पाषाणी मृगमयी नाम की एक लड़की की कहानी है, जिससे अपूर्व नाम के लड़के को प्रेम होता है तथा वह उससे विवाह भी करता है। किंतु मृगमयी की प्रकृति से बचपना है की जाने का नाम नहीं लेता। परिस्थितियां विपरीत तब होती हैं जब अपूर्व कई वर्षो के लिए कलकत्ता चला जाता है और लौट कर नहीं आता…
पाषाणी मृगमयी नाम की एक लड़की की कहानी है, जिससे अपूर्व नाम के लड़के को प्रेम होता है तथा वह उससे विवाह भी करता है। किंतु मृगमयी की प्रकृति से बचपना है की जाने का नाम नहीं लेता। परिस्थितियां विपरीत तब होती हैं जब अपूर्व कई वर्षो के लिए कलकत्ता चला जाता है और लौट कर नहीं आता…
पाषाणी मृगमयी नाम की एक लड़की की कहानी है, जिससे अपूर्व नाम के लड़के को प्रेम होता है तथा वह उससे विवाह भी करता है। किंतु मृगमयी की प्रकृति से बचपना है की जाने का नाम नहीं लेता। परिस्थितियां विपरीत तब होती हैं जब अपूर्व कई वर्षो के लिए कलकत्ता चला जाता है और लौट कर नहीं आता…
पाषाणी मृगमयी नाम की एक लड़की की कहानी है, जिससे अपूर्व नाम के लड़के को प्रेम होता है तथा वह उससे विवाह भी करता है। किंतु मृगमयी की प्रकृति से बचपना है की जाने का नाम नहीं लेता। परिस्थितियां विपरीत तब होती हैं जब अपूर्व कई वर्षो के लिए कलकत्ता चला जाता है और लौट कर नहीं आता…
महामाया और राजीव लोचन बचपन के साथी हैं। राजीव महामाया से प्रेम करता है किंतु एक दिन महामाया और राजीव को साथ देख महामाया का भाई उसका विवाह एक मरनासन्न बूढ़े से करवा देता है, जिसके अगले ही दिन महामाया विधवा हो जाती है तथा किसी तरह सती प्रथा के नाम पर जलती हुई चिता से बचकर भागने में सफल हो जाती है। वह राजीव के साथ इस शर्त पर रहना मंजूर करती है कि वह जीवन भर उसका अवगुंठन नहीं हटाएगा। एक रात राजीव खुद को रोक नहीं पाता और महामाया को हमेशा के लिए खो देता है।
The story shows how after giving a shelter to a distressed lady a distinguished man in that village was cornered and became the victim of politics which bound him to lose the legal case which led him to lose his property.
अतृप्त आत्माओं से भरे एक महल की कथा जिसका एक एक पत्थर जिंदा व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
यह कहानी एक बेहद शरारती लकड़े पाठक की है| जिसकी शरारतों से तंग हो,उसकी मां उसे मामा के संग भेज देती हैं। शुरुआत में तो पाठक नई जगह जाने के उत्साह में राज़ी हो जाता है लेकिन वहां घर और अपने लोगों से दूरी पाठक के लिए असहनीय हो जाती है और वह घर वापसी के उपाय करता है।
फणिभूषण और मणिमल्लिका के प्रेम, मिलन और विछोह की रहस्यमई कहानी।
Do navo ki sawaari (दो नावों की सवारी) – Alka saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
प्रेम की अलग-अलग अनुभूति होती है प्रेम मीरा और कृष्ण के मध्य भी था कहानी कुछ इसी तरह के भावों को आधुनिक समीकरण के रूप में ढाल दिया गया है कहानी का नायक अभिनव एक शादीशुदा युवक है जिसकी मित्रता अनीता के साथ हो जाती है ।उनकी मित्रता में एक अजीब सी आत्मीयता और लगाव है किंतु जैसे-जैसे अभिनव को सामाजिक मान मर्यादा की तरफ ध्यान आकर्षित होता है उसके अंदर अजीब सी बेचैनी उत्पन्न हो जाती है ।अभिनव की यह बेचैनी उसे किस हद तक ले जाएगी? जानेंगे अलका सैनी के द्वारा लिखी गई कहानी दो नावों में सवार, शिवानी आनंद की आवाज़ में..
आचार्य गुरु द्रोणाचार्य के सभी शिष्यों में अर्जुन उनके प्रिय शिष्य थे |एक बार आचार्य गुरु द्रोणाचार्य ने उन्हें और अपने सभी शिष्यों को एक लक्ष्य भेद करने का आदेश दिया ,किंतु अर्जुन के द्वारा उस लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के गुण से आचार्य गुरु द्रोणाचार्य बहुत प्रभावित हुए| आचार्य गुरु द्रोणाचार्य ने अर्जुन को एक अमोघ शक्ति बाण प्रदान किया| अमोघ शक्ति बाण का क्या विशेषता है ?इस पूरे प्रसंग को जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी अर्जुन की अमोघ शक्ति, शिवानी आनंद की आवाज में..
भरे पूरे परिवार में जन्मी शम्मन को उसके मामूली रंग रूप की वजह से कोई तवज्जो ना दी जाती। जिंदगी में दिल को चकनाचूर कर देने वाले कई हादसे भी पेश आए। एक स्कॉटिश फौजी से की गई बेमेल शादी भी न चली। वह शम्मन को छोड़कर विदेश चला गया। लेकिन कुछ ऐसा दे गया कि वह उसे भुला ना पाई।
कहानी एक 86 साल के एक बूढ़े आदमी की है जो अपनी सेहत को लेकर बड़ा सजग है और बेहद चुस्त -दुरुस्त ,तंदुरुस्त और चंचल ,कर्मठ भी है किंतु अपनी वास्तविक उम्र किसी को नहीं बताता| इस उम्र में होने के बावजूद अपने को वृद्ध नहीं समझता इसके पीछे क्या कारण है ? कहानी को जानने के लिए सुनते हैं गाय दी मोपासां की कहानी एक बूढा व्यक्ति,नयनी दीक्षित की आवाज में
मंटो की लिखी गयी सबसे ज्यादा मशहूर कहानियो में से एक है काली सलवार , ये कहानी एक ऐसे औरत की जो दिल्ली जैसे बड़े शहर में आ जाती है कुछ सपने सजा के , पर समय के साथ जब वो सपने धुंधले पड़ने लगते हैं तब एक शंकर नाम का आदमी उस के घर आता है और शायद दिल में भी, पर वो आदमी इस औरत को कुछ ऐसा देके जाता है जिसे पाकर वो समझ नहीं पाती की वो खुश हो या दुखी
ईश्वर से जब हम अपने को पूरी तरीके से जोड़ लेते हैं तब जीवन में किसी भी वाहय शक्ति का भय से पूर्णतया मुक्त हो जाते हैं |
Reviews for: Pashani (पाषाणी) – Part-3