Inspirational
Do Saanpo Ki Katha (दो सांपों की कथा)
Do Saanpo Ki Katha (दो सांपों की कथा)
Do Saanpo Ki Katha (दो सांपों की कथा)
Narrator
देव शक्ति नाम के राजा के एक पुत्र के पेट में एक साँप चला जाता है और वह उसी के पेट में अपना बिल बना लेता है |जिस कारण राजकुमार का शरीर प्रतिदिन अस्वस्थ होता जा रहा है अब आगे क्या होता है राजकुमार के साथ ?पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी दो सांपों की कथा ,सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में…
Do Sir Wala Pakshi (दो सिर वाला पक्षी)
Do Sir Wala Pakshi (दो सिर वाला पक्षी)
Do Sir Wala Pakshi (दो सिर वाला पक्षी)
Narrator
कहानी यह शिक्षा देती है कि संसार में कुछ काम ऐसे हैं, जो एकाकी नहीं करनी चाहिए |कहानी एक भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी है, जिसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था | कहानी में ऐसा क्या होता है कि अंत में उस पक्षी को मृत्यु प्राप्त हो जाती है ? जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी दो सिर वाला पक्षी, शिवानी आनंद की आवाज में….
Gajraj Aur Mushakraj Ki Katha (गजराज और मूषकराज की कथा)
Gajraj Aur Mushakraj Ki Katha (गजराज और मूषकराज की कथा)
Kutta Jo Videsh Chala Gya (कुत्ता जो विदेश चला गया)
Kutta Jo Videsh Chala Gya (कुत्ता जो विदेश चला गया)
murkh ko seekh (मूर्ख को सीख)
murkh ko seekh (मूर्ख को सीख)
Stree Bhakt Raja (स्त्री-भक्त राजा)
Stree Bhakt Raja (स्त्री-भक्त राजा)
Sunehre Gobar Ki Katha (सुनहरे गोबर की कथा)
Sunehre Gobar Ki Katha (सुनहरे गोबर की कथा)
Vaachal Gadha Aur Dhobi (वाचाल गधा और धोबी)
Vaachal Gadha Aur Dhobi (वाचाल गधा और धोबी)
Guru Nanak ke pad- 2 ( गुरु नानकदेव के पद पृष्ठ 2 )
Guru Nanak ke pad- 2 ( गुरु नानकदेव के पद पृष्ठ 2 )
Guru Nanak ke pad- 2 ( गुरु नानकदेव के पद पृष्ठ 2 )
Narrator
गुरु नानक देव जी सिख धर्म के गुरु है,गुरु नानक देव ने हमेशा अपने प्रवचनों में जातिवाद को मिटाने, सत्य के मार्ग पर चलने के उपदेश दिए हैं। आइए जानते हैं गुरु नानक के पद,रवि शुक्ला की आवाज में…
Guru Nanak ke pad ( गुरु नानकदेव के पद )
Guru Nanak ke pad ( गुरु नानकदेव के पद )
Baalak kyo hasa ( बालक क्यों हँसा )
Baalak kyo hasa ( बालक क्यों हँसा )
Yogi phle kyu roya baad me kyu hasa ( योगी पहले क्यों रोया )
Yogi phle kyu roya baad me kyu hasa ( योगी पहले क्यों रोया )
Prem me andha kon
Prem me andha kon
Rahogi Tum Wohi ( रहोगी तुम वही )
Rahogi Tum Wohi ( रहोगी तुम वही )
Rahogi Tum Wohi ( रहोगी तुम वही )
Narrator
सुधा अरोड़ा के द्वारा लिखी गई कहानी रहोगी तुम वही, में देखा जाए तो ऐसी वास्तविकता से परिचय कराया गया है जिसमें एक पति वास्तव में अपनी पत्नी से क्या चाहता है? एक पति अपनी पत्नी को किस रूप में देखना चाहता है? खुद पति को भी मालूम नहीं होता नहीं होता और और फिर भी वह अपनी और अपनी दुविधा का दोष भी वह सिर्फ पत्नी पर डालता है | जानते हैं कैसे ?इसी बात को बेहद रोचक ढंग से कहानी में प्रस्तुत किया गया है ,शिवानी आनंद की आवाज में..
Chor jor jor se Kyu Roya Aur Phir Hasa ( चोर ज़ोर-ज़ोर से क्यों रोया और फिर हँसा )
Chor jor jor se Kyu Roya Aur Phir Hasa ( चोर ज़ोर-ज़ोर से क्यों रोया और फिर हँसा )
Kumhar Ki Kahani ( कुम्हार की कहानी )
Kumhar Ki Kahani ( कुम्हार की कहानी )
Kumhar Ki Kahani ( कुम्हार की कहानी )
एक बार युधिष्ठिर नामक कुम्हार के माथे में में घड़े की नोक से चोट लग जाती है |घाव इतना गहरा होता है कि ठीक होने के बाद भी उसका निशान नहीं जाता है | वहां का राजा कुम्हार के सिर पर चोट का निशान देखकर उसे एक वीर पुरुष समझकर अपने यहां सैनिक के रूप में भर्ती कर लेता है |कहानी में आगे क्या होता है?इसे जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी कुम्हार की कहानी, शिवानी आनंद की आवाज में…