दुष्यंत एक होशियार और सीधा साधा लड़का है जिसकी जिंदगी एक लाक्षाग्रह तब बन गईं जब उसकी शादी मेघा से हुई जोकि एक मॉडर्न लड़की है जिसे न तो दुष्यंत की परवाह है न उसके परिवार या परिजनों की।
पर्यावरण संरक्षण के नाम पर, बिना विषय की गंभीरता समझे अपनी किट्टी पार्टी की सहेलियों के साथ श्रीमती खन्ना की पर्यावरण बचाने की मुहीम पर हास्य व्यंग।
राजा विक्रमादित्य अद्भुत कला-पारखी थे। एक आदमी ने अद्भुत कारीगरी का काठ का घोड़ा विक्रमादित्य को महंगे दाम में बेचा | आगे क्या हुआ पूरा जानने के लिए सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में कहानी सिंहासन बत्तीसी-आठवीं पुतली पुष्पवती
दुनिया को रोशनी दिखाने वाले थॉमस एल्वा एडिसन ने आज ही के दिन, 18 अक्टूबर 1931 को अपनी आखिरी सांस ली थी. एक अमेरिकी वैज्ञानिक और बिजनेसमैन थे. उन्होंने बिजली के उपकरण, संचार, साउंस रिकॉर्डिंग और वीडियोग्राफी जैसे क्षेत्रों में कई डिवाइस इजाद किए
कहानी दुखम शरणम गच्छामि में, इस जिंदगी में उम्र के और समय के हर पड़ाव पर तरह-तरह के दो खाते हैं ,निर्भर करता है कि हम उन दुखों से आत्मसात कैसे करते हैं? दुखों से किस प्रकार सामना करते हैं?कहीं दुख प्रेम का होता है ,कहीं दुख कैरियर को लेकर होता है, कहीं दुख शारीरिक होता है ,कहीं दुख पर पारिवारिक होता है और मानसिक होता है| अपने सारे दुखों से भागकर आप संन्यास नहीं ले सकते| उन दुखों की शरण में जाना, उन्हें आत्मसात करना उन दुखों से डील करना ही मानव का धर्म है| उसी पर यह कहानी आधारित है
सैफ अली एक किसान है |अजमेर जाने से पहले वह काज़ी अब्दुल्ला के पास अपना सारा धन हिफाजत से रखने के लिए दे जाता है | किंतु उसे काज़ी अब्दुल्ला से पत्थरों से भरा थैला वापस मिलता है |अब बीरबल इस समस्या को किस प्रकार सुलझा पाते हैं पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं दुष्ट काज़ी, अंजू जेटली की आवाज में ..
पिकासो ने 1907 से क्यूबिज़्म की शैली में काम किया। इस प्रवृत्ति को ज्यामितीय आकृतियों के उपयोग से अलग किया जाता है जो वास्तविक वस्तुओं को आदिम आकृतियों में तोड़ते हैं|मानव वेदना का जीवित दस्तावेज कहीं जाने वाली इन कलाकृतियों को बनाने के लिए पिकासो ने अपना सब कुछ कल को समर्पित कर दिया|
Reviews for: Zyada Papi Kon ( ज्यादा पापी कौन )