Dahaad (दहाड़)
Dahaad (दहाड़)
10
Aawaz (आवाज़)
Aawaz (आवाज़)
2.5
Nirmaan (निर्माण)
Nirmaan (निर्माण)
10
Chaand tumhe dekha hai (चांद तुम्हें देखा है)
Chaand tumhe dekha hai (चांद तुम्हें देखा है)
×
Chaand tumhe dekha hai (चांद तुम्हें देखा है)
Narrator
बादल के घूँघट से बाहर जब भी तू निकला है मैं क्या मेरे साथ समन्दर तक मीलों उछला है आसन पर बैठे जोगी को जोग लगे बेकार|| चांद को देखकर कवि की मन में क्या-क्या भावनाएं आ रही है?अपनी खूबसूरत आवाज में प्रमोद तिवारी जी की प्रस्तुति |चांद तुम्हें देखा है”…
Nadi (नदी)
Nadi (नदी)
Badal (बादल)
Badal (बादल)
Yaad bahut aate hain (याद बहुत आते हैं)
Yaad bahut aate hain (याद बहुत आते हैं)
10
×
Bargad (बरगद)
Bargad (बरगद)
9.0
Mazhab (मज़हब)
Mazhab (मज़हब)
9.3
Maa ki Shrishti Pooja (माँ की सृष्टि पूजा)
Maa ki Shrishti Pooja (माँ की सृष्टि पूजा)
Akele nahi ho tum (अकेले नही हो तुम)
Akele nahi ho tum (अकेले नही हो तुम)
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Akele nahi ho tum (अकेले नही हो तुम)
Narrator
हमारे जांबाज सैनिक सीमा पर डट कर ,दिन -रात मेहनत कर दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं ,|उन्हीं के लिए कमल मुसद्दी की रचना तुम अकेले नहीं हो”, जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया है कि आप हमें हमारे साथ हैं, तो हर हालात में हम भी आपके साथ हैं|सुनते हैं इस खूबसूरत रचना को कमल मुसद्दी की आवाज में..
Deep mere jal akampit (दीप मेरे जल अकम्पित)
Deep mere jal akampit (दीप मेरे जल अकम्पित)
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Deep mere jal akampit (दीप मेरे जल अकम्पित)
Narrator
“दीपशिखा”,महादेवी वर्मा का पाँचवाँ कविता-संग्रह है। इस संग्रह के गीतों का मुख्य प्रतिपाद्य स्वयं मिटकर दूसरे को सुखी बनाना है। दीपशिखा के संग्रह से लिया गया गीत “दीप मेरे जल अकम्पित” सीमा अग्रवाल की आवाज में