपने घर जा रही है । रास्ते में ट्रेन में उसकी सहयात्री निकलती है उसके बचपन की सखी और फिर याद आती है वो सब बातें जो उस भाग्यवान रूपवती के विवाह निश्चित होने और उसके टूटने की कई घटनाओं से जुड़ी थी । … निम्मी की सहेली ने उसे ऐसा क्या बताया की निम्मी ने आधे रास्ते से ही वापसी कर ली। क्यों नहीं जा पायी निम्मी फिर उस घर में वापस ….
एक फौजी की जिंदगी से रूबरू कराती कहानी जहां पर उसका अपना प्रेम और उसके देश के प्रति प्रेम के बीच में वह देश प्रेम को चुनता है ऐसी कहानी राजू की है जो एक फौजी है और जिसकी शादी उसके बचपन की दोस्त रूपा से होती है वह रूपा से अथाह प्रेम करता है किंतु जब देश को उसकी जरूरत होती है तो देश लिए तो हंसते-हंसते अपनी जान भी न्योछावर कर देता है पवनेश ठाकुराठी की बेहद मार्मिक कहानी पूजा श्रीवास्तव जी की आवाज में ।
एक जेबकतरे के द्वारा इंसानियत का परिचय देना , इस कहानी को और भीभावुक बनाती है कैसे? जानते हैं ज्ञानप्रकाश विवेक द्वारा लिखी गई कहानी जेबकतरा , पूजा श्रीवास्तव की आवाज में आवाज में
युवा संदीप और प्रतीक्षा की मुलाकात एक बस में होती है|संदीप ऑफिस में कार्यरत है ,प्रतीक्षा को भी उसी ऑफिस में अपने काम के सिलसिले में जाना है |जब दोनों में बातों का सिलसिला शुरू होता है ,तो उन्हें एहसास होता है कि उनका जीवन एक समान है |क्या है संदीप और प्रतीक्षा के जीवन की समानता? संजय विद्रोही की भाव- विभोर कर देने वाली कहानी हम एक से, सुनते हैं पूजा श्रीवास्तव जी आवाज में
भोलाराम 60 वर्ष का एक वृद्ध है कि अचानक से मृत्यु हो जाती है धर्मराज के दूत भोलाराम की आत्मा को स्वर्ग ले जाने के लिए आते हैं किंतु रास्ते से ही भोलाराम की आत्मा कहीं गायब हो जाती है यह बात दूत धर्मराज और नारद जी को बतलाते हैं नारद जी पुनः पृथ्वी लोक में भोलाराम की आत्मा को ढूंढने के लिए आते हैं क्या नारद जी को भोलाराम की आत्मा मिल पाती है आखिर भोलाराम की आत्मा गायब कहां हो गई हरिशंकर परसाई द्वारा लिखी रोचक व्यंग कहानी भोलाराम का जीव सुनते हैं अमित तिवारी जी की आवाज में
जीवन का रसायन कब और कैसे इतना कसैला हो गया जीवन के भौतिक शास्त्र में सारे द्रव्य एकत्र करते-करते शायद वह अपने अस्तित्व का द्रव्य ही गवां बैठी। धरा कैमेस्ट्री में एम.एससी. है | फिर भी घर में कितनी उपेक्षित है इसका धरा को एहसास हो रहा है | अब धरा अपने अस्तित्व के लिए क्या करती है जानते हैं ज्योत्सना सिंह के द्वारा लिखी गई कहानी रसायन में
कहानी में एक युवती अपनी दोनों बेटियों के साथ अकेली है |ठंड की एक रात अचानक उसके यहां 60…65 साल का आदमी चादर लपेटे एक वृद्ध व्यक्ति आ जाता है ,जो अपने को उनका रिश्तेदार बतलाता है| अब युवती बेहद असमंजस की स्थिति में है, अतिथि को अपने घर आने दे अथवा नहीं| अब आगे क्या होता है जानने के लिए सुनते हैं सिनीवाली द्वारा लिखी गई कहानी अतिथि, निधि मिश्रा की आवाज में….
एक आम लड़की की तरह सुमिता ने भी शादी के सुनहरे सपने देखे थे। सोम के रुप में जीवनसाथी को पाकर सुमिता जैसे खुशी से पागल सी हो गई थी। लेकिन उसका यह भ्रम बहुत जल्दी टूट गया। शादी के तीन दिन बाद ही उसे सोम की बीमारी का पता चला । उसे लगा कि जैसे वह ठगी गई है। तब, उसने एक अहम फैसला लिया।
भारत और पाकिस्तान के पर्वतीय सीमावर्ती इलाके पर कैप्टन समीर और उनका दोस्त पराग शिकार के उद्देश्य से वहां जाते हैं| रात होने पर रैन बसेरा के उद्देश्य से वे दोनों पेड़ों के पीछे छुप कर बैठ जाते हैं सुनसान रात में अपनी आंखों से जो दृश्य देखते हैं उससे वह बहुत अचंभित होते हैं| उन्होंने अपनी आंखों से क्या दृश्य देखा? क्या है उस बात का रहस्य? जानने के लिए सुनते हैं कहानी घुड़सवार सैनिकों की प्रेतआत्माएं ,अमित तिवारी की आवाज में..
Reviews for: Ek Nadi Tithki si part-1 (एक नदी ठिठकी सी)