दो सहपाठी लड़कियों की कहानी जो एक दूसरे से स्पर्धा रखती हैं किंतु एक तो खुद को उससे बढ़कर दिखाने की होड़ में सही गलत का फर्क भी भूल जाती है।
दादा जी और दादी की आज के दौर के गैजेट्स के साथ ज्यादा परिचय ना होने के कारण खड़ी हुई कुछ हास्य परिस्थितियों की कहानी।
पर्यावरण संरक्षण के नाम पर, बिना विषय की गंभीरता समझे अपनी किट्टी पार्टी की सहेलियों के साथ श्रीमती खन्ना की पर्यावरण बचाने की मुहीम पर हास्य व्यंग।
ये एक ऐसे अधेड़ उम्र के व्यक्ति की कहानी है जिन्हे सफ़ाई जितनी ज़्यादा पसंद है उतनी ही कुत्तों से नफ़रत है। एक कुत्ता जो उनकी सैर के समय रोज़ उनके भगाने के बाद भी हमेशा उनके साथ रहता है, उनकी इस नफरत को आखिरकार प्रेम में बदल देता है।
हर नशा बुरा नही होता। कुछ नशे ऐसे भी हैं जिनकी ज़रूर हर व्यक्ति को होती है कुछ ऐसा ही नशा करने वाले जगदीश भाई की कहानी।
स्त्री मन को एक स्त्री से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता, इसलिए जब सुधीर रिन्नी नाम की अपनी एक क्लाइंट को समझने और समझाने में नाकामयाब हो जाता है तब उसकी पत्नी उसे इस परिस्थिति से बाहर निकालने मे उसकी मदद करती है।
अम्मा जब आगरा जाने लगी तो हफ्ता भर के लिए उन्होंने मुझे बेगम जान के पास छोड़ दिया। नवाब साहब , बेगम जान से शादी करके कुल साज़-ओ- सामान के साथ ही घर में रखकर भूल गए ।बेगम जी जान छोड़ कर बिल्कुल ही यासो हसरत की पोट ही बन गई। रब्बो ने उन्हें नीचे गिरते- गिरते संभाल लिया साथ खाती, साथ उठती -बैठती और माशाअल्लाह! साथ ही सोती थी। रब्बो और बेगम जान आम जलसों और मज़मूओ की दिलचस्प गुफ्तगू का मौजूँ थी। जहाँ उन दोनों का जिक्र आया और कहकहे उठे। लोग जाने क्या-क्या चुटकुले गरीब पर उड़ाते।
कहानी में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण अपने खेत में सांप के बिल के पास प्रतिदिन पूजा कर दूध रखता है और अगले दिन उसे दूध वाले पात्र में एक स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होती है | इसके आगे की कहानी जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी ब्राह्मण और सर्प, शिवानी आनंद की आवाज में…
कार्तिक एक नौजवान युवक है जो अपने से 25 वर्ष बड़ी अपनी अध्यापिका कुसुम गोल्डन से प्रेम करने लगता है किंतु उसका यह क्रश उसका पूरा जीवन, उसका व्यक्तित्व बदल देता है क्या थी कुसुम गोल्डा की सच्चाई और क्या हुआ कार्तिक के साथ पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं जुनैद के द्वारा लिखी गई कहानी क्रश ,अमित तिवारी जी की आवाज में
रेलयात्रा – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
एक जवान स्त्री पुरुष का संबंध क्या केवल स्त्री पुरुष के संबंध को ही दर्शाता है या फिर एक जवान स्त्री पुरुष जो लगभग एक ही उम्र के हैं वह अनजाने में मां -बेटे के संबंध में भी बदल सकते हैं। रेल यात्रा कहानी सोसाइटी के स्त्री -पुरुष के संबंध को देखने के नजरिये को चोट करती हुई कहानी है। guy de maupassant द्वारा लिखी कहानी रेल यात्रा में जानिए नयनी दीक्षित की आवाज़ में..
Reviews for: Vaagdevi ka Tej (वाग्देवी का तेज)