Nasheni (नाशिनी)
Nasheni (नाशिनी)
Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Mitti Wale (मिट्टी वाले)
Narrator
गोपालदास नीरज की कविता संग्रह फिर फिर दीप जलेगा से ली गयी कविता मिट्टी वाले में कवि ने उन सभी पर कटाक्ष किया है जो मिट्टी का मोल लगाते ह़ै कवि का मानना है कोई भी इसका मोल नहीं लगा सकता। क्या इस मिट्टी का इतिहास इतना सस्ता है कि कुछ मोल चुका कर इसे कोई भी खरीद सकता है ?आज इसी मिट्टी के लिए हम युद्ध की स्थिति तक पहुंच जाते हैं, तो क्या ऐसी मिट्टी का कोई मोल हो सकता है ,वह तो अमूल्य है | कवि अपने स्पष्ट शब्दों में समझाना चाह रहा है कि यह मिट्टी अपना मोल नहीं चाहती बल्कि सिर्फ मिट्टी अपनी कुर्बानी चाहती है| कविता के माध्यम से इसका पूर्ण भाव को समझते हैं, भावना तिवारी की आवाज में…
Mane Chaakar Rakho Ji (मने चाकर राखो जी)
Mane Chaakar Rakho Ji (मने चाकर राखो जी)
Mai Vidrohi Hoon (मैं विद्रोही हूँ)
Mai Vidrohi Hoon (मैं विद्रोही हूँ)
Mai Maine Govind Lino Mol (माई मैंने गोविंद लीनो मोल)
Mai Maine Govind Lino Mol (माई मैंने गोविंद लीनो मोल)
Jago Vanshi Vale lalna (जागो बंसी वाले ललना)
Jago Vanshi Vale lalna (जागो बंसी वाले ललना)
Hari Gun Gavat Nachungi(हरि गुन गावत नाचूंगी)
Hari Gun Gavat Nachungi(हरि गुन गावत नाचूंगी)
Hari Gun Gavat Nachungi(हरि गुन गावत नाचूंगी)
Narrator
Genre
मीराबाई जी किस तरह भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन है इस पद में बताया गया है
Hai Ye Patjhad Ki Sanjh Piye (है यह पतझड़ की शाम, सखे!)
Hai Ye Patjhad Ki Sanjh Piye (है यह पतझड़ की शाम, सखे!)
Girje Se Ghante Ki Tan Tan (गिरजे से घंटे की टन-टन)
Girje Se Ghante Ki Tan Tan (गिरजे से घंटे की टन-टन)
Din Jaldi Jaldi Dhalta Hai (दिन जल्दी जल्दी ढलता है)
Din Jaldi Jaldi Dhalta Hai (दिन जल्दी जल्दी ढलता है)
Depak Par Parvane (दीपक पर परवाने आए)
Depak Par Parvane (दीपक पर परवाने आए)
Chal Basi Sandhya Gagan Se (चल बसी संध्या गगन से)
Chal Basi Sandhya Gagan Se (चल बसी संध्या गगन से)
Beet Chali Sandhya Ki Bela (बीत चली संध्या की वेला)
Beet Chali Sandhya Ki Bela (बीत चली संध्या की वेला)
Andhkaar Bhadta Jata Hai (अंधकार बढ़ता जाता है)
Andhkaar Bhadta Jata Hai (अंधकार बढ़ता जाता है)
Aham ki kara (अहम की कारा)
Aham ki kara (अहम की कारा)
Ab Nisha Nabh Se Utarti (अब निशा नभ से उतरती)
Ab Nisha Nabh Se Utarti (अब निशा नभ से उतरती)
Ab Nisha Deti Nimantran (अब निशा देती निमंत्रण )
Ab Nisha Deti Nimantran (अब निशा देती निमंत्रण )
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Teeno bandar bapu ke (तीनों बन्दर बापू के)
Narrator
Nazm Subhash ji ki likhi kahani adhoori khwaahish, badi khoobsoorti se, Umrao Jaan, jinke husn aur adaaon ke laakhon deewaane thei, unke dard aur unki man mein dafn ho chuki khwaahishon ka sajeev chitran karti hai. Unki ekAdhoori khwaahish jo bas un