16 नवंबर 1930 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक ब्राह्मण परिवार में मिहिर सेन का जन्म हुआ था|पूरी दुनिया को और खासकर यूरोप को दिखा देना चाहते थे कि भारतीय कितने सक्षम हैं| ऐसा करने के लिए वे बस तैरना चाहते थे और जीतना चाहते थे|
6 अक्टूबर 1860 ब्रिटिश काल में भारतीय दंड संहिता( IPC) पारित हुआ ।उस समय इसकी रचना लॉर्ड मैकाले की अध्यक्षता में गठित प्रथम भारतीय विधि आयोग द्वारा की गई ।यह कानून अपराधों को बताता है तथा अपराधों की सज़ा और ज़ुर्माना भी तय करता है। IPC में कई बार संशोधन हुआ. जिसमें कई बार अपराध जोड़े भी गए तो कई बार अपराध हटाए भी गए।
स्वर्गीय चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा सामाजिक समानता के प्रबल पक्षधर थे, उनके प्रयासों के चलते इस बांध का निर्माण संभव हुआ। 22 अक्टूबर 1963 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस बांध को राष्ट्र को समर्पित किया।
मीरा बेन का जन्म इंग्लैंड में साल 1892 को 22 नवंबर के दिन हुआ था। उनका असली नाम मेडेलीन स्लेड था। मेडेलीन मुंबई के नौसेना के ईस्ट इंडीज स्क्वाड्रन में कमांडर इन चीफ के पद पर तैनात सर एडमंड स्लेड की बेटी थीं। गाँधीजी के व्यक्तित्व के जादू में बँधी सात समंदर पार देश हिंदुस्तान चली आई और फिर यहीं की होकर रह गईं। गाँधी ने उन्हें नाम दिया था – ‘मीरा बेन’।
स्वेज नहर मिस्र में भूमध्य सागर पर बन्दरगाह सईद से दक्षिण की ओर स्वेज शहर (स्वेज की खाड़ी के उत्तरी किनारे पर स्थित) तक 120 मील तक फैली हुई है। नहर मिस्र के बड़े हिस्से को सिनाई प्रायद्वीप से अलग करती है। इसे बनने में 10 साल लगे और इसे आधिकारिक तौर पर 17 नवंबर, 1869 को खोला गया।
पद्मश्री उड़न सिख मिल्खा सिंह का जन्मदिन है। स्वर्गीय मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर,1929 को मौजूदा पाकिस्तान के गोविंदपुरा शहर में हुआ था। उनका जीवन खेल को ही समर्पित रहा। मिलखा सिंह मरते दम तक खिलाड़ियों में जोश भरने का काम करते रहे।
2 साल पहले की बात है आज करमांवाली, डोली वाली लड़की ,एक औरत बन चुकी है| शादी के बाद करमांवाली के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह उसके चेहरे पर साफ -साफ झलक रहा है |आज जब लेखिका की पुनः करमांवाली से मुलाकात होती है तो लेखिका ने करमांवाली के संघर्ष को कहानी का रूप दिया है| करमांवाली के जीवन को अमृता प्रीतम ने किस तरीके से कहानी का रूप दिया है? जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी मेहरा की अवाज़ में कहानी करमांवाली…2 साल पहले की बात है आज करमांवाली, डोली वाली लड़की ,एक औरत बन चुकी है| शादी के बाद करमांवाली के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह उसके चेहरे पर साफ -साफ झलक रहा है |आज जब लेखिका की पुनः करमांवाली से मुलाकात होती है तो लेखिका ने करमांवाली के संघर्ष को कहानी का रूप दिया है| करमांवाली के जीवन को अमृता प्रीतम ने किस तरीके से कहानी का रूप दिया है? जानने के लिए सुनते हैं अनुर्वी मेहरा की अवाज़ में कहानी करमांवाली…
रणभूमि का शव tu बन जा, पर रंगमंच की प्रीत ना बन” वास्तविकता में जीवन इसी भांति जीना चाहिए | कविता के शब्दों मे रूप से स्पष्ट रूप से प्रकट किया गया है |अनुपम ध्यानी की आवाज में कविता” Ban, na Ban “…
ब्रह्म समाज की स्थापना और सती प्रथा जैसी प्रथा के अलावा भारतीय समाज में व्याप्त ज्वलंत मुद्दों पर जन-जन तक एक नवीन चेतना को जागृत करने में अहम भूमिका निभाने वाले राजा राममोहन राय का निधन 27 सितंबर 1833 को हो गया
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