Ve muskate ful nahi (वे मुस्काते फूल नहीं)
Ve muskate ful nahi (वे मुस्काते फूल नहीं)
Priya sandhi gagan mera jevan (प्रिया सान्ध्य गगन मेरा जीवन)
Priya sandhi gagan mera jevan (प्रिया सान्ध्य गगन मेरा जीवन)
Nisha ki dho deta Rakesh (निशा की धो देता राकेश)
Nisha ki dho deta Rakesh (निशा की धो देता राकेश)
Lahrati aati Madhu Vyar (लहराती आती मधु व्यर)
Lahrati aati Madhu Vyar (लहराती आती मधु व्यर)
10
Fir Vikal hai Pran tere (फिर विकल है प्राण तेरे)
Fir Vikal hai Pran tere (फिर विकल है प्राण तेरे)
Kavita (कविता)
Kavita (कविता)
Lal Kila Kavi Sammelan (लाल किला कवि सम्मेलन )
Lal Kila Kavi Sammelan (लाल किला कवि सम्मेलन )
8.5
Rahon mein Bhi (राहो में भी)
Rahon mein Bhi (राहो में भी)
9.5
×
Das paison me do churan ki pudiyon wale din (दस पैसे में चूरन की दो पुड़ियों वाले दिन)
Das paison me do churan ki pudiyon wale din (दस पैसे में चूरन की दो पुड़ियों वाले दिन)
Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
4.0
×
Yah Pawas Ki Sanjh Rangeeli (यह पावस की सांझ रंगीली)
Narrator
कविता के अंश में सिंदूरी शाम की सुंदरता का वर्णन किया गया है
Vayu Bahti Sheet Nishthur (वायु बहती शीत-निष्ठुर)
Vayu Bahti Sheet Nishthur (वायु बहती शीत-निष्ठुर)
×
Vayu Bahti Sheet Nishthur (वायु बहती शीत-निष्ठुर)
Narrator
Genre
ठंडी वायु के चलने से प्रकृति और समस्त जीव धारियों में उसका कैसा प्रभाव पड़ रहा है इस बात को दर्शाती यह कविता
Udit Sandhya Ka Sitara (उदित संध्या का सितारा)
Udit Sandhya Ka Sitara (उदित संध्या का सितारा)
Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
9.0
×
Tumhre Karan Sab Sukh Choda (तुम्हरे कारण सब सुख छोड़ा)
Narrator
मीराबाई के पद संकलन से लिया गया प्रसंग जिसमें मीराबाई कृष्ण जी से कह रही है आपको पाने की खातिर मैंने सभी सुखों का त्याग कर दिया है
Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
×
Tum Tofan Samajh Paoge (तुम तूफ़ान समझ पाओगे?)
Narrator
तूफान अपने साथ क्या मंजर लेकर आता है इन पंक्तियों में इसका उल्लेख किया गया है
Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
×
Sathi Sanjh Lagi Ab Hone (साथी, सांझ लगी अब होने)
Narrator
निशा निमंत्रण से लिया गया यह गीत जिसमें शाम होने पर किस प्रकार वातावरण बदल जाता है बड़ी ही खूबसूरती के साथ उल्लेख किया गया है