राजा भोज को राजा विक्रमादित्य के देवताओं वाले गुणों की कथाएँ सुनकर उन्हें ऐसा लगा कि इतनी विशेषताएँ एक मनुष्य में असम्भव हैं और मानते हैं कि उनमें बहुत सारी कमियाँ है। अत: उन्होंने सोचा है कि सिंहासन को फिर वैसे ही उस स्थान पर गड़वा देंगे जहाँ से इसे निकाला गया है। सिंहासन के गड़वा पुनः देने के पश्चात आगे क्या हुआ ?इसे जानने के लिए सुनते हैं सिंहासन बत्तीसी की कहानियों में से एक कहानी बत्तीसवीं पुतली रानी रूपवती, शिवानी आनंद की आवाज में..
विवाह एक ऐसा बंधन है जिसमें बंधकर हर लड़की को अपने प्रियजनों से विदा लेनी पड़ती है। हेम भी इसी बंधन में बंध कर अपने पिता से दूर अपने ससुराल चली आई थी किंतु तब ये किसने जाना था कि यह विदा एक दिन अनंत कालीन विदा बन जाएगी|
शास्त्री जी किसी जजमान के यहां से जलपान करके मग्न होकर रास्ते में चले जा रहे होते हैं ,तभी अचानक से एक मोटर गाड़ी छप-छप करती हुई निकलती है और कीचड़ के छींटे उनके मुख और कपड़ों पर पड़ जाते हैं | शास्त्री जी इस बात का प्रतिशोध किस प्रकार मोटर चलाने वाले से लेते हैं? जानने के लिए सुनते हैं सुनते हैं रोचक कहानी मोटर की प्रेमचंद्र जी के द्वारा लिखी गई रोचक कहानी मोटर की छींटे ,सुमन वैद्य जी की आवाज में….
एक बार राजा विक्रमादित्य के सलाहकारों ने बताया कि पाताल लोक के राजा शेषनाग का ऐश्वर्य देखने लायक है| विक्रमादित्य ने सशरीर पाताल लोक जाकर उनसे भेंट करने की ठान ली |जब वह पाताल लोक पहुंचे तो शेषनाग उनके व्यवहार से अति प्रसन्न हुए और भेंट स्वरूप अलग-अलग खूबियों वाले चार बहुमूल्य रत्न उन्हें दिए |अब वापस मृत्युलोक पर लौटने पर राजा विक्रमादित्य ने उन बहुमूल्य बहुमूल्य रत्नों का क्या किया? इसे जानने के लिए सुनते हैं सिंहासन बत्तीसी की कहानियों में से एक कहानी सोलहवीं पुतली सत्यवती राजा विक्रमादित्य और पाताल लोक की यात्रा, शिवानी आनंद की आवाज में..
कहानी में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण अपने खेत में सांप के बिल के पास प्रतिदिन पूजा कर दूध रखता है और अगले दिन उसे दूध वाले पात्र में एक स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होती है | इसके आगे की कहानी जानने के लिए सुनते हैं पंचतंत्र की कहानियों में से एक कहानी ब्राह्मण और सर्प, शिवानी आनंद की आवाज में…
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