दादा जी और दादी की आज के दौर के गैजेट्स के साथ ज्यादा परिचय ना होने के कारण खड़ी हुई कुछ हास्य परिस्थितियों की कहानी।
दो सहपाठी लड़कियों की कहानी जो एक दूसरे से स्पर्धा रखती हैं किंतु एक तो खुद को उससे बढ़कर दिखाने की होड़ में सही गलत का फर्क भी भूल जाती है।
ये एक ऐसे अधेड़ उम्र के व्यक्ति की कहानी है जिन्हे सफ़ाई जितनी ज़्यादा पसंद है उतनी ही कुत्तों से नफ़रत है। एक कुत्ता जो उनकी सैर के समय रोज़ उनके भगाने के बाद भी हमेशा उनके साथ रहता है, उनकी इस नफरत को आखिरकार प्रेम में बदल देता है।
पर्यावरण संरक्षण के नाम पर, बिना विषय की गंभीरता समझे अपनी किट्टी पार्टी की सहेलियों के साथ श्रीमती खन्ना की पर्यावरण बचाने की मुहीम पर हास्य व्यंग।
स्त्री मन को एक स्त्री से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता, इसलिए जब सुधीर रिन्नी नाम की अपनी एक क्लाइंट को समझने और समझाने में नाकामयाब हो जाता है तब उसकी पत्नी उसे इस परिस्थिति से बाहर निकालने मे उसकी मदद करती है।
हर नशा बुरा नही होता। कुछ नशे ऐसे भी हैं जिनकी ज़रूर हर व्यक्ति को होती है कुछ ऐसा ही नशा करने वाले जगदीश भाई की कहानी।
दो भाईयों की ऐसी कहानी जो अपनी पत्नियों के रोज़ रोज़ के झगड़े से आहत हैं। एक दिन खाना मांगने पर न मिलने से क्रुद्ध हो एक भाई अपनी पत्नी के सर पर प्रहार करता है जिससे कि उसकी मृत्यु हो जाती है लेकिन दूसरा भाई सबके सामने बताता है कि खून भाई ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी ने किया है क्योंकि उसका मानना है कि पत्नी तो उसे और मिल जाएगी लेकिन भाई तो दूसरा नहीं मिल सकता।
शल्य पर्व में कर्ण की मृत्यु के पश्चात कृपाचार्य द्वारा सन्धि के लिए दुर्योधन को समझाना, सेनापति पद पर शल्य का अभिषेक, मद्रराज शल्य का अदभुत पराक्रम, युधिष्ठिर द्वारा शल्य और उनके भाई का वध, सहदेव द्वारा शकुनि का वध, बची हुई सेना के साथ दुर्योधन का पलायन, दुर्योधन का ह्रद में प्रवेश, व्याधों द्वारा जानकारी मिलने पर युधिष्ठिर का ह्रद पर जाना, युधिष्ठिर का दुर्योधन से संवाद, श्रीकृष्ण और बलराम का भी वहाँ पहुँचना, दुर्योधन के साथ भीम का वाग्युद्ध और गदा युद्ध और दुर्योधन का धराशायी होना, क्रुद्ध बलराम को श्री कृष्ण द्वारा समझाया जाना, दुर्योधन का विलाप और सेनापति पद पर अश्वत्थामा का अभिषेक आदि वर्णित है। महाभारत की कहानियों में से एक कहानी शल्य पर्व में. जिसे सुनते हैं शिवानी आनंद की आवाज में…
राजा भोज को राजा विक्रमादित्य के देवताओं वाले गुणों की कथाएँ सुनकर उन्हें ऐसा लगा कि इतनी विशेषताएँ एक मनुष्य में असम्भव हैं और मानते हैं कि उनमें बहुत सारी कमियाँ है। अत: उन्होंने सोचा है कि सिंहासन को फिर वैसे ही उस स्थान पर गड़वा देंगे जहाँ से इसे निकाला गया है। सिंहासन के गड़वा पुनः देने के पश्चात आगे क्या हुआ ?इसे जानने के लिए सुनते हैं सिंहासन बत्तीसी की कहानियों में से एक कहानी बत्तीसवीं पुतली रानी रूपवती, शिवानी आनंद की आवाज में..
विक्रमादित्य के राज्य में एक गरीब दरिद्र ब्राह्मण और भाट रहते थे |दोनों की पुत्रियों के विवाह के लिए उन दोनों के पास धनराशि नहीं थी | विक्रमादित्य ने दोनों की पुत्रियों के विवाह के लिए धन प्रदान किया| किंतु भाट को 1000000 स्वर्ण मुद्राएं ,जबकि ब्राह्मण को कुछ सौ स्वर्ण मुद्राएँ ही प्रदान की | विक्रमादित्य ने इस प्रकार का पक्षपात क्यों किया? इसे जानने के लिए सुनते हैं सिंहासन बत्तीसी की कहानियों में से एक कहानी पच्चीसवीं पुतली त्रिनेत्री ईश्वर से आस ,शिवानी आनंद की आवाज में..
त्रास – रवींद्र कालिया – विनीता श्रीवास्तव
एक लड़का जो काफी समय से अपने मां-बाप ,परिवार से दूर अलग रह रहा है ।अब अलग और अकेले रहने पर उसकी ज़िन्दगी कुछ उदासीन हो गई है लेकिन जब उसके मां-बाप उससे मिलने आते हैं और उसके जीवन का विश्लेषण करते हैं तो बहुत सी बातें निकल कर आती है ।कहानी में मां अपने बेटे की इस स्थिति से अवगत हो रही है किंतु अपने को उसके सामने सामान्य दिखाने की कोशिश में लगी है ।कहानी में मां और बेटे के कई प्रसंग आपको इमोशनल कर देते हैं ।सुनिए रवींद्र कालिया की लिखी कहानी त्रास, विनीता श्रीवास्तव की आवाज़ में
कहानी प्रारंभ से ही उन संकीर्ण मानसिकता वाले पुरुषों और स्त्रियों की मनोदशा से परिचित कराते हुए आगे बढ़ती है कि किस प्रकार एक अकेली युवती को देखकर बिना यथार्थ जाने लोग उसके चरित्र का विश्लेषण करने लग जाते हैं प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी मनोवृति मनोवृति सुनते हैं भूपेश पांडे जी की आवाज में
इस कहानी में रिश्ते के दो पहलुओं को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया है| एक तरफ अमिता और उसके पति प्रवीण के द्वारा अपनी बुआ सास को नवजात की देखभाल के लिए दिल्ली बुलाया जाता है वह भी निस्वार्थ भाव से उनके पास दिल्ली आकर नवजात की से दिल से देखभाल करती है वही उनके जाने के पर प्रवीण उन्हें चंद रुपए देकर विदा कर देता है| क्या बुआ सास को उनकी मां की भांति ही सम्मान इज्जत मिलनी चाहिए| यह सोचने को मजबूर करती है अंजना वर्मा के द्वारा लिखी गई कहानी मदर्स डे ,विनीता श्रीवास्तव की आवाज में…
बिंदा लेखिका की की बचपन की सहेली है| जो लेखिका के पड़ोस में ही रहती है| बिंदा की सौतेली मां उसे खूब सताती है और घर का सारा काम करवाती है |बिंदा का मातृप्रेम से वंचित रहना और अपनी सौतेली मां के क्रूर व्यवहार को सहन करने के कारण क्या बिंदा का बचपन खिलने से पहले ही मुरझा जाएगा ? महादेवी वर्मा जी की बेहद हृदयस्पर्शी कहानी बिंदा मे जानिए ,जिसे विनीता श्रीवास्तव ने अपनी आवाज दी है…
कहानी एक राजा और उनके चार पुत्रों की है राजा चाहता है उसके बाद उसका सबसे योग्य पुत्र राजगद्दी संभाले इसके लिए अपने चारों पुत्रों को राज्य से बाहर जाकर धन कमाने को कहता है शर्त के अनुसार जो सबसे अधिक धन अर्जित करेगा वही राजगद्दी का हकदार होगा पूरी कहानी सुनकर जानते हैं उन चारों में से सबसे योग्य पुत्र कौन था और क्यों हरिशंकर परसाई द्वारा लिखी गई कहानी जैसे उनके दिन फिरे”, अमित तिवारी जी की आवाज में
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