जो देश सोने की चिड़िया हुआ करता था वो अब गरीब होने लगा और उस देश से बाहर निकल कर गया हुआ इंसान , बाहर के देशो में बहुत खुश होता है |साफ़ सफाई,चकाचौंध सब कुछ उसे अच्छा लगता है|वो पैसे कमाने में लग जाता है,अपने नाम बनाने में लग जाता है, पर वो नाम ही क्या नाम जिसे कोई अपनेपन से पुकार भी न सके ? देश से बाहर जाकर अपनी पहचान बना पाना एक गर्व की बात है पर क्या उस पहचान में अपनापन होता है ?
जो देश सोने की चिड़िया हुआ करता था वो अब गरीब होने लगा ,,,और उस देश से बाहर निकल कर गया हुआ इंसान , बाहर के देशो में बहुत खुश होता है ,,,साफ़ सफाई,,,चकाचौंध सब कुछ उसे अच्छा लगता है,,,वो पैसे कमाने में लग जाता है,,,अपने नाम बनाने में लग जाता है, पर वो नाम ही क्या नाम जिसे कोई अपनेपन से पुकार भी न सके , देश से बाहर जाकर अपनी पहचान बना पाना एक गर्व की बात है पर क्या उस पहचान में अपनापन होता है ?
कहानी में गंगो एक मजदूरिन है है |गर्भ से होने के कारण ठेकेदार उसे काम से निकाल देता है| इधर गंगो का पति घीसू भी एक मजदूर है| घर का खर्चा चलाने के लिए घीसू अपने छोटे बेटे और रीसा को बूट -पॉलिश का काम कराने भेज देता है| किंतु रीसा गलियों में खो जाता है| आगे कहानी में क्या होता है जानने के लिए सुनते भीष्म साहनी द्वारा लिखी गई कहानी गंगो का जाया, सुमन वैद्य जी की आवाज में…
व्यवहार की दुनिया, वास्तविक दुनिया से अलग होती है |इस संदर्भ में कहानी की रूपरेखा इस प्रकार है कि हीरालाल जी के परम मित्र शुक्ला जी जो कि एकसरकारी कर्मचारी हैं अपनी सत्य निष्ठा और ईमानदारी के कारण जाने जाते हैं| ईमानदारी से किए गए एक फैसले ने उनका जीवन ही बदल दिया| क्या है पूरा वृतांत ?जानने के लिए सुनते हैं भीष्म साहनी के द्वारा लिखी गई कहानी फैसला ,सुमन वैद्य जी की आवाज में…
हिंदुस्तान पाकिस्तान बंटवारे के बाद जो कि अमृतसर जा रही है कुछ मुसाफिर जिसमें तीन पठान, सरदार ,बाबू बैठे हुए हैं एक बुढ़िया बैठी हुई है वजीराबाद स्टेशन में हलचल होने लगती है जैसे कहीं दंगा हुआ हूं पठान चढ़े हुए मुसाफिरों के साथ बदसलूकी करने लगता है बाकी यात्री में बैठे हुए हैं अमृतसर पहुंचती है पठानों से बदला लेने लगता है किस लिए ऐसा क्या कारण है इसके पीछे
जो देश सोने की चिड़िया हुआ करता था वो अब गरीब होने लगा ,,,और उस देश से बाहर निकल कर गया हुआ इंसान , बाहर के देशो में बहुत खुश होता है ,,,साफ़ सफाई,,,चकाचौंध सब कुछ उसे अच्छा लगता है,,,वो पैसे कमाने में लग जाता है,,,अपने नाम बनाने में लग जाता है, पर वो नाम ही क्या नाम जिसे कोई अपनेपन से पुकार भी न सके , देश से बाहर जाकर अपनी पहचान बना पाना एक गर्व की बात है पर क्या उस पहचान में अपनापन होता है ?
शामनाथ जी के यहां आज उनके अंग्रेज बॉस चीफ़ की दावत की है| शामनाथ अपनी झूठी शानो शौकत को दिखाने के उद्देश्य से अपनी उस मां की उपेक्षा करते हैं जिसने शामनाथ के लिए अपना सब कुछ लुटा दिया| भावुक कर देने वाली भीष्म साहनी की द्वारा लिखी गई कहानी चीफ़ की दावत ,सुनते हैं अमित तिवारी की आवाज में
मंटो की ये कहानी जीवन के कई पहलुओं पर नज़र डालती है , जैसा की हम जानते हैं मंटो ने उन औरतो और गलियों के बारे में बहुत लिखा है , जिन्हे लोगो बाज़ारू कहते हैं, पर इंसान वो भी हैं और एहसास उनके दिलों में भी होते हैं , ये कहानी भी एक ऐसी ही औरत की है , जो जवानी से बुढ़ापे की ओर बढ़ती है तो उसके जीवन में बहुत कुछ बदल जाता है
देश एक है, देशवासी भी एक हैं, राज्य अलग हैं, भाषाएँ अलग हैं और इसी की बुनियाद पे कई बार लोग आपस में बट जाते हैं|भेदभाव करने लगते हैं, पर इन सबसे अलग हो कर कोई अपनी धुन में मस्त होकर जीना चाहे भी तो लोग उसे जीने नहीं देते |फिर भी जीवन आगे बढ़ता जाता है , और इंसान खुश रहने के रास्ते निकाल ही लेता हैं , भाषाओं के आगे भी बहुत कुछ है…
मंटो की लिखी गयी सबसे ज्यादा मशहूर कहानियो में से एक है काली सलवार , ये कहानी एक ऐसे औरत की जो दिल्ली जैसे बड़े शहर में आ जाती है कुछ सपने सजा के , पर समय के साथ जब वो सपने धुंधले पड़ने लगते हैं तब एक शंकर नाम का आदमी उस के घर आता है और शायद दिल में भी, पर वो आदमी इस औरत को कुछ ऐसा देके जाता है जिसे पाकर वो समझ नहीं पाती की वो खुश हो या दुखी
ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने जीवन में कभी हार नहीं मानी। जीवन में बहुत सी विसम परिस्तिथियाँ आई पर उनके क़दम कभी नहीं डगमगाए और वो हर मुश्किल का सामना करते हुए , सकरात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते गए , इनकी कहानी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है
ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने जीवन में कभी हार नहीं मानी।, जीवन में बहुत सी विसम परिस्तिथियाँ आई पर उनके क़दम कभी नहीं डगमगाए और वो हर मुश्किल का सामना करते हुए , सकरात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते गए , इनकी कहानी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है
पाषाणी मृगमयी नाम की एक लड़की की कहानी है, जिससे अपूर्व नाम के लड़के को प्रेम होता है तथा वह उससे विवाह भी करता है। किंतु मृगमयी की प्रकृति से बचपना है की जाने का नाम नहीं लेता। परिस्थितियां विपरीत तब होती हैं जब अपूर्व कई वर्षो के लिए कलकत्ता चला जाता है और लौट कर नहीं आता…
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यह मधुर गीत उस स्थिति को दर्शाता है ,जब हम नए-नए प्रेम में पड़ते हैं | हमारा तन – मन हमारे काबू में नहीं होता | भावना तिवारी जी की मधुर आवाज में….
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स्टेशन के प्लेटफार्म में 2 औरतें जोर-जोर से लड़ रही है| उन दोनों औरतों का दावा एक छोटे दूध पीते बच्चे की मां होने का है| इस विषम परिस्थिति में जानने के लिए कि कौन उस बच्चे की वास्तविक मा है मां है? उसके पीछे क्या कहानी है? सुनते हैं भीष्म साहनी द्वारा लिखी गई कहानी माता -विमाता ,सुमन वैद्य जी की आवाज में
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