आकांक्षा – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
प्रसिद्ध फ्रेंच लेखक guy de Maupassant के द्वारा लिखी गई कहानी आकांक्षा में ,एक ऐसे किरदार की कहानी है जो बाल्यावस्था से ही प्रतिष्ठित, सम्मानित व्यक्ति बनने की आकांक्षा रखता है किंतु कहते हैं ना कि कभी-कभी यह आकांक्षा अति आकांक्षा में तब्दील हो जाती है। ऐसे ही कुछ इस किरदार के साथ होता है। यह किरदार इस बात से इतना अधिक ग्रसित हो जाता है या यूं कहें अंधा हो जाता है कि उसके घर में ही, उसकी नाक के नीचे कोई सुराग हो रहा है, उसके परिवार में कोई सेंध लगाई जा रही है, उसे पता ही नहीं चलता। ऐसे में उस किरदार के साथ और क्या- क्या घटित होता है। जानिए कुछ गंभीर ,कुछ व्यंग कुछ भावविभोर कर देने वाली यह खूबसूरत कहानी आकांक्षा में जिसे आवाज़ दी है नयनी दीक्षित ने…
शारीरिक निर्बलता नेत्रहीन होना एक कृषक के बेटे नॉर के लिए जैसे अभिशाप बन गया हो |माता -पिता की मृत्यु के पश्चात उ उसे आसपास के लोगों की प्रताड़ना अलग-अलग रूप में सहनी पड़ी |किसी के लिए हंसी का पात्र होता ,यहां तक कि उसके अपने भी उसके साथ भिखारी जैसा व्यवहार करते | क्या नॉर अपनी शारीरिक निर्बलता को अपने ऊपर हावी होने देगा या या फिर डटकर मुकाबला करेगा कहानी में आगे क्या होगा उसके साथ इसे जानने के लिए गाय दी मोपासां की कहानी बेहद मार्मिक कहानी नेत्रहीन, सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में
पागल खाने के सामने एक लंबा -चौड़ा शख्स फ्रांसिस कुछ इस तरह के भाव दे रहा है जैसे कि वह किसी घरेलू कुत्ते को बुला रहा हो किंतु वहां पर कोई कुत्ता नहीं है कहानी में फ्रांसिस विक्षिप्त सा हो गया है |आखिर कैसे और क्यों और उसका ऐसा होने के पीछे क्या कारण है?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं कहानी विक्षिप्त, नयनी दीक्षित की आवाज में
अगर मर्द बिना मूछों के रहे तो वह मर्द नहीं लगता |एक मूंछ ही तो मर्दाना चेहरे के लिए अनिवार्य होती है और मेरे पति ने एक नौकरानी की भूमिका निभाने के लिए अपनी मूंछे कटवा ली |अब तो शायद ने उन्हें प्यार भी ना कर सकूं| और मर्दों में मूछों के बिना कोई आकर्षण नहीं | मर्दों की मूछों को लेकर एक स्त्री अपनी दोस्त से यह सब बातें क्यों कह रही है ?इसके पीछे क्या वजह हो सकती है? इसे जानने के लिए सुनते हैं गाय दी मोपासां की कहानी मूंछ,नयनी दीक्षित की आवाज में …
अकेलापन – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
19वीं शताब्दी के बेहद लोकप्रिय लेखक गाय दी मोपासा की कहानी अकेलापन जिसमें व्यक्ति के उस मेंटल डिसऑर्डर की बात की गई है जिसमें व्यक्ति अपने आपको बेहद अकेला महसूस करता है ।कहानी का नायक भी इसी प्रकार की समस्या से उलझ रहा है। कहानी का नायक अपनी शादी सिर्फ़ इस वज़ह से करना चाहता है क्योंकि वह मानसिक रूप से अपने अकेलेपन से बहुत उलझ चुका है जानिए पूरी कहानी अकेलापन नया नयनी दीक्षित की आवाज़ में…
परिवर्तन – गाय दी मोपासां – नयनी दीक्षित
एक जवान स्त्री पुरुष का संबंध क्या केवल स्त्री पुरुष के संबंध को ही दर्शाता है या फिर एक जवान स्त्री पुरुष जो लगभग एक ही उम्र के हैं वह अनजाने में मां -बेटे के संबंध में भी बदल सकते हैं। रेल यात्रा कहानी सोसाइटी के स्त्री -पुरुष के संबंध को देखने के नजरिये को चोट करती हुई कहानी है। guy de maupassant द्वारा लिखी कहानी रेल यात्रा में जानिए नयनी दीक्षित की आवाज़ में..
शोलागढ़@34km – Kumar Rehman (कुमार रहमान) – Nayani Dixit
स्पेक्टर सोहराब और सार्जेंट सलीम का माल- गाड़ी का सफ़र किस मुकाम तक पहुंचा? शूटिंग आखिर क्यों कैंसिल करनी पड़ी? स्टूडियो में वह चार व्यक्ति कौन थे? और वह किस की तलाश में थे ?इसे जानने के लिए सुनते हैं शोलागढ़@34 का यह भाग..
कहानी में दो अनजान लोग जब विवाह का बंधन बन जाता है ऐसे में क्या होता है ?इस इस बात को कहानी की मुख्यधारा में शामिल किया गया है|कहानी के मुख्य पात्र निशिकांत का विवाह एक साधारण रंग -रूप की युवती रजनी से हुआ है |दोनों पूरी तरीके से एक दूसरे से अपरिचित है| निशिकांत के मन में अपनी नवविवाहिता के लिए कई प्रश्न गूंज रहे हैं जैसे उसका व्यवहार कैसा होगा ?उसके साथ जीवन की दौड़ में सहारा बन पाएगी ? आदि -आदि | इन सब के बीच एक बात और जुड़ी हुई है |वह क्या है ?इसे जानने के लिए सुनते हैं विष्णु प्रभाकर के द्वारा लिखी गई कहानी अपरिचित नयनी दीक्षित की आवाज में|
होली का रंग-बिरंगा त्योहार,प्यार और रोमांस का के बिना अधूरा है। प्रेमी किस तरह अपनी प्रेमिका को अपने साथ होली खेलने के लिए मना रहा है ?प्यार और मोहब्बत के इसी भाव को बड़े ही शायराना अंदाज में पेश किया है भारतेंदु हरिश्चंद्र ने…
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फरीदी और लियोनार्ड – Ibnesafi ( इब्नेसफी) – Nayani Dixit
इब्ने सफ़ी की कहानी फ़रीदी और लियोनार्ड में लियोनार्ड एक बेहद चलाक लेकिन बेहद घटिया किस्म का ब्लैकमेलर है ।जो ब्लैक मेलिंग तक ही नहीं रुकता बल्कि क़त्ल और दूसरे और हथकंडे अपनाने पर भी उतर आता है। कहानी में लियोनार्ड कौन-कौन से हथकंडे आज़माता हैं?फ़रीदी किस प्रकार उसको अपनी गिरफ्त में लेता है ?इस बेहद सनसनीख़ेज़ कहानी को आवाज़ दी है नयनी दीक्षित ने..
दुःशासन शस्त्र-बल को सब कुछ समझता है। उसे धर्म-शास्त्र और धर्मज्ञों में कोई विश्वास नहीं है। इन्हें तो वह शस्त्र के आगे हारने वाले मानता है
एक आम लड़की की तरह सुमिता ने भी शादी के सुनहरे सपने देखे थे। सोम के रुप में जीवनसाथी को पाकर सुमिता जैसे खुशी से पागल सी हो गई थी। लेकिन उसका यह भ्रम बहुत जल्दी टूट गया। शादी के तीन दिन बाद ही उसे सोम की बीमारी का पता चला । उसे लगा कि जैसे वह ठगी गई है। तब, उसने एक अहम फैसला लिया।
महेंद्र लाल सरकार भारत के चिकित्सक, समाज सुधारक और वैज्ञानिक के रूप में प्रसिद्ध हुए ।इनके द्वारा ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस’ की स्थापना की गई।
नवीन का कंचन से प्रेम करना किंतु कह ना पाना इस कहानी को प्रेम के शिखर पर ले जाता है।
6 नवंबर 1861 को कनाडा के ओंटारियो में अलमोंटे शहर में जेम्स नाइस्मिथ का जन्म हुआ। उन्होंने मैकगिल यूनिवर्सिटी से शारीरिक शिक्षा में ग्रेजुएशन किया। साल 1959 को स्प्रिंगफील्ड, मैसाचुसेट्स में जेम्स नाइस्मिथ को बास्केटबॉल हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। खेल को ऐसे समय में पेश किया गया, जब स्कूलों को अलग कर दिया गया था।
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