Teen and Young Adult
Manjil
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Manjil
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Manjil (मंजिल) – Alka Saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
अपने संघर्षों को अपनी ताकत बना कर, जीवन की चुनौतियों का सामना करके, एक ऐसा लक्ष्य रखना जिस पर सबको फ्रक हो सके। कुछ ऐसी ही कहानी है अभी-अभी कॉलेज में दाखिला लेने वाली लड़की प्रतीक्षा की। प्रतीक्षा को किन -किन संघर्षों का सामना करना पड़ा और उन चुनौतियों ने उसे जीवन में क्या लक्ष्य दिया ?सुनिए अलका सैनी की लिखी कहानी मंजिल में, शिवानी आनंद की आवाज़ में..
Atithi (अतिथि )
Atithi (अतिथि )
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Atithi (अतिथि )
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कहानी में एक युवती अपनी दोनों बेटियों के साथ अकेली है |ठंड की एक रात अचानक उसके यहां 60…65 साल का आदमी चादर लपेटे एक वृद्ध व्यक्ति आ जाता है ,जो अपने को उनका रिश्तेदार बतलाता है| अब युवती बेहद असमंजस की स्थिति में है, अतिथि को अपने घर आने दे अथवा नहीं| अब आगे क्या होता है जानने के लिए सुनते हैं सिनीवाली द्वारा लिखी गई कहानी अतिथि, निधि मिश्रा की आवाज में….
Mehal (महल)
Mehal (महल)
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Mehal (महल)
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एकता का पाठ घर से ही शुरू होता है तो विषम परिस्थितियों में कैसे परिवार अलग हो जाते हैं ये कविता बखूबी बता रही है।
Netraheen (नेत्रहीन)
Netraheen (नेत्रहीन)
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Netraheen (नेत्रहीन)
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शारीरिक निर्बलता नेत्रहीन होना एक कृषक के बेटे नॉर के लिए जैसे अभिशाप बन गया हो |माता -पिता की मृत्यु के पश्चात उ उसे आसपास के लोगों की प्रताड़ना अलग-अलग रूप में सहनी पड़ी |किसी के लिए हंसी का पात्र होता ,यहां तक कि उसके अपने भी उसके साथ भिखारी जैसा व्यवहार करते | क्या नॉर अपनी शारीरिक निर्बलता को अपने ऊपर हावी होने देगा या या फिर डटकर मुकाबला करेगा कहानी में आगे क्या होगा उसके साथ इसे जानने के लिए गाय दी मोपासां की कहानी बेहद मार्मिक कहानी नेत्रहीन, सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में
Nishikant (निशिकांत)
Nishikant (निशिकांत)
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Nishikant (निशिकांत)
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कहानी के मुख्य पात्र निशिकांत के मन की उस दशा को चित्रित किया गया है जहां पर वह स्वयं शादीशुदा होकर भी किसी दूसरी स्त्री के रूप ,सौंदर्य की तरफ आकर्षित है किंतु जब वह अपनी पत्नी को इस रूप में सोचता है कि जैसे वह किसी पराई स्त्री के प्रति आकर्षित है वैसे कोई और भी उसकी पत्नी के प्रति भी आकर्षित हो सकता है |तो क्या वह इसे स्वीकार कर पाएगा| निशिकांत की इस बंद को मन के द्वंद को समझते हैं विष्णु प्रभाकर के द्वारा लिखी गई कहानी निशिकांत नयनी दिक्षित की आवाज में
Woh raasta (वो रास्ता)
Woh raasta (वो रास्ता)
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Woh raasta (वो रास्ता)
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धर्म से पीछा छुड़ाकर सिर्फ समाज के हित की बात करने वाला अमज़द से निशिकांत बहुत प्रभावित हुआ| आज वही अमज़द अपने धर्म का दामन पकड़ कर क्यों अपनी जीविका चला रहा है? अमज़द में ऐसा बदलाव किस लिए? क्या ऐसा करना उसकी कोई मजबूरी है या फिर उसकी कथनी और करनी में अंतर ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखी गई कहानी वो रास्ता नयनी दीक्षित की आवाज में
Tum mujhe mud kar ek bar to dekhogi (तुम मुझे मुड़ कर एक बार तो देखोगी)
Tum mujhe mud kar ek bar to dekhogi (तुम मुझे मुड़ कर एक बार तो देखोगी)
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Tum mujhe mud kar ek bar to dekhogi (तुम मुझे मुड़ कर एक बार तो देखोगी)
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सीने में उठने वाला वो दर्द जब अलग हो जाए हमसे वो इंसान जिससे हम बेहद मोहब्बत करते हैं। उसी दर्द को दर्शाती है यह कविता।
Hum bhool se usko khuda apna bana baithe (हम भूल से उसको खुदा अपना बना बैठे)
Hum bhool se usko khuda apna bana baithe (हम भूल से उसको खुदा अपना बना बैठे)
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Hum bhool se usko khuda apna bana baithe (हम भूल से उसको खुदा अपना बना बैठे)
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प्रेम में विरह की भावना को दर्शा रही है ये कविता
Tera naam mera naam (तेरा नाम मेरा नाम)
Tera naam mera naam (तेरा नाम मेरा नाम)
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Tera naam mera naam (तेरा नाम मेरा नाम)
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कितना सुकून देता है प्यार का एहसाह, और अपने प्यार के पास रहने से कितनी मिलती है ताकत, इस कविता में बखूबी बताया गया है।
Tum bhi badal jaoge ( तुम भी बदल जाओगे)
Tum bhi badal jaoge ( तुम भी बदल जाओगे)
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Tum bhi badal jaoge ( तुम भी बदल जाओगे)
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“हालात और वक़्त के साथ सबको बदलना पड़ता है। इंसान के बदलाव के बारे में दर्शाती यह कविता जरूर सुनें।
Tum kya gaye sab paraye ho gaye (तुम क्या गए सब पराये हो गए)
Tum kya gaye sab paraye ho gaye (तुम क्या गए सब पराये हो गए)
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Tum kya gaye sab paraye ho gaye (तुम क्या गए सब पराये हो गए)
किसी के जाने से उसकी यादें नहीं मिटती लेकिन कुछ ज़िन्दगी में अधूरा सा जरूर रह जाता है। कुछ ऐसे ही भावनाओं को दर्शाती है ये कविता।
Jane Kiski hame najar lag gayi (जाने किसकी हमें नजर लग गयी)
Jane Kiski hame najar lag gayi (जाने किसकी हमें नजर लग गयी)
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Jane Kiski hame najar lag gayi (जाने किसकी हमें नजर लग गयी)
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अच्छे पलों को किसी की नजर लग जाना आम बात है और अगर वही पल हम किसी के साथ बिताएं तो ये डर और बढ़ जाता है। तो ऐसे ही भावों को दर्शा रही है ये कविता।
Mera phool (मेरा फूल)
Mera phool (मेरा फूल)
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Mera phool (मेरा फूल)
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“सूरत को नहीं सीरत को तवज्जो देना सीखें तभी शायद आप असली खूबसूरती का मतलब समझ पाएंगे।
Ek ladka aur deewana ho gaya (एक लड़का और दीवाना हो गया)
Ek ladka aur deewana ho gaya (एक लड़का और दीवाना हो गया)
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Ek ladka aur deewana ho gaya (एक लड़का और दीवाना हो गया)
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प्यार में जुदाई के आलम को दशाया गया है इस कविता में
Stree (स्त्री)
Stree (स्त्री)
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Stree (स्त्री)
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स्त्री मन को एक स्त्री से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता, इसलिए जब सुधीर रिन्नी नाम की अपनी एक क्लाइंट को समझने और समझाने में नाकामयाब हो जाता है तब उसकी पत्नी उसे इस परिस्थिति से बाहर निकालने मे उसकी मदद करती है।
Pani ki jaat (पानी की ज़ात)
Pani ki jaat (पानी की ज़ात)
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Pani ki jaat (पानी की ज़ात)
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कहानी मज़हब, जात –पात, हिंदू -मुसलमान इन सब कट्टरपंथी सोच से अलग विचारधारा बनाने के लिए प्रेरित करती है |कहानी एक ऐसे हिंदू युवक की है, जो लाहौर में बी.ए की परीक्षा देने गया हुआ है| वहां पर युवक बुरी तरीके से बीमार हो जाता है| ऐसी विषम परिस्थितियों में उसे पानी की आवश्यकता है किंतु क्या वह अपनी उस मानसिकता से ऊपर उठकर मुसलमान युवक से पानी ले पाएगा? क्या होता है उसके साथ ?विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखी गई कहानी पानी की जाति सुनते हैं, नयनी दीक्षित की आवाज में…
Maa aur maa jaisi (माँ और माँ जैसी)
Maa aur maa jaisi (माँ और माँ जैसी)
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Maa aur maa jaisi (माँ और माँ जैसी)
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Narrator
हमारे रिश्ते हमारी सोच पर निर्भर करते हैं| जैसी सोच वैसे ही हमारा रिश्ता| सास -बहू के बीच का रिश्ता कुछ ऐसा ही है …
Dosti (दोस्ती )
Dosti (दोस्ती )
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Dosti (दोस्ती )
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सबसे खूबसूरत रिश्ता है दोस्ती का ,यही ऐसा रिश्ता है जो हमें किसी भी दायरे में नहीं बांधता ,हम जैसे हैं ,वैसे ही आप लाए जाते हैं| कैसे? जानते हैं इस खूबसूरत दोस्ती के रिश्ते के बारे में, अंगोना साहा के साथ..