6 अक्टूबर 1893 में बंगाल प्रेसीडेंसी में मेघनाथ साहा का जन्म हुआ ।साहा सुप्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक रहे। गणित और भौतिकी के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान रहे ।साहा इक्वेशन के लिए यह प्रसिद्ध हैं। जिसके जरिए तारों में भौतिक एवं रासायनिक स्थिति की व्याख्या की जा सकती है ।साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इनका जन्म झारखंड राज्य के खूंटी जिले के उलिहातू में हुआ था। 15 नवंबर 1875 को बिरसा मुंडा का जन्म हुआ। 9 जून 1900 में रांची के कारागार में मृत्यु हुई। करीब 19वर्ष की आयु में उन्होंने बिरसा सेना का गठन किया।
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म मुगलसराय में हुआ ।वह 1964 में भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री बने। काशी विद्यापीठ से उन्हें ‘शास्त्री’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनके प्रधानमंत्री काल में 1965 में भारत ने पाकिस्तान को कारारी शिकस्त दी। उनके द्वारा दिया गया’ जय जवान, जय किसान’ का नारा जवानों और किसानों के श्रम को दर्शाता है ।उनके सादगी भरे जीवन और भारत के लिये अभूतपूर्व प्रेम को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
4 अक्टूबर 1977 जब अटल बिहारी वाजपेई विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देकर हिंदी भाषा का परचम लहराया ।भाषण के बाद UNGA का सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।
4 अक्टूबर 1884 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले अगोना में राम चंद्र शुक्ला का जन्म हुआ। उन्होंने हिंदी साहित्य में आलोचना और समीक्षा को महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। 20वीं शताब्दी के प्रमुख हिंदी साहित्यकारों में वह एक हिंदी के प्रमुख स्तंभ रहे।
भारतीय नृत्य सम्राट शंभू महाराज का वास्तविक नाम ‘शंभूनाथ मिश्रा’ था। नृत्य के संग ठुमरी गाकर उसके भावों को विभिन्न प्रकार से इस अदा से शंभू महाराज प्रदर्शित करते थे कि दर्शक मुग्ध हुए बिना नहीं रह सकते थे ।शंभू महाराज को 1967 में ‘संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप’ से तथा 1956 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था।
स्वतंत्रता सेनानी वीर चंद्र गढ़वाली अपने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए मशहूर रहे। जब अंग्रेजों ने निहत्ते पठानों पर गोली चलाने का आदेश दिया तो वीर चंद्र गढ़वाली ने गोली चलाने से मना किया तो इन्हें फांसी की सज़ा ब्रिटिश हुकूमत ने सुना दी। ‘पेशावर कांड के नायक’ के रूप में प्रसिद्ध वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की स्मृति में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना की शुरुआत की गई।
इंसान की उस फितरत को दर्शाती यह कहानी, जिसमें इंसान अपने फायदे के लिए अपना रंग बदलने से परहेज नहीं करता |ऐसा ही कुछ बेटे -बहू ने अपने वृद्ध पिता के साथ किया |क्या किया और कैसे? जानने के लिए सुनते हैं सुभाष नीरव के द्वारा लिखी गई कहानी कमरा ,शिवानी आनंद की आवाज में
गुरु नानक देव जी सिख धर्म के गुरु है,गुरु नानक देव ने हमेशा अपने प्रवचनों में जातिवाद को मिटाने, सत्य के मार्ग पर चलने के उपदेश दिए हैं। आइए जानते हैं गुरु नानक के पद,रवि शुक्ला की आवाज में…
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