Lihaf (लिहाफ़)
Lihaf (लिहाफ़)
Lihaf (लिहाफ़)
Narrator
Genre
अम्मा जब आगरा जाने लगी तो हफ्ता भर के लिए उन्होंने मुझे बेगम जान के पास छोड़ दिया। नवाब साहब , बेगम जान से शादी करके कुल साज़-ओ- सामान के साथ ही घर में रखकर भूल गए ।बेगम जी जान छोड़ कर बिल्कुल ही यासो हसरत की पोट ही बन गई। रब्बो ने उन्हें नीचे गिरते- गिरते संभाल लिया साथ खाती, साथ उठती -बैठती और माशाअल्लाह! साथ ही सोती थी। रब्बो और बेगम जान आम जलसों और मज़मूओ की दिलचस्प गुफ्तगू का मौजूँ थी। जहाँ उन दोनों का जिक्र आया और कहकहे उठे। लोग जाने क्या-क्या चुटकुले गरीब पर उड़ाते।
Chauthi ka joda(चौथी का जोडा)
Chauthi ka joda(चौथी का जोडा)
Chauthi ka joda(चौथी का जोडा)
Narrator
Genre
कुबरा जवान थी। कौन कहता था कि कुबरा जवान थी ? वह तो जैसे बिस्मिल्लाह के दिन से ही अपनी जवानी की आमद की सुनावनी सुनकर ठिठक कर रह गई थी। ना जाने कैसी जवानी आई थी, कि ना तो उसकी आँखों में किरने थी। ना उसके रुखसारों के ऊपर जुल्फें परेशान हुई। ना उसके सीने पर तूफान उठे ।और ना उसने सावन भादो की घटाओं से मचल-मचल कर प्रीतम यह सावन माँगे।
Chueemui (छुई मुई)
Chueemui (छुई मुई)
Chueemui (छुई मुई)
Narrator
Genre
भाभी जान औसत दर्जे की खूबसूरत दुबली- पतली लड़की थी। जो शादी के बाद चंद ही सालों में फफोले की तरह नाजुक बन गयीं। शादी के दूसरे ही साल इन का सिलसिला हर वक्त थूकने और कै करने में गुजरने लगा। गदीले पोतड़े इस जोर -शोर से सिलने लगे जानो कल ही परसों में जच्चगी होने वाली है। मोटे ताबीजों से जिस्म पर तिल धरने की जगह ना रही ।जच्चगी अलीगढ़ में होगी ऐसा हुक्म पाकर भाभी जान के सफर की तैयारी शुरू हुई। डिब्बा पूरा अपने लिए रिजर्व था। ज्यूँ ही रेल रेंगी डिब्बे का दरवाजा खुला और एक कँवारी घुसने लगी । कुली ने बहु तेरा घसीटा मगर वह चलती रेल के पायदान पर ढीठ छिपकली की तरह लटक गयी।और रेंग कर गुसल खाने के दरवाजे से पीठ लगा कर हाँफने लगी । बी मुगलानी ने पूछा क्या पूरे दिन से हैं ?उसने हाँ में सिर हिलाया ।उसके चेहरे की सारी रगे खिँचने लगी। वह दर्द को घोटने लगी और बिल्कुल भाभी जान की जूतियाों के पास लाल-लाल गोश्त की बोटी आन पड़ी ।आड़ी होकर उसने उसे उठा लिया। फिर उसने ओढ़नी से धज्जी फाड़ कर नाल को कसकर बाँध दिया ।खुर्जा पर गाड़ी रुकी तो उसने डिब्बे का दरवाजा खोला और पैर तौलती हुई उतर गई।
Baag ki sinchai(बाग की सिंचाई)
Baag ki sinchai(बाग की सिंचाई)
Baag ki sinchai(बाग की सिंचाई)
एक बार विजय नगर में सूखे की स्थिति आ गई |तेनाली रामा ने जो बाग लगाया था वह भी सूख चुका था |तेनाली रामा ने किस प्रकार उपाय करके अपने बाग की सिंचाई कराई |इस रोचक घटना को जानने के लिए सुनते हैं तेनाली रामा की कहानियों में से एक कहानी बाग की सच्चाई शिवानी आनंद की आवाज में
Rasgulle ki jad (रसगुल्ले की जड़)
Rasgulle ki jad (रसगुल्ले की जड़)
Rasgulle ki jad (रसगुल्ले की जड़)
ईरान का एक व्यापारी चांद खान जब भारत आया तो उसे गन्ने बहुत पसंद आए और वह गन्ने को रसगुल्ले की जड़ के नाम से जानने लगा| जब दोबारा चांद खां के सामने रसगुल्ले पेश किए गए किए गए तो उसने रसगुल्ले की जड़ के बारे में प्रश्न किया? अब तेनालीरामा ने किस प्रकार चांद खान कि इस गलतफहमी को दूर किया |पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं तेनाली रामा की कहानियों में से एक कहानी “ रसगुल्ले की जड़ “शिवानी आनंद की आवाज में…
Sunehra podha (सुनहरा पौधा)
Sunehra podha (सुनहरा पौधा)
Sunehra podha (सुनहरा पौधा)
राजा कृष्णदेव राय के प्रिय सुनहरे पौधे को बकरी के खा जाने पर माली को दिए जाने वाले दंड को किस प्रकार तेनाली रामा राजा को अनुचित निर्णय लेने से रोकते हैं ?पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं तेनाली रामा की कहानियों में से एक कहानी सुनहरा पौधा शिवानी आनंद की आवाज में
Naya vivah (नया विवाह)
Naya vivah (नया विवाह)
Naya vivah (नया विवाह)
Narrator
लीला ,लाला डंगामल पहली पत्नी है| जो पूरा जीवन लाला जी के लिए समर्पित कर देती है |किंतु लालाजी हमेशा उसकी उपेक्षा करते रहते हैं और अंत में मिला यही दर्द लेकर लीला मृत्यु को प्राप्त हो जाती है |अब लालाजी ने दूसरा विवाह कर लिया है| क्या लाला जी के जीवन में कुछ बदलाव आएगा या उनका व्यवहार वैसा ही रहेगा? पूरी कहानी जानने के लिए सुनते हैं प्रेमचंद्र जी के द्वारा लिखी गई कहानी नया विवाह ,सुमन वैद्य की आवाज में
Paradheen ( पराधीन)
Paradheen ( पराधीन)
Paradheen ( पराधीन)
Narrator
कहानी जीवन की उस सत्यता से परिचय कराती है कि इंसान तभी अपनों की अहमियत का एहसास करता है, जब वह व्यक्ति उसके पास नहीं होता | कहानी में 62 वर्ष के राजीव निगम को जब सुबह यह पता चलता है कि उसकी पत्नी आरती रात में उसे और घर को छोड़कर कहीं चली गई है | तब राजीव निगम एहसास करता है कि आखिर 40 वर्ष साथ गुजारने के बाद, इस उम्र में आरती को यह कठोर फैसला क्यों लेना पड़ा होगा |धीरेंद्र अस्थाना की बेहद रोचक और दिल को छू लेने वाली कहानी है ‘पराधीन ‘,सुनते हैं नयनी दीक्षित की आवाज में…
Bill aur Dana ( बिल और दाना)
Bill aur Dana ( बिल और दाना)
Bill aur Dana ( बिल और दाना)
Narrator
कहानी में बड़ी सहजता के साथ ही समझा जा सकता है कि आखिर सत्य क्या है ?खाना, कपड़ा और मकान जिंदगी का सबसे बड़ा सत्य है| इसी बीच मनुष्य की धूर्तता उतना ही बड़ा सच है ,किस तरह मनुष्य अपने जोड़-तोड़ से इस संसार को चला रहा है और यही जोड़-तोड़ से युगों -युगों तक संसार में चलता रहेगा लेकिन रोटी, कपड़ा और मकान का सत्य कभी नहीं बदलेगा कैसे ? सुनते हैं हैं रांगेय राघव के द्वारा लिखी गई कहानी ‘बिल और दाना ‘,नयनी दीक्षित की खूबसूरत आवाज में …
Parwaz ( परवाज़)
Parwaz ( परवाज़)
Parwaz ( परवाज़)
Narrator
खूबसूरत नज़्म परवाज़ इस बात का एहसास दिला रही है जब ऐसे वक्त में जब खामोशी आपका साथी बन रही हो और जिन -जिन बातों पर नाज़ करते हो वह आपका साथ छोड़ने लगे, ऐसे उदासीन वक्त में फिर से एक बार कोई आके उन उदासीन पलों को फिर से रंगीन कर दें और जिंदगी फिर से एक नई उड़ान भरने लगे ।सुनते हैं राकेश रविकांत टाक की नज़्म परवाज़, नयनी दीक्षित की आवाज में …
Major Dhyan Chand
Major Dhyan Chand
Major Dhyan Chand
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जीवन गाथा पर पहली बार एक घंटे की बायोपिक फ़िल्म । इसमें ध्यानचंद की ज़िंदगी के अनेक अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है | ध्यानचंद हॉकी के इतने दीवाने थे कि पेड़ से हॉकी के आकार की लकड़ी काटकर उससे रात रात भर चाँद की रौशनी में हॉकी खेला करते थे। यह सब आप सुन सकते हैं खुद मेजर ध्यानचंद की अपनी आवाज़ में | डॉन ब्रेडमेन ने ध्यानचंद से कहा, आप तो ऐसे गोल करते हैं जैसे मैं क्रिकेट में रन बनाता हूँ | हिटलर उनके के खेल का इतना दीवाना था कि उसने उन्हें जर्मन सेना में फील्ड मास्टर बनने का प्रस्ताव दिया, जिसे ध्यानचंद ने इंकार कर दिया। ज़िंदगी में उन्होंने हज़ार गोल से ज़्यादा किए | यह कभी न टूटने वाला रिकॉर्ड है | हॉकी का ये बेमिसाल जादूगर ज़िंदगी के आख़िरी दिनों में पैसों के लिए मोहताज़ रहा | कमेंटेटर गुरुदेवसिंह से उन्होंने फोटो खींचने के लिए मना कर दिया था क्योंकि उनका पैन्ट फटा हुआ था और वो नहीं चाहते थे कि ऐसा फोटो देख कर नई पीढ़ी हॉकी खेलना छोड़ देगी | देखिए मेजर ध्यानचंद की जीवन गाथा पर बनी एक शानदार फ़िल्म।
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 4)
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 4)
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 4)
‘Main Jagjit’ — An exclusive series by RSTV chronicles the outstanding life of the beloved Ghazal maestro Jagjit Singh. Jagjit Singh – A man for all seasons, Popularly known as the ‘Ghazal King’, sang and composed a number of memorable Ghazals, folk & devotional songs which are highly acclaimed by both critics and people world over. There is another world behind Jagjit Singh’s musical legacy which is equally interesting and exciting. Watch the Fourth episode of ‘Main Jagjit’ series where we unravel and explore more about Jagjit Singh, his life, his popularity around the world of Singh. Anchor: Rajesh Badal
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 5)
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 5)
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 5)
‘Main Jagjit’ — An exclusive series by RSTV chronicles the outstanding life of the beloved Ghazal maestro Jagjit Singh.
Jagjit Singh – A man for all seasons, Popularly known as the ‘Ghazal King’, sang and composed a number of memorable Ghazals, folk & devotional songs which are highly acclaimed by both critics and people world over.
There is another world behind Jagjit Singh’s musical legacy which is equally interesting and exciting. Watch the Fourth episode of ‘Main Jagjit’ series where we unravel and explore more about Jagjit Singh, his life, his popularity around the world of Singh.
Anchor: Rajesh Badal
Kundan Lal Saigal ‘Sur Samrat’ (Part 2)
Kundan Lal Saigal ‘Sur Samrat’ (Part 2)
Kundan Lal Saigal ‘Sur Samrat’ (Part 2)
‘Sur Samrat’ – An exclusive series in two part by RSTV chronicles the outstanding life of the first superstar of Hindi film industry Kundan Lal Saigal. Kundan Lal Saigal was a singer, and actor in the early days of the Indian cinema. As a young man K L Saigal had several occupations. After he dropped out of school, he worked for a while as a railway timekeeper. Later he worked as a typewriter salesman this later occupation gave him the opportunity to travel widely in India. Watch the first episode of Sur Samrat series where we unravel and explore more about K L Saigal, his life, his popularity around the world. Anchor: Rajesh Badal
Kundan Lal Saigal ‘Sur Samrat’ (Part 1)
Kundan Lal Saigal ‘Sur Samrat’ (Part 1)
Kundan Lal Saigal ‘Sur Samrat’ (Part 1)
‘Sur Samrat’ – An exclusive series in two part by RSTVchronicles the outstanding life of the first superstar of Hindi film industry Kundan Lal Saigal. Kundan Lal Saigal was a singer, and actor in the early days of the Indian cinema. As a young man K L Saigal had several occupations. After he dropped out of school, he worked for a while as a railway timekeeper. Later he worked as a typewriter salesman this later occupation gave him the opportunity to travel widely in India. Watch the second episode of Sur Samrat series where we unravel and explore more about K L Saigal, his life, his popularity around the world and death of K L Saigal.
Maithili Sharan Gupt
Maithili Sharan Gupt
Maithili Sharan Gupt
राष्ट्रकवि, लेखक और पत्रकार मैथिलीशरण गुप्त की ज़िंदगी पर पहली बार एक घंटे की बायोपिक फ़िल्म। इस फ़िल्म में मैथिलीशरण गुप्त की ज़िंदगी के अनेक अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है। ब्रजभाषा में अपनी कविता शुरू करने वाले मैथिलीशरण गुप्त महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से खड़ी बोली हिंदी के अग्रणी कवि बन गए। उन्होंन खड़ी बोली को एक काव्य-भाषा के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । साहित्य जगत में दद्दा नाम से लोकप्रिय मैथिलीशरण गुप्त की कालजयी कृति भारत-भारती ने राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान नई राजनीतिक और सामाजिक चेतना जगाई। राष्ट्रवाद और ऐतिहासिक गौरव को आधार बनाकर उन्होंने अनमोल रचनाएं की। अपनी बेबाक लेखनी के लिए मैथिलीशरण गुप्त को आज़ादी के आंदोलन के दौरान जेल भी जाना पड़ा। अपने शानदार साहित्यिक लेखन के लिए पद्म भूषण से सम्मानित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण की जीवन गाथा पर बनी एक शानदार फ़िल्म।
Anchor: Rajesh Badal
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 3)
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 3)
Jagjit Singh ‘Main Jagjit’ (Part 3)
‘Main Jagjit’ — An exclusive series by RSTV chronicles the outstanding life of the beloved Ghazal maestro Jagjit Singh. As we have shown the jagjit and chitra singh Ghazal legacy in the second part. We will now see how pain and melancholy in Jagjit’s voice gave vent to the feelings of many. We will also explore how he revived Ghalib’s poetry into melodious Ghazals and musical. Jagjit Singh – A man for all seasons, Popularly known as the ‘Ghazal King’, he sang and composed a number of memorable Ghazals, folk & devotional songs which are highly acclaimed by both critics and people world over. There is another world behind Jagjit Singh’s musical legacy which is equally interesting and exciting. Watch the ‘Main Jagjit’ series, where we unravel and explore more about Jagjit Singh, his life, his music and his wife Chitra Singh.
Anchor: Rajesh Badal
Zohra Sehgal
Zohra Sehgal
Zohra Sehgal
Rajya Sabha TV brings to you ‘Virasat’, a series which explores the life and times of distinguished artistes from various fields. In the first episode of this series, watch a biopic on the legendary actor and choreographer, Zohra Sehgal.
Anchor: Rajesh Badal