ये कहानी एक बकरी के बेचने और खरीदने के बहुत ही सरल माध्यम से हमे यह सिखाती है कि हमे यूं तो कभी किसी का बुरा नहीं करना चाहिए लेकिन अगर कोई आपके साथ बुरा करे तो उसे सबक ज़रूर सिखाना चाहिए।
ये कहानी एक बकरी के बेचने और खरीदने के बहुत ही सरल माध्यम से हमे यह सिखाती है कि हमे यूं तो कभी किसी का बुरा नहीं करना चाहिए लेकिन अगर कोई आपके साथ बुरा करे तो उसे सबक ज़रूर सिखाना चाहिए।
जहां चाह वहां राह की कहावत को सार्थक करती कहानी। जिसमें चार चोर चोरी की राह छोड़ एक आम इंसान का जीवन बिताते हुए सबके लिए कहानी वाले बाबा बन जाते हैं।
जहां चाह वहां राह की कहावत को सार्थक करती कहानी। जिसमें चार चोर चोरी की राह छोड़ एक आम इंसान का जीवन बिताते हुए सबके लिए कहानी वाले बाबा बन जाते हैं।
समय द्वारा अपने मनोरंजन के लिए वायु. जल, अग्नि और कई प्रकार के जीवों के उपरांत मनुष्य के बनाए जाने की कथा।
एक था नन्हा खरगोश, जिसेअपने लंबे कान अपने पूरे शरीर में सबसे अधिक पसंद थे, लेकिन एक दिन झाड़ियों में भेड़िए से बचते हुए उसके कान ज़ख्मी हो गए जिससे वह बेहद दुखी रहने लगा। लेकिन अपनी बहादुरी से उसने कुछ ऐसा किया की सभी उसे नन्हा बहादुर कहकर पहले से भी ज्यादा प्रेम करने लगे।
यह कहानी गड़बड़ और सड़बड़ नाम के दो भाईयों की है जो हैं तो जुड़वा लेकिन आदतों से एकदम विपरीत।
किसी झूठ की बार- बार पुनरावृत्ति होने पर ,वह सच की भांति प्रतीत होने लगता है किंतु ऐसे समय अपनी बुद्धि का प्रयोग करना अति आवश्यक हो जाता है| ऐसा ही कुछ उस ब्राह्मण के साथ होता हैजब वह अपनी बुद्धि का प्रयोग और अपने पर विश्वास ना करके ठगों के द्वारा ठगा जाता है | किस प्रकार?इसे जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी बकरा और ब्राह्मण, शिवानी आनंद की आवाज में…
चांद कुमारी एक सुंदर युवती है, किंतु उसकी उसकी मां की वजह से उसका विवाह नहीं हो रहा है |अब तेनाली रामा किस तरीके से चांद कुमारी की का विवाह कराते हैं ?इस पूरे प्रसंग को जानने के लिए सुनते हैं तेनाली रामा की कहानियों में से एक कहानी चानन की चमेली शिवानी आनंद की आवाज में..
राजा भोज को राजा विक्रमादित्य के देवताओं वाले गुणों की कथाएँ सुनकर उन्हें ऐसा लगा कि इतनी विशेषताएँ एक मनुष्य में असम्भव हैं और मानते हैं कि उनमें बहुत सारी कमियाँ है। अत: उन्होंने सोचा है कि सिंहासन को फिर वैसे ही उस स्थान पर गड़वा देंगे जहाँ से इसे निकाला गया है। सिंहासन के गड़वा पुनः देने के पश्चात आगे क्या हुआ ?इसे जानने के लिए सुनते हैं सिंहासन बत्तीसी की कहानियों में से एक कहानी बत्तीसवीं पुतली रानी रूपवती, शिवानी आनंद की आवाज में..
कहानी नौकरी पेशा पति -पत्नी नीना और शौनक की है |उनकी इस डेढ़ साल की छोटी सी बच्ची है सुजाता| समस्या यह है कि उस मासूम सुजाता के लिए की देखभाल के लिए उन दोनों के पास वक्त नहीं है, ऐसे में उनके द्वारा किए गए सारे प्रयास विफल भी हो रहे हैं| आखिर अब कैसे नीना और शौनक यह समस्या दूर होती है |और सुजाता को भी भरपूर प्यार कैसे मिलता है| जानने के लिए सुनते हैं सूर्यबाला के द्वारा लिखी गई कहानी माय नेम इश ताता , निधि मिश्रा की आवाज में
जब कवि सम्मेलन में नेताओं की ऐसी फजीहत देखी तो मेरे तन बदन में आग लग गई। मैंने अपनी कहानी द्वारा कवि महाशय को प्रत्युत्तर देने के लिए एक सर्वगुण संपन्न नेता को गरीब परिवार में जन्म दिया। किंतु गरीबी के कारण वह पथ से भ्रष्ट होकर चोर बन गया । मैंने उसको खत्म कर दिया ,और एक बार फिर हौसला करके एक नए नेता की नए परिवेश में रचना की। वह करोड़पति सेठ के घर जन्मा किंतु उसकी रईसी ने उसे पथ से डिगा दिया और मुझे उसको भी खत्म करना पड़ा। लेकिन अब फिर एक बार हिम्मत न जुटा पाई और मैं हार गई।
झलकारी बाई (22 नवंबर 1830 – 4 अप्रैल 1857) झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की नियमित सेना में, महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थीं। वे लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थीं इस कारण शत्रु को गुमराह करने के लिए वे रानी के वेश में भी युद्ध करती थीं। अपने अंतिम समय में भी वे रानी के वेश में युद्ध करते हुए वे अंग्रेज़ों के हाथों पकड़ी गयीं और रानी को किले से भाग निकलने का अवसर मिल गया।
स्वेज नहर मिस्र में भूमध्य सागर पर बन्दरगाह सईद से दक्षिण की ओर स्वेज शहर (स्वेज की खाड़ी के उत्तरी किनारे पर स्थित) तक 120 मील तक फैली हुई है। नहर मिस्र के बड़े हिस्से को सिनाई प्रायद्वीप से अलग करती है। इसे बनने में 10 साल लगे और इसे आधिकारिक तौर पर 17 नवंबर, 1869 को खोला गया।
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