लीला सेठ का जन्म लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 20 अक्टूबर, 1930 को हुआ। लीला सेठ बचपन में ही पिता की मृत्यु के बाद विधवा मां के सहारे पली-बड़ीं और मुश्किलों का सामना करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जैसे पद तक पहुंचने का सफर पूरा किया
पिकासो ने 1907 से क्यूबिज़्म की शैली में काम किया। इस प्रवृत्ति को ज्यामितीय आकृतियों के उपयोग से अलग किया जाता है जो वास्तविक वस्तुओं को आदिम आकृतियों में तोड़ते हैं|मानव वेदना का जीवित दस्तावेज कहीं जाने वाली इन कलाकृतियों को बनाने के लिए पिकासो ने अपना सब कुछ कल को समर्पित कर दिया|
20 नवंबर एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि इसी दिन 1959 में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासभा ने बाल अधिकारों को अपनाने की घोषणा की थी| विश्व बाल दिवस को पहली बार 1954 में सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया गया था और प्रत्येक वर्ष 20 नवंबर को मनाया जाता है|
भारतीय नृत्य सम्राट शंभू महाराज का वास्तविक नाम ‘शंभूनाथ मिश्रा’ था। नृत्य के संग ठुमरी गाकर उसके भावों को विभिन्न प्रकार से इस अदा से शंभू महाराज प्रदर्शित करते थे कि दर्शक मुग्ध हुए बिना नहीं रह सकते थे ।शंभू महाराज को 1967 में ‘संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप’ से तथा 1956 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महज़ 21 वर्ष की आयु में वीर योद्धा सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल नेअपनी मातृभूमि के लिए शहीद हो गए ।दुश्मन के 10 टैंक्स में 5 टैंक्स अकेले उन्होंने नष्ट किया ।उन्हें ‘बसंतर के युद्ध’ का युद्धा के नाम से भी जाना जाता है। भारत सरकार ने सर्वोच्च सैन्य अलंकरण परमवीर चक्र से सम्मानित किया।
9 नवंबर 1953 को कंबोडिया आजाद मुल्क बन गया| लेकिन इसके लोकतंत्र बनने में अभी समय था. सत्ता का केंद्र थे राजा नॉरडम सिहानुक|
हिमालय पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना 4 नवंबर, 1954 में भारत में पर्वतारोहण को क्रीड़ा के रूप में बढ़ावा देने हेतु की गई थी|1953 में तेंज़िंग नाॅरगे और एडमंड हिलेरी द्वारा एवरेस्ट की चोटी पर पहला मानव कदम रखा गया|
सत्य की जीत के इस प्रसंग में द्रौपदी द्युत सभा में कौरवों के छल कपट से खेले जाने वाले द्युत क्रीड़ा का पुरज़ोर विरोध कर रही है समस्त धर्माचार्य भीष्म पितामह द्रोणाचार्य विदुर सहित सभी द्रोपदी का साथ देते हुए कौरवों के छल कपट का विरोध कर रहे हैं । द्वारिका प्रसाद महेश्वरी के द्वारा लिखी गई महाभारत में द्युत सभा का वर्णन नयनी दीक्षित की आवाज़ में
मुंशी राम सेवक की सारी धाक मिट्टी में मिल गई। बूढ़ी विधवा, मूंगा के पैसे हड़प करना उन्हें रास ना आया। ब्राह्मणी मूंगा ने उनके द्वार पर प्राण क्या त्यागे, सारे गाँव ने उनसे मुँह मोड़ लिया ।मूंगा के भूत का डर अलग से सताने लगा। पत्नी नागिन चल बसी। बेटा रामगुलाम रिफारमेंट्री स्कूल में भर्ती हो गया ।और खुद रामसेवक साधु हो गए। गरीब की हाय उनके पूरे परिवार को लील गई।
8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने रात को 8 बजे अचानक राष्ट्र को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि रात 12 बजे के बाद 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद कर दिया जाएगा |अर्थव्यवस्था के लिए काला धन खतरा बन जाता है। इसके चलते अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने के लिए नोटबंदी की घोषणा की गई थी।
पांडुरंग शास्त्री एक दार्शनिक, आध्यात्मिक नेता, समाज सुधारक के रूप में जाने वाले एक जाना- माना नाम है। उनके द्वारा स्वाध्याय आंदोलन और स्वाध्याय परिवार की स्थापना की गई ।श्री भगवतगीता पर आधारित आत्मज्ञान आंदोलन उनमें से एक है। उनके जन्म दिवस को ‘मनुष्य गौरव दिन’ के रूप में मनाया जाता है 1999 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
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