कुसुम जिसे घाट पर बैठकर घंटो पानी की लहरें देखना अच्छा लगता था, अपने वैधव्य के बाद प्रेम में पड़कर उसे न पा सकने के दुख को बर्दाश्त न करते हुए उसी घाट पर उन्ही लहरों में समा गई।
कुसुम जिसे घाट पर बैठकर घंटो पानी की लहरें देखना अच्छा लगता था, अपने वैधव्य के बाद प्रेम में पड़कर उसे न पा सकने के दुख को बर्दाश्त न करते हुए उसी घाट पर उन्ही लहरों में समा गई।
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपनी बाल विधवा पड़ोसन से प्रेम तो करता है किंतु समाज और अन्य भय से कह नहीं पाता। वहीं उसका एक मित्र जो कि उसी से कविताएं सीखने आता है, उसी की लिखी कविताएं सुनाकर उसकी पड़ोसन से प्रेम विवाह कर लेता है।
फणिभूषण और मणिमल्लिका के प्रेम, मिलन और विछोह की रहस्यमई कहानी।
पाषाणी मृगमयी नाम की एक लड़की की कहानी है, जिससे अपूर्व नाम के लड़के को प्रेम होता है तथा वह उससे विवाह भी करता है। किंतु मृगमयी की प्रकृति से बचपना है की जाने का नाम नहीं लेता। परिस्थितियां विपरीत तब होती हैं जब अपूर्व कई वर्षो के लिए कलकत्ता चला जाता है और लौट कर नहीं आता…
अतृप्त आत्माओं से भरे एक महल की कथा जिसका एक एक पत्थर जिंदा व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
एक ऐसी मुसलमान राजकुमारी की कहानी जिसने अपनी सेना के हिंदु सेनापति के लिए अपना धर्म और राज्य सब छोड़ दिया लेकिन अपने प्रेम को ना प्राप्त कर सकी।
मिथ्याभिमान – Alka Saini (अल्का सैनी ) – Shivani Anand
सभी अनामिका की योग्यता से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते। किंतु उसका पति जयंत उसकी योग्यता की उड़ान को क्यों पिंजरे में बंद रखना चाहता है ?अनामिका क्यों ऐसा महसूस कर रही है कि जैसे उसके पति ने उसकी उड़ान को रोकने के लिए उसके पंख काट दिए हैं और फिर से वह आसमान से ज़मीन पर आ गिरी हो । जानिए इसके पीछे की कहानी अलका सैनी के द्वारा लिखी गई कहानी मिथ्याभिमान शिवानी आनंद की आवाज़ में..
Badalte (बदलते) – अल्का सैनी – Shivani Anand
समाज में लड़का ही सब कुछ होता है लड़की का कोई मोल नहीं? औरत को बार – बार अपने औरत होने का मोल क्यों चुकाना पड़ता है? मायका हो या चाहे ससुराल पुरुष प्रधान समाज में औरतों को ही क्यों अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ता है? आज महिमा भी इसी स्थिति में है कि आज उसके अपने भी उसे नहीं समझ पा रहे।पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं अलका सैनी की द्वारा लिखी गई कहानी बदलते रिश्ते ,शिवानी आनंद की आवाज़ में…
पांडु जेष्ठ पुत्र युधिष्ठिर धर्मराज के रूप में विश्व में जाने जाते रहे हैं |कहानी में इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण मिलता है| जब यक्ष के प्रश्नों का उत्तर युधिष्ठिर के अन्य भाई नहीं दे पाते हैं ,तो उन सबको मृत्यु प्राप्त हो जाती है किंतु युधिष्ठिर यक्ष के प्रश्नों के उत्तर देकर यक्ष को प्रसन्न कर देते हैं और अपना मनचाहा वरदान भी प्राप्त कर लेते हैं |कैसे? इसे जानने के लिए सुनते हैं महाभारत की कहानियों में से एक कहानी यक्ष और युधिष्ठिर संवाद भाग -1 शिवानी आनंद की आवाज में …
दुष्यंत एक होशियार और सीधा साधा लड़का है जिसकी जिंदगी एक लाक्षाग्रह तब बन गईं जब उसकी शादी मेघा से हुई जोकि एक मॉडर्न लड़की है जिसे न तो दुष्यंत की परवाह है न उसके परिवार या परिजनों की।
कहानी में प्रेम की पराकाष्ठा झलकती है| एक युवक जिसका नाम बलवंत है अर्बुद-गिरि राज्य की राजकुमारी को अपलक दृष्टि से देखता रहता है और प्रेम करता है| युवक को राजमहल लाया जाता है तो महारानी उसके आगे एक कठोर शर्त रखती हैं| क्या है वह युवक के लिए शर्त ? कौन है वह युवक ? क्या युवक शर्त को पूर्ण कर राजकुमारी से विवाह कर पाता है?क्या होता है इसको जानने के लिए सुनते हैं जयशंकर प्रसाद के द्वारा लिखी गई कहानी रसिया बालम, निधि मिश्रा की आवाज में
गर्मी की चिलचिलाती धूप और दूर-दूर तक सपाट सूखी धरती ।पानी का नामोनिशान नहीं।यहाँ वीरान खंडहरों में कुछ नंग-धडंग बच्चे और अम्माएँ। निपट अकेली, बिना किसी सहारे के कैसे रह रही हैं ?ना तन ढकने के लिए कपड़े और ना घर का कोई आदमी !
उस दिन मैं बिना कुछ सोचे हुए ही भाई निराला जी से पूछ बैठी थी,” आपके किसी ने राखी नहीं बांधी?” ” कौन बहन हम जैसे भुक्कड़ को भाई बनावेगी?” मे, उत्तर देने वाले के एकांकी जीवन की व्यथा थी, या चुनौती ? यह कहना कठिन है ।पर जान पड़ता है किसी अन्य चुनौती के आभास ने ही मुझे उस हाथ के अभिषेक की प्रेरणा दी। उनके अस्त-व्यस्त जीवन को व्यवस्थित करने के असफल प्रयास का स्मरण कर मुझे आज भी हंसी आ जाती है। संयोग से उन्हें कहीं से ₹300 मिले। उन्होंने मुझे अपने खर्च का बजट बनाने का आदेश दिया। अस्तु : नमक से लेकर नापित तक और चप्पल से लेकर मकान के किराए तक का अनुमान- पत्र मैंने बनाया। उन्हें पसंद आया ।पर दूसरे ही दिन वह सवेरे आ पहुँचे। ₹50 चाहिए किसी विद्यार्थी की परीक्षा शुल्क भरना है वरना—–
यह कहानी हिंदुस्तान- पाकिस्तान बंटवारे के समय की है |एक वृद्ध मुसलमान महिला अपनी बेटी की तलाश कर रही है उसे अपने ऊपर पूरा विश्वास है कि उसकी बेटी अभी जीवित है |यही बात उसे जीने का हौसला दे रही है |किंतु क्या उसका यह विश्वास सत्य है? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं सआदत हसन मंटो के द्वारा लिखी गई कहानी खुदा की कसम अनुपम ध्यानी जी की आवाज में…
Reviews for: Ghaat ki baat ( घाट की बात) – Part-2